कॉफी का स्वाद को महक हर किसी को लुभाती है। इसी के चलते अधिकतर लोग दिन की शुरूआत चाय की जगह कॉफी की एक प्याली से करते हैं। इसे पीने के बाद लोग खुद को एक्टिव और एनर्जी से भरपूर महसूस करने लगते हैं। अगर आपकी गिनती भी उन लोगों में होती है, जो कॉफी लवर हैं, तो इस बात चुटकी भर हल्दी को मिलाकर इसे और भी पौष्टिक बनाया जा सकता है। करक्यूमित कंपाउड से भरपूर हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी.इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसे जब कॉफी के साथ मिलाया जाता है तो एके पावरफुल कॉम्बीनेशन तैयार हो जाता है। इन दो सुपरफूड्स को मिलाकर से शरीर को कई लाभ मिलते हैं। अगर आप वेटलॉस जर्नी पर है, तो ये पेय पदार्थ आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। जानते हैं हल्दी कॉफी के फायदे (Turmeric coffee benefits) ।
हल्दी कॉफी एक हेल्थ फोकस्ड पेय पदार्थ है, जिसे कॉफी के स्ट्रांग फ्लेवर और हल्दी के औषधीय गुणों को मिलाकर तैयार किया जाता है। डायटीशियन वर्षा गोरे कहती हैं, हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो एंटी.इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर है। हल्दी कॉफी से सुबह की ऊर्जा बनी रहती है और इससे स्वास्थ्य को कई फायदे प्रदान मिलते है। ये उन लोगों के लिए विशेष रूप से हेल्दी विकल्प है है जो स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक पेय की तलाश में है।
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कंपाउंड पूरे शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। ड्रग डिज़ाइन, डेवलपमेंट एंड थेरेपी जर्नल में 2021 में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव करक्यूमिन की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। इसके अलावा न्यूट्रिएंट्स जर्नल में प्रकाशित 2021 के रिसर्च के अनुसार, कॉफी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इससे गठिया और मांसपेशियों में दर्द जैसी स्थितियों के प्रबंधन के लिए फायदेमंद हो सकता है।
हल्दी और कॉफी दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हैं। एक्सपर्ट के अनुसार कॉफी में क्लोरोजेनिक एसिड होता है, जो फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम कर देता है। एंटीऑक्सीडेंट जर्नल में रिसर्च के अनुसार, करक्यूमिन में एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि होती है जो ऑक्सीडेटिव तनाव के स्तर को कम करती है। यह शक्तिशाली संयोजन सेलुलर मरम्मत का समर्थन करता है और समय से पहले बूढ़ा होने के जोखिम को कम कर सकता है।
हल्दी का सेवन करने से सर्दियों से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। एक्सपर्ट के अनुसार इसकी जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटीफंगल प्रॉपर्टीज़ इसे संक्रमण, सर्दी और मौसमी फ्लू से लड़ने के लिए मज़बूत बनाती हैं। ट्रेंड्स इन फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित शोध के अनुसार कॉफी में क्लोरोजेनिक एसिड और कैफ़ेस्टोल जैसे कंपाउंड पाए जाते हैं, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाए रखने में मदद मिलती है।
हल्दी बाइल प्रोड्क्शन को उत्तेजित करती है, जिससे वसा के टूटने में सहायता मिलती है और पाचन सुचारू रहता है। हल्दी को जब कॉफ़ी के साथ मिलाया जाता है, तो इससे पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे सूजन और अपच को कम करने में मदद करता है। साथ ही आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखता है।
कॉफी में मौजूद कैफीन फोकस और सतर्कता को बेहतर बनाता है। वहीं हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन मस्तिष्क की सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों को रोकने में मदद करता है। एक्सपर्ट के अनुसार हल्दी और कॉफी को मिलाकर पीने से मेमोरी बूस्ट होती है और भावनात्मक स्वास्थ्य उचितबना रहता है।
एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण मुंहासों को कम करते हैं। इससे त्वचा पर बढ़ने वाली लालिमा को कम कर सकते हैं और त्वचा की रंगत को भी निखार सकते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार कॉफी से ब्लड का सर्कुलेशन उचित बना रहता है। इससे त्वचा की कोशिकाओं को पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है, जिससे त्वचा की चमक बनी रहती है।
हल्दी वाली कॉफी शरीर की चर्बी कम करने में भी मदद करती है। 2019 में फ्रंटियर्स इन फार्माकोलॉजी में छपी रिपोर्ट के अनुसार, करक्यूमिन का सेवन शरीर के वजन को कम करता है। वहीं, क्रिटिकल रिव्यूज़ इन फ़ूड साइंस एंड न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित 2018 के एक शोध के अनुसार कॉफ़ी में मौजूद कैफीन वजन और शरीर की चर्बी घटाने में मदद करता है।
एक्सपर्ट के अनुसार करक्यूमिन की बायो अवेलिटीलिटी कम होती है, यानि ये शरीर में आसानी से अवशोषित नहीं हो पाती है। इस पेय पदार्था के स्वास्थ्य लाभों को बढ़ाने के लिए, इन सामग्रियों को शामिल करें।
काली मिर्च में पिपेरिन पाया जाता है, जो एक प्राकृतिक कंपाउंड है। इससे करक्यूमिन के अवशोषण को बढ़ावा मिलता है। इसके लिए काली मिर्च को दरदरा पीसकर हल्दी के साथ मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
करक्यूमिन फैट्स में घुलनशील है। ऐसे में हल्दी को नारियल तेल या फुल फैट मिल्क में मिलाकर सेवन करने से अवशोषण बेहतर होता है।
गर्म करने से करक्यूमिन की सक्रियता बढ़ जाती है। ऐसे में हल्दी को सीधे गर्म कॉफी में डालना या दूध में उबालकर पीने से लाभ मिलता है।
दालचीनी और अदरक न केवल स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि बेहतर पाचन और अन्य स्वास्थ्य लाभों के लिए हल्दी में मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है।
तैयार कॉफी 1 कप
हल्दी पाउडर 1/4 चम्मच
काली मिर्च 1 चुटकी
दालचीनी पाउडर 1/4 चम्मच
नारियल का तेल 1/2 चम्मच
दूध 1/2 कप
एक्सपर्ट के अनुसार रोज़ाना 1 कप हल्दी कॉफी का सेवन काफी है। शरीर में करक्यूमिन की अधिकता से बचने के लिए प्रति सर्विंग में आधे चम्मच से ज़्यादा हल्दी पाउडर का इस्तेमाल न करें। यदि आप इसे अधिक मात्रा में पीते हैं, तो इससे कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
हल्दी का अधिक सेवन संवेदनशील व्यक्तियों में मतली, दस्त या पेट खराब होने का कारण बन सकता है।
बाइल प्रोडक्शन को हल्दी उत्तेजित करती है, जो गॉल स्टोन या अन्य पित्ताशय की थैली की समस्याओं को बढ़ा सकती है।
वे लोग जो कुछ खाद्य पदार्थो के प्रति संवेदनशील होते हैं। उन्हों हल्दी का ज्यादा सेवन करने से रैशेज़ या त्वचा की जलन जैसी एलर्जी प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं।
रक्त को पतला करने वाले प्राकृतिक गुण होते हैं। इससे ब्लड क्लॉटस की समस्या हल हो जाता है और हृदय संबधी समस्याओं का जोखिम कम हो जाता है।
अधिक हल्दी आयरन अवशोषण को बाधित कर सकती है, जो एनीमिया वाले लोगों के लिए समस्याग्रस्त हो सकती है।
कैफीन में ड्यूरेटिक गुण होते है, जिससे बार बार यूरिन पास करने की समस्या बनी रहती है। ऐसे में इस पेय को अधिक मात्रा में पीने से निर्जलीकरण का सामना करना पड़ता है।