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इम्युनिटी और फर्टिलिटी बढ़ाना चाहती हैं, तो हर रोज खाएं 1 चम्मच सहजन के बीज, जानिए ये कैसे काम करते हैं

सहजन के बीज शरीर को संपूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। मस्तिष्क, स्किन, हेयर और इन्फ्लेमेशन के कारण होने वाले रोगों से बचाव के लिए रोज खाएं 1 चम्मच सहजन के बीज।
इम्युनिटी और फर्टिलिटी बढ़ाना चाहती हैं, तो हर रोज खाएं 1 चम्मच सहजन के बीज चित्र : एडोबी स्टॉक
Published On: 4 Apr 2023, 08:00 am IST

गर्मी का मौसम नजदीक है। इन दिनों सुपर मार्केट सहजन (Moringa Oleifera) से भरा हुआ है। इसकी खरीदारी भी खूब होती है। दरअसल, सहजन और सहजन के बीज का प्रयोग (Drumstick seeds Benefits) हेल्दी डाइट तैयार करने में खूब होता है। सहजन के बीज यदि आप रोज खायेंगी, तो इससे न सिर्फ मस्तिष्क, स्किन और हेयर हेल्थ को फायदा (Drumstick seeds Benefits) मिलेगा, बल्कि इन्फ्लेमेशन के कारण होने वाले रोगों से बचाव भी हो सकेगा।

रोगों से करता है बचाव (Disease Prevention) 

कोल्हापुर के शिवाजी विश्वविद्यालय में सहजन के बीज के उपयोग पर शोध किया गया। इसके निष्कर्षों को इंडिया इंटरनेशनल साइंस कांग्रेस एसोसिएशन जर्नल में भी स्थान दिया गया। इसमें यह बताया गया कि सहजन उत्तर पश्चिमी भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के उप-हिमालयी भागों का मूल वृक्ष है। यह एक मल्टी पर्पज पेड़ है। सहजन के पेड़ की छाल, पत्ती, फल, बीज और बीज के तेल (Drumstick Seeds Oil) का भी उपयोग शरीर की ताकत बढाने और रोगों से बचाव करने के लिए किया जाता है।

1 टेबल स्पून बीज का प्रयोग प्रतिदिन  (How to take Moringa) 

फ़ूड और ब्रेन हेल्थ जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, सहजन के बीज को किसी भी भोजन के साथ जोड़ा जा सकता है। बीज को पाउडर रूप में भी लिया जा सकता है। संपूर्ण शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रति दिन 1 टेबल स्पून बीज का प्रयोग किया जा सकता है। सहजन के बीज के पाउडर को खाली पेट पानी के साथ ले सकती हैं। सलाद पर छिड़ककर या स्मूदी, चटनी या दाल-चावल के साथ मिक्स कर भी खाया जा सकता है।

पोषक तत्व (Drumstick Seeds Nutrition)

फ़ूड साइंस एंड न्यूट्रिशन में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, भारतीय सहजन (M. Olifera) के बीज क्रूड प्रोटीन और क्रूड लिपिड से भरपूर होते हैं। इनमें प्रोटीन की मात्रा 40.34% तक होती है। क्रूड लिपिड की मात्रा 39.12% होती है। इनके अलावा, सोडियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे मैक्रोलेमेंट्स भी मौजूद होते हैं।

मस्तिष्क के लिए फायदेमंद (Brain Health)

फ़ूड और ब्रेन हेल्थ जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, मोरिंगा के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड भी होता है, जो ब्रेन हेल्थ के लिए बढ़िया है। इसमें मौजूद एंजाइम गतिविधि को बदलकर आपकी मेमोरी को बढ़ा सकता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व में ऑक्सीडेटिव तनाव और न्यूरोडीजेनेरेशन को कम करने की क्षमता भी है। इससे मस्तिष्क में नर्वस सेल्स का टूटना कम हो सकता है।
बढ़ती उम्र के लक्षणों से लड़ने में मदद करता है (Prevent Aging)
फ़ूड साइंस एंड न्यूट्रिशन में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, मोरिंगा सीड में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई के अलावा अन्य पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। इससे स्किन के महत्वपूर्ण घटक कोलेजन बनाने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद विटामिन सी बढ़ती उम्र के लक्षणों से लड़ने में मदद करता है। इसमें विटामिन ई होता है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।

स्किन की मालिश (Massage)

स्किन रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, मोरिंगा के बीज के तेल का उपयोग चेहरे और बालों दोनों की मालिश के लिए किया जा सकता है। इसे फटे होठों पर भी लगाया जा सकता है। यह एक्जिमा, डर्मेटाइटिस और सोरायसिस जैसे रोगों से भी रक्षा करता है

सहजन के बीज के तेल चेहरे और शरीर पर भी लगाये जा सकते हैं चित्र : एडोबी स्टॉक

हेयर फॉल को रोकता है (Hair Fall)

स्किन रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, मोरिंगा सीड में विटामिन ए, विटामिन बी और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं। ये सभी पोषक तत्व बालों को पोषण देते हैं और विकास को बढ़ावा देते हैं। विटामिन ए शरीर में स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह बायोटिन का एक समृद्ध स्रोत है। अमीनो एसिड से भरपूर बीज कोशिकाओं के ब्लॉक का निर्माण करते हैं। यह हेयर फॉल को कम करता है

इन्फ्लेमेशन से होने वाली बीमारियों से बचाव (Prevent from Inflammation Diseases)

लिपिड्स इन हेल्थ एंड डिजीज जर्नल के अनुसार, सहजन के बीज एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। यह सूजन और दर्द को कम करने में भी मदद कर सकते हैं।

सहजन के बीज और पत्तियां  वायरल इन्फेक्शन को खत्म कर सकते हैं । चित्र : शटरस्टॉक

बीज बैक्टीरिया, फंगल इन्फेक्शन, वायरल इन्फेक्शन को खत्म कर सकता है। यह अस्थमा, अल्सरेटिव कोलाइटिस और मेटाबोलिक बीमारियों जैसी पुरानी सूजन (Chronic Inflammation) को भी रोकने में मदद करता है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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