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आयुर्वेद के अनुसार इस मौसम में नहीं करना चाहिए इन 5 तरह के फूड्स का सेवन 

बारिश का मौसम बहुत सारे जीव-जंतुओं के प्रजनन का मौसम होता है। इसलिए जरूरी है कि आहार में विशेष सावधानी बरती जाए। 
Published On: 26 Jun 2022, 04:00 pm IST
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food to avoid
मॉनसून में कुछ फूड को नहीं खाना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। चित्र:शटरस्टॉक

आयुर्वेद (Ayurveda) मौसम के साथ अपने आहार को भी बदल देने की सलाह देता है। इसमें हर मौसम के लिए कुछ विशेष उपाय और कुछ विशेष परहेज बताए जाते हैं। अब जब बारिश का मौसम शुरू हो चुका है, तो जरूरी है कि आप भी अपने आहार को चेक करें। क्योंकि आयुर्वेद आपको इस मौसम में कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज की सलाह देता है। आइए जानते हैं कौन से वे आहार, जिनसे आपको बरसात के मौसम में परहेज (Foods to avoid in monsoon) करना चाहिए। 

मानसून डाइट के बारे में क्या है मां की राय 

पूर्वी उत्तर-प्रदेश और बिहार में खान-पान पर एक कहावत बहुत प्रसिद्ध है, “सावन साग न भादो दही।” हमारी प्राचीन परंपराओं में कई स्वास्थ्य लाभ देने वाले आहार को भी किसी खास मौसम में खाने की मनाही की गई है।  मां कहती हैं कि सावन और भादो, ये दोनों महीने बरसात के होते हैं। इस मौसम में हमारी पाचन शक्ति भी कमजोर हो जाती है। बारिश के मौसम में कई कीड़े-मकोड़े ऐसे होते हैं, जो खेत में लगी फसलों पर अपना डेरा जमा लेते हैं। ये इन फसलों को खाते हैं और उन पर अपने अंडे देते हैं। अंडे मनुष्यों तक पहुंच कर उन्हें संक्रमित कर देते हैं। फिर उन्हें कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

इस बारे में क्या कहता है आयुर्वेद

आयुर्वेद के अनुसार बारिश के मौसम में अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस समय वात दोष दोष बढ़ जाता है और पित्त दोष भी बढ़ा हुआ होता है, लेकिन यह माइल्ड होता है। इसलिए कुछ खाद्य पदार्थों को जब मौसम बदल रहा हो या मानसून आने वाला हो, तो उनसे परहेज करना चाहिए। 

बारिश के मौसम में हमारे शरीर में कई परिवर्तन होते हैं

पाचन शक्ति का घटना

रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना

शारीरिक क्षमता का कम होना

क्या इनका कोई वैज्ञानिक आधार है? 

जवाब है हां, बारिश के कारण वातावरण में नमी अधिक रहती है। नमी मिलने पर बैक्टीरिया, फंगस और किसी भी प्रकार के जर्म जल्दी पनपते हैं और उनमें रिप्रोडक्शन भी बड़ी तेजी से होता है। बरसात में ज्यादातर पत्तेदार सब्जियों पर ये कीड़े अंडे देते हैं। इन सब्जियों के माध्यम से कीड़े हमारे पेट तक पहुंच जाते हैं। इससे हमारा पाचनतंत्र प्रभावित होता है। इससे उल्दी, दस्त, अपच जैसी पेट की समस्याएं हो सकती हैं। बैक्टीरिया से न सिर्फ पेट संबंधी, बल्कि त्वचा संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।  

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आइए जानते हैं कि बारिश के मौसम में किन-किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए

1 दूध-दही

मवेशियों के चारे पर पनपने वाले कीड़े मवेशियों के माध्यम से दूध तक भी अपनी पहुंच बना लेते हैं। डॉक्टर भी मानते हैं कि पेट का इंफेक्शन सबसे अधिक दूध या दूध के प्रोडक्ट से होता है। इसलिए बच्चों की तबियत खराब होने पर चाइल्ड स्पेशलिस्ट सबसे पहले बच्चों को दूध न देने की सलाह देते हैं। 

बारिश के मौसम में दूध या डेयरी का सेवन नहीं करने से हम इंफेक्शन से बचे रह सकते हैं। अगर आप प्रोसेस्ड या पैकेज्ड दूध भी ले रही हैं, तो इसके इन्फेक्टेड होने की संभावना बनी रहती है।

2 हरे पत्तेदार साग 

पत्तेदार सब्जियों पर सबसे अधिक जर्म ग्रो करते हैं। पत्तियों को खाकर वे अपना पोषण करते हैं। आपने सुपर मार्केट से साग खरीदते हुए पाया होगा कि पत्ते धब्बेदार या सूक्ष्म छेद से भरे होते हैं। धब्बे कीड़े के अंडे होते हैं और जो छेद होते हैं, इसका मतलब है कि कीड़े ने पत्ते को अपना आहार बनाया हुआ है। इसलिए इस मौसम में पालक, मेथी, ब‍थुआ, पत्तागोभी या दूसरी तरह के हरे साग को न खरीदें और न बनाएं, तो अच्छा है।

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बारिश के मौसम में किसी भी प्रकार के साग का प्रयोग नहीं करना चाहिए। चित्र:शटरस्टॉक

 3 बैंगन, गोभी, खीरा 

सावन के महीने में बैंगन, गोभी, खीरा को न खाने की मान्यता प्राचीन समय से है। इस मौसम में इन तीनों चीजों में कीड़े अधिक लगते हैं। ऐसे में इनका सेवन करने पर सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।

4 टमाटर, शिमला मिर्च 

सावन में टमाटर और शिमला मिर्च का सेवन भी कम करना चाहिए। बारिश के मौसम में इन्फेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है। पेट में किसी भी प्रकार की समस्या को टमाटर बढ़ा देता है। दरअसल टमाटर में साल्मोनेला नाम का बैक्टीरिया पाया जाता है, जो डायजेस्टिव सिस्टम की समस्या को बढ़ा देता है। 

बारिश में शिमला मिर्च में भी कीड़े अधिक लगते हैं। साथ ही इससे पेट में गैस की समस्या भी हो सकती है। इसके ज्यादा सेवन से खुजली हो सकती है। इसलिए बारिश में इसके सेवन से बचना चाहिए। 

5 नॉनवेज का सेवन 

मांसाहार और बरसात के बारे में धार्मिक मान्यताएं चाहें जो हो, पर इसके पीछे कारण यह है कि बरसात में नमी वाला फूड होने के कारण मांसाहार जल्दी खराब हो जाते हैं। बैक्टीरिया ग्रो करने के कारण इंफेक्शन भी जल्दी होता है। बरसात में मछली न सिर्फ अंडे देती है, बल्कि जल्दी खराब भी होती है। 

यहां पढ़ें:-बारिश के सुहावने मौसम में न करें आंखों को इग्नोर, एक्सपर्ट बता रहे हैं 5 आई केयर टिप्स

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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