भगवद गीता के अनुसार, एक व्यक्ति जो भोजन करता है उसका सीधा प्रभाव उसके विचारों, चरित्र, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसलिए पुरातन काल से ही भोजन को 3 मुख्य श्रेणियों में बांटा गया था सात्विक (Satvik Food), राजसिक (Rajsik Food) और तामसिक (Tamasik Food)।
राजसिक आहार में मिर्च, घी तेल मसालों का अधिक इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा तामसिक आहार में मांस, मछ्ली ओर आजकल के जंक फूड। साथ ही वे भारी फूड कॉम्बिनेशन शामिल हैं, जो स्वास्थ्य पर कहर बरपा सकते हैं।
इसके विपरीत सात्विक आहार स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में ऐसा कहा जाता है कि सात्विक आहार अपनाने से वात, पित्त और कफ संतुलित रहते हैं। यह तीन दोष सभी बीमारियों का कारण बनते हैं। इसलिए इन्हें कंट्रोल करना ज़रूरी है।
सात्विक संस्कृत शब्द “सत्व” से आया है, जिसका अर्थ है शुद्ध, स्वच्छ और मजबूत ऊर्जा। छांदोग्य उपनिषद के अनुसार सात्विक भोजन करने से मन की शुद्धि होती है। हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं, इस प्रकार शरीर और मन दोनों की सफाई होती है।
ऐसा भोजन करने से आपको अच्छा स्वास्थ्य, अच्छा पोषण मिलेगा और पाचन में सुधार होगा। सात्विक भोजन बहुत ही प्राकृतिक होता है, क्योंकि इसमें सभी ताजी और औषधीय सामग्री शामिल होती हैं। ये आहार इतना हल्का है कि खाने के बाद आप भारी या सुस्त महसूस नहीं करते हैं।
सात्विक आहार में ताजे फल, ताजी सब्जियां, अंकुरित अनाज, शहद, घी, नट्स, अनाज, दालें, दाल, अदरक, गुड़, अपरिष्कृत चीनी, हल्दी, काली मिर्च, धनिया, ताजी जड़ी-बूटियां, दूध और डेयरी उत्पाद शामिल हैं। सात्विक भोजन व्यक्ति को शांत रखता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। जिससे वे शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ रहें।
सात्विक आहार कच्ची सब्जियों और सलाद में पोषक तत्वों की मात्रा को 40% तक बढ़ाने में मदद करता है। यह आवश्यक पोषक तत्वों, आहार फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट, प्रोटीन, खनिज और मोनोसैचुरेटेड वसा को प्राप्त करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता और एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को भी प्रोत्साहित करता है।
फाइबर, पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट पुरानी बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं। यह आपको तला हुआ और प्रसंस्कृत भोजन जैसे जंक फूड से दूर रहने में भी मदद करता है। इतना ही नहीं बल्कि सात्विक आहार शरीर को कई तरह के संक्रमणों से बचाता है।
यदि आपको लगता है कि आपका पेट फूला हुआ है, सिरदर्द, त्वचा पर चकत्ते, थकान या मतली है, तो ये शरीर में विषाक्तता के लक्षण हैं। सात्विक आहार पर स्विच करने से, डिटॉक्सिंग में मदद मिलेगी।
वजन घटाने के साथ-साथ सात्विक भोजन के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह विटामिन, खनिज और प्रोटीन जैसे अवयवों से भरा हुआ है। इसके साथ ही, यह आहार कैलोरी को कम करने में भी मदद करता है। साथ ही, आपको तृप्त रखता है और आपको संतुष्ट रखता है।
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कस्टमाइज़ करेंसात्विक आहार में ताजा भोजन शामिल होता है। सब्जियों और फलों में अच्छी मात्रा में पोषक तत्व, खनिज और फाइबर होते हैं। इसके साथ ही यह भोजन में फाइबर की उपस्थिति के साथ पोषक तत्वों के स्वस्थ अवशोषण और आसान पाचन को भी सुनिश्चित करता है।
सात्विक आहार लेने के कुछ दिनों बाद ही आपका शरीर हल्का, ऊर्जावान और खुश महसूस करेगा। सकारात्मक ऊर्जा के साथ आप प्रभावी ढंग से काम करेंगे।
तो धीरे-धीरे सात्विक भोजन को अपने आहार में शामिल करना शुरू करें और विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाना सीखें। क्योंकि यह आपके शरीर में अच्छे स्वास्थ्य, अच्छी ऊर्जा को बढ़ावा देने और मन को सकारात्मक रखने में मदद करता है।
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