ऊंची दुकान फीके पकवान वाली कहावत तो सभी ने सुनी होगी, सुनी ही क्या असल में देखा भी होगा। बहुत कम चीजें ऐसी होती हैं जो आपकी उम्मीदों पर खरी उतरती हैं, वरना ज्यादातर तो सिर्फ दिखावे भर की होती हैं।
सौभाग्य से, लो-कार्ब डाइट की जितनी तारीफ होती है, यह उसके अनुसार बिल्कुल खरी उतरती है। लो-कार्ब डाइट एक हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए बहुत लोकप्रिय है और यह लोकप्रियता गलत नहीं है।
लो-कार्ब डाइट सिर्फ लोकप्रिय ही नहीं कारगर भी है। तो हम आपको बताते हैं इसके फायदे। डाइट की बात करें तो कीटो और एटकिन्स लो-कार्ब डाइट के सबसे लोकप्रिय रूप हैं। इन दोनों ही डाइट्स में मूलतः प्रोटीन, फाइबर और फैट शामिल होता है।
लो-कार्ब डाइट की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण है सफल वेट लॉस, लेकिन यह एकमात्र फायदा नहीं है। हम बताते हैं कि क्यों आपको लो कार्ब डाइट चुननी चाहिए।
ट्राइगलीसेरायड्स हृदय रोग का कारण होते हैं। दरसल यह छोटे-छोटे फैट के मॉलिक्यूल्स होते हैं जो खून के साथ बहते हैं। अगर इनकी संख्या ज्यादा हो गई तो यह नसों को ब्लॉक कर देते हैं, जिससे दिल तक खून नहीं पहुंचता और कार्डियक अरेस्ट हो जाता है।
ज्यादा कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट का मतलब है ज्यादा ट्राइगलीसराइड्स। लो-कार्ब डाइट में ट्राइगलीसराइड्स कम होते हैं जिससे दिल स्वस्थ रहता है।
यह तो आप जानते ही होंगे कि कार्बोहाइड्रेट टूट कर ही शुगर बनते हैं। यानी कि ज्यादा कार्बोहाइड्रेट का मतलब है ज्यादा शुगर लेवल। इसका यह भी मतलब हुआ कि इंसुलिन बनने में असंतुलन बढ़ेगा। अब अगर आप लो-कार्ब डाइट चुनती हैं, तो आपको डायबिटीज होने की संभावना 50% तक कम हो जाएगी।
मेटाबॉलिक रेट तेज होने का मतलब सिर्फ वेट लॉस ही नहीं, बल्कि यह आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। आपका पाचनतंत्र, ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल और कोलेस्ट्रॉल का अब्सॉर्ब होना, सब आपके मेटाबॉलिज्म पर निर्भर करता है।
ज्यादा कार्बोहाइड्रेट युक्त डाइट आपके मेटाबॉलिज्म की सबसे बड़ी दुश्मन है। इसलिए कई बीमारियों से बचने के लिए लो-कार्ब डाइट का सुझाव दिया जाता है।
हमें अपना मूड अच्छा रखने के लिए, अच्छा महसूस करने के लिए कार्ब्स खाने चाहिए, यह बात ठीक है। लेकिन एक लो-कार्ब डाइट भी यह कर सकती है, जब आपको भूख लगती है या आप लो-कार्ब डाइट पर जाते हैं तो दिमाग केटोन्स निकालता है। मिर्गी के इलाज के लिए यह तरीका काफी समय से इस्तेमाल होता आया है।
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कस्टमाइज़ करेंपबमेड सेंट्रल की एक स्टडी के अनुसार कीटो जैसे लो-कार्ब डाइट मेमोरी तेज करती है जिससे अल्जाइमर जैसी बीमारियां दूर होती हैं।
अधिकतर लोग इस अवधारणा को मानते हैं कि ज्यादा पानी पीने से ब्लोटिंग होती है, जो कि बिल्कुल गलत है। अगर आपको ब्लोटिंग कम करनी है तो अपनी डाइट में से कार्बोहाइड्रेट को निकाल दीजिये। कार्बोहाइड्रेट शरीर में वॉटर रिटेंशन के लिए जिम्मेदार होते हैं, इसलिए कार्बोहाइड्रेट कम करने से ब्लोटिंग कम हो जाती है।
जी हां, अगर आपको लगता था कि कार्बोहाइड्रेट ही आपकी ऊर्जा का एकमात्र स्रोत है तो ऐसा नहीं है। यही नहीं, कार्बोहाइड्रेट से ऊर्जा मिलने में समय लगता है, वहीं लो-कार्ब डाइट में आपको ज्यादा ऊर्जावान महसूस होता है।
कौन कहता है कि वर्कआउट में एनर्जी के लिए सिर्फ कार्बोहाइड्रेट की काम आते हैं। हेल्दी फैट भी उतने ही असरदार होते हैं। साथ ही फैट जल्दी बर्न होते है और ज्यादा एनर्जी मिलती है। साथ ही वेट लॉस ज्यादा होता है।
इन फायदों को जानने के बाद हमें नहीं लगता कि आपको कुछ और जानने की जरूरत है। अभी से अपनी डाइट में यह बदलाव लाएं।