सदियों से बेसन का इस्तेमाल हम अपने चेहरे को सुंदर बनाने के लिए करते आ रहें है। बेसन का इस्तेमान खाने के अलावा आपके मंहगे फेशियल में पैसों को बचाने के लिए भा करता है। यानि आपकी सेहत के साथ ये आपकी जेब की सेहत को भी बनाए रखने में मदद करता है। बेसन चने की दाल से बना हुआ होता है जिसमें कई पोषक तत्व भी होते है। इसलिए नाश्ते में बेसन के चीलें काफी लोग खाते है। यह पिसे हुए चने (गार्बनो बीन्स) से बनाया जाता है और इसमें हल्का पीला रंग और थोड़ा नट्स जैसा स्वाद होता है।
बेसन एक पौष्टिक आटा है, जो विशेष रूप से प्रोटीन, आहार फाइबर और आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और जिंक जैसे कई आवश्यक खनिजों से भरपूर है। यह विभिन्न बी-विटामिन भी प्रदान करता है, जो ऊर्जा चयापचय और समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। बेसन के बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए हमने बात की डायटिशियन और वेट लॉस एक्सपर्ट शिखा कुमारी से।
शिखा कुमारी बताती है कि बेसन पौधे-आधारित प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, जो इसे शाकाहारियों और वीगन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प होता है। प्रोटीन मांसपेशियों की मरम्मत, प्रतिरक्षा कार्य और समग्र शरीर के रखरखाव के लिए आवश्यक है।
बेसन में आहारीय फाइबर काफी मात्रा में होता है, जो पाचन में सहायता करता है और पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। फाइबर आपके पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है, जो वजन प्रबंधन के लिए फायदेमंद हो सकता है।
बेसन प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन-मुक्त होता है, जो इसे ग्लूटेन असहिष्णुता या सीलिएक रोग वाले व्यक्तियों के लिए उपयुक्त बनाता है। इसका उपयोग विभिन्न ग्लूटेन-मुक्त व्यंजनों में गेहूं के आटे के विकल्प के रूप में किया जा सकता है। बाजरे का आटा और मक्के का आटा भी ग्लूटन फ्री विकल्प है।
बेसन लौह, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस, जस्ता और तांबे जैसे खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। ये खनिज ऊर्जा उत्पादन, हड्डियों के स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रणाली समर्थन सहित विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं। अगर आपकी हड्डियों की समस्या है या आपकी प्रतिरक्षा कमजोर है तो बेसन का सेवन फायदेमंद हो सकता है।
बी-विटामिन पानी में घुलनशील विटामिनों का एक समूह है जो शरीर में विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं में आवश्यक भूमिका निभाते हैं। प्रत्येक बी-विटामिन के अपना अलग काम है और लाभ हैं। बेसन में कई बी-विटामिन होते हैं, जिनमें थायमिन (बी1), राइबोफ्लेविन (बी2), नियासिन (बी3), विटामिन बी6 और फोलेट शामिल हैं। ये विटामिन चयापचय, नर्व सिस्टम और लाल रक्त कोशिका उत्पादन के लिए आवश्यक हैं।
बेसन का कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसका अर्थ है कि यह उच्च कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों की तुलना में रक्त शर्करा के स्तर में धीमी वृद्धि करता है। यह मधुमेह वाले लोगों के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने के लिए काफी सहायक हो सकता है।
बेसन में जिंक और विटामिन ई की मात्रा कोलेजन उत्पादन को बढ़ा कर, सूजन को कम करके और एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करके, त्वचा को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाकर त्वचा के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकती है। बेसन का इस्तेमाल फेशियल के रूप में भी लोग करते है जिससे स्किन पर ग्लो आता है।