फूल गोभी जैसी गहरे हरे रंग की ब्रोकोली तो आपने ज़रूर देखी होगी और कभी न कभी स्टीम्ड या सूप के तौर पर खाई भी होगी। पर क्या आप जानती हैं कि यह पोषक तत्वों, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर है। आप इसे कच्चा या स्टीम करके खा सकती हैं, इसे विभिन्न व्यंजनों में एक सामग्री के रूप में शामिल कर सकती हैं, या इसे क्रिस्पी नाश्ते के रूप में भून भी सकती हैं। चलिए जानें कि ब्रोकोली को एनर्जी के पावर हाउस (broccoli health benefits) के तौर पर क्यों जाना जाता है।
यहां हैं ब्रोकली के 7 स्वास्थ्य लाभ
एंटीऑक्सिडेंट शरीर की कोशिकाओं में सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जो ऊतकों और अंगों को पुरानी बीमारियों या बाहरी वातावरण के संपर्क से होने वाले नुकसान से बचाता है। सूजन कभी-कभी कैंसर के विकास की शुरुआत के लिए ट्रिगर बिंदु हो सकती है। शोध से पता चलता है कि ब्रोकली में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट संभावित रूप से कैंसर के इस खतरे को कम कर सकते हैं।
अध्ययनों से पता चलता है कि एक कप ब्रोकली में पूरे एक संतरे के बराबर विटामिन सी होता है। विटामिन सी पूरे शरीर में उपचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह स्वस्थ त्वचा और हड्डियों के लिए आवश्यक कोलेजन का उत्पादन करने में मदद करता है। विटामिन सी भी एक प्रतिरक्षा (immunity) बूस्टर है और आपको सामान्य संक्रमणों से जल्दी ठीक होने में सक्षम बनाता है।
ब्रोकोली विटामिन ए, डी, ई और के में भी समृद्ध है, और बी 12, बी 6, नियासिन और राइबोफ्लेविन जैसे विटामिन बी कम्पोजीशन से भरा हुआ है। जो हड्डी और मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाने, ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने और गठिया के कारण होने वाले दर्द और सूजन को दूर करने में मदद करती है।
3 मिनरल का है खजाना
कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस और जिंक से भरपूर ब्रोकली मिनिरल्स का खजाना है, जो शरीर के अच्छी तरह से काम करने के लिए बेहद आवश्यक हैं। एक कप ब्रोकली एक व्यक्ति की दैनिक पोटेशियम की आवश्यकता का लगभग 5% प्रदान करता है। रक्त उत्पादन में सुधार और हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने से लेकर हड्डियों को मजबूत रखने तक, ब्रोकली समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी है।
वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि ब्रोकली खाने से टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों को इसमें मौजूद सल्फोराफेन नामक कॉम्पोजीशन के कारण शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। यह इंसुलिन को बॉडी में सही तरह से काम करने के लिए प्रेरित करता है और विभिन्न खाद्य पदार्थों से शरीर को मिलने वाली चीनी की डर भी नियंत्रण में रखता है, जिससे लंबी अव स्थिर ग्लूकोज आपूर्ति मिलती है।
यह अच्छे एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हुए खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करता है। ब्रोकली में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट दिल के दौरे के खतरे को कम करते हैं। ब्रोकोली जैसी हाई फाइबर वाली खाने की चीज़ें वैसे भी एक स्वस्थ हृदय प्रणाली से जुड़ी हैं।
ब्रोकली में बहुत सारा फाइबर होता है जो पाचन में सहायता करता है और हमारे आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया बनाता है। यह मल त्याग को नियमित रखता है, कब्ज नहीं होने देताऔर आपको लंबे समय तक भरा रखता है, जिससे वजन घटाने में भी मदद मिल सकती है।
उम्र बढ़ने की प्रक्रिया ऑक्सीडेटिव तनाव से जुड़ी होती है और गुजरते वर्षों के साथ चयापचय क्रिया (metabolic activity) कम हो जाती है। जबकि उम्र बढ़ना तो तय ही है, हमारे डाइट ऑप्शन सीधे जीन एक्सप्रेशन को प्रभावित करते हैं और इस जैव रासायनिक प्रक्रिया (biochemical process) को धीमा करने की क्षमता रखते हैं। ब्रोकोली में मौजूद बायोएक्टिव कॉम्पोजीशन ब्रेन को हेल्दी बनाता है।
लेस एक्टिव थायराइड वालों के लिए, डाइट में आयोडीन की कमी के कारण, ब्रोकली का अधिक सेवन करना उनकी स्थिति और खराब कर सकता है। इंटेस्टाइन से जुड़ी तकलीफ होने पर फाइबर पचने में चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जिससे सूजन हो जाती है। डाइटिशियन पूनम दुनेजा कहती हैं, “ब्रोकोली को भाप देना आमतौर पर इसके पोषक तत्वों को बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है। ब्रोकली खरीदते समय, ऐसा फूल चुनें जो टाइट हों और गहरे हरे रंग का हो। कटे टूटे टुकड़ों पीले पड़े या मुरझाए ब्रोकली के फूल को न चुनें।
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