अपनी गट हेल्थ को बनाये रखने के लिए आज ही छोड़ दें पाचन संबंधी 7 मिथ्स पर भरोसा करना

पाचन स्वास्थ्य संबंधी मिथ को तोड़ना महत्वपूर्ण है, ताकि पेट की समस्या होने पर पता लगाने का बेहतर मौका मिल सके।
पाचन तंत्र से संबंध कुछ तथ्यों को जानें. चित्र : शटरस्टॉक
पाचन तंत्र से संबंध कुछ तथ्यों को जानें. चित्र : शटरस्टॉक
Updated On: 30 Jul 2021, 04:36 pm IST
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जब पाचन स्वास्थ्य की बात आती है, तो हमारे पेट में बहुत सारे बदलाव होते हैं। फिर चाहें बार-बार मल त्याग, कब्ज और ऐंठन ही क्यों न हो। इसके अलावा, हर दूसरे दिन एक नया आहार या भोजन, आपके पाचन स्वास्थ्य के रहस्य को खोल देगा। इसलिए, पाचन स्वास्थ्य को समझना थोड़ा जटिल हो सकता है।

ऐसे में, पाचन तंत्र संबंधी कई मिथ हैं, जो अधिक परेशानी का कारण बन सकते हैं। मगर, कुछ टिप्स से हमारी परेशानी दूर हो सकती है!

यहां पाचन स्वास्थ्य से जुड़े हुए 7 मिथ हैं, जिन पर आपको विश्वास नहीं करना चाहिए:

1. सप्ताह में एक बार मल त्याग करना सामान्य है

शरीर के सही कामकाज के लिए मल त्याग आवश्यक है। वे आपको आंत के माध्यम से अपने आहार से वेस्ट हटाने की अनुमति देते हैं। अगर आपको रोजाना मल त्याग होता है, तो इसे सामान्य माना जाता है। हालांकि, सप्ताह में तीन बार या दिन में तीन बार शौच करना सामान्य पाचन माना जाता है। यह याद रखना जरूरी है!

2. कच्ची सब्जियां कोई भी खा सकता है

नहीं, जबकि कुछ लोगों को कच्ची सब्जियां खाने के बाद बहुत अच्छा लगता है, यह सभी के लिए नहीं है। कमजोर पाचन वाले लोगों को गंभीर परेशानी हो सकती है। अधिक पकी हुई सब्जियों का सेवन करना शुरू करें, जब तक कि आपकी गट मजबूत न हो जाए।

कच्ची सब्जियां हर किसी को सूट नहीं करती हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
कच्ची सब्जियां हर किसी को सूट नहीं करती हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

3. सूजन और ऐंठन सामान्य है

कभी-कभी, केवल खाना खाना ही दर्द, सूजन, ऐंठन और कब्ज पैदा कर सकता है। ऐसी समस्याएं खराब पाचन स्वास्थ्य से जुड़ी होती हैं, जिसे लोग आमतौर पर सामान्य समझने कि गलती करते हैं। यह आंत में सूजन का संकेत भी हो सकता है और संभावित कारण आंत की बीमारी हो सकती है।

4. प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ सभी के लिए हैं

आप में से बहुत से लोग मानते हैं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या खाते हैं जब तक आपको प्रोबायोटिक सप्लीमेंट मिल रहा है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण से निपटने में मदद कर सकते हैं। लेकिन अगर आप गट डिस्बिओसिस से जूझ रहे हैं, तो ये खाद्य पदार्थ आग में घी डाल सकते हैं। साथ ही, हिस्टामाइन इन्टोलेरेंस वाले लोगों को भी प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए।

प्रोबायोटिक फूड्स हर किसी के लिए नहीं होते हैं. चित्र : शटरस्टॉक
प्रोबायोटिक फूड्स हर किसी के लिए नहीं होते हैं. चित्र : शटरस्टॉक

5. मसालेदार भोजन और तनाव से अल्सर होता है

मसालेदार भोजन और तनाव निश्चित रूप से लक्षणों को बढ़ा सकते हैं, लेकिन वे वास्तव में अल्सर का कारण नहीं बनते हैं। दरअसल, पेट के अल्सर आमतौर पर हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया के कारण होते हैं।

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6. अधिक फाइबर, बेहतर है

आहार फाइबर स्वस्थ होते हैं और इन्फ्लेमेटरी बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) जैसी पाचन स्थितियों के लक्षण पैदा कर सकते हैं। प्रतिदिन केवल 20 से 35 ग्राम फाइबर का सेवन करने का लक्ष्य रखें। फाइबर के साथ अपनी गट को ओवरलोड करने से अन्य प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं जैसे – ऐंठन, सूजन और गैस।

7. मेवा खाने से डायवर्टीकुलिटिस हो जाता है

डायवर्टीकुलिटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गट में सूजन और जलन हो जाती है। ऐसी कोई वैज्ञानिक जानकारी उपलब्ध नहीं है कि नट्स डायवर्टीकुलिटिस का कारण बनते हैं।

इन मिथ के झांसे में न आएं और अपनी गट हेल्थ का बेहतर तरीके से ख्याल रखें!

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