पोषण की बात करें, तो दिमाग में हरी सब्जियों, फलों और सूखे मेवों (dry fruits) या दूध दही का ख्याल आता है। मगर इन सभी चीजों से परे एक खाद्य पदार्थ ऐसा भी है, जो आपकी ओवरऑल हेल्थ का ख्याल रखने में मददगार साबित होता है। जी हां हम बात कर रहे हैं खसखस (poppy seeds) की, जिन्हें पॉपी सीड्स भी कहा जाता है। पोषण से भरपूर खसखस के बारीक दानों में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जानते हैं किस प्रकार खसखस है आपकी सेहत के लिए फायदेमंद (benefits of Poppy seeds)।
इस बारे में बातचीत करते हुए नूट्रिशनिस्ट नूपुर पाटिल का कहना है कि डाइटरी फाइबर (dietary fiber) से भरपूर खसखस (poppy seeds) के दाने हड्डियों को मज़बूत बनाते हैं और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मददगार साबित होते है। आहार में फाइबर की उच्च मात्रा से पाचन तंत्र (digestive system) को बढ़ावा मिलता है। इसमें पाया जाने वाला ओमेगा .3 फैटी एसिड कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ का ख्याल रखने में मददगार है। इसके सेवन से शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है और नींद न आने की समस्या भी हल हो जाती है।
इस बारे में मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि इसमें उच्च मात्रा में मैग्नीशियम, आयरन और मैगनीज़ पाया जाता है। खसखस हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता है, जिससे शरीर में रेड ब्लड सेल्स बढ़ने लगते है। इसके अलावा उम्र के बाद डाइजेशन की समस्याओं से भी बचा जा सकता है। इसमें मौजूद विटामिन ई एंटीऑक्सीडेंटस के तौर पर काम करता है और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। इसे लड्डू, चिकी, कटलेट और कबाब में डालकर इन व्यंजनों की गुडनेस को बढ़ा सकते है।
पोषकता से भरपूर खसखस का सेवन करने से हृदय संबधी समस्याओं का खतरा टल जाता है। एनआईएच के अनुसार अनसेचुरेटिड फैट्स से भरपूर पॉपी सीड्स के सेवन से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम 17 फीसदी तक कम हो जाता हैं। इसके लिए अपनी डाइट में मौजूद सेचुरेटिड फैट्स को अनसेचुरेटिड फैट्स से रिप्लेस करना बेहद ज़रूरी है।
खसखस में फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है, जिससे शरीर में कब्ज, ब्लोटिंग और एसिडिटी की समस्या नहीं रहती है। गट हेल्थ मज़बूत बनने से खाना पचाना आसान हो जाता है। साथ ही बार बार भूख लगने की समस्या हल होने लगती है। पेट संबधी समस्याओं को सुलझाने के साथ वेटलॉस में भी सहायक है।
अगर आप भी नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो खसखस के सेवन से इस समस्या को हल किया जा सकता है। इसके सेवन से शरीर में आयरन, जिंक और प्रोटीन की मात्रा की पूर्ति होती है। इससे शरीर स्वस्थ और मज़बूत बनता है। दूध के साथ खसखस का सेवन करने से मस्तिष्क तनावमुक्त रहता है और नींद की समस्या हल होने लगती है।
इनफर्टिलिटी की समस्या से निपटने के लिए खसखस का सेवन फायदेमंद साबित होता है। एनआइएच की एक रिसर्च के मुताबिक वे महिलाएं जिन्होंने अपनी फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से खसखस के तेल से प्राप्त उत्पादों को फ्लश किया है। वे बेहतर प्रजनन क्षमता का अनुभव कर सकती हैं। इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला विटामिन ई भी फर्टिलिटी को बढ़ाने में मददगार साबित होता है।
इन बीजों में बड़ी तादाद में पॉलिफैनोल्स पाए जाते हैं। इसके अलावा मैंगनीज़ और जिंक की भरपूर मात्रा शरीर को मौसमी बीमारियों से बचाने में कारगर है। साथ ही रेड ब्लड सेल्स बनाने में कारगर साबित होते हैं। खसखस में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंटस खांसी जुकाम, सिरदर्द और सेलुलर डैमेज से बचाने में मदद करते हैं।
पेट की गर्मी माउथ अल्सर का कारण बनती है। इससे राहत पाने के लिए खसखस का गाढ़ा पेस्ट बनाकर खाने से राहत मिलती है। इससे मुंह में होने वाले कम होने लगते है। दरअसल, इसकी ठण्डी तासीर छालों से राहत दिलाकर शरीर को हेल्दी बनाते है। मुंह में होने वाले छालों से राहत पाने के लिए खसखस के दानों को मुंह में रखने से राहत मिलती है।
इसमें पाए जाने वाले कैल्शियम और मिनरल्स शरीर को मज़बूती प्रदान करते हैं। मैगनीज़ की मदद से शरीर में प्रोटीन के रूप में कोलेजन की मात्रा बढ़ती है, जिससे शरीर बार बार चोटिल होने से बचता है। इसके सेवन से मांसपेशियों को मज़बूती मिलने लगती है।
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