हम सभी पालक, लेट्यूस, केल, मेथी जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों के फायदे जानते हैं। मगर एक बहुत ही खास हरी पत्तेदार सब्जी है, जिससे अब भी बहुत लोग अनजान हैं। हालांकि, हमारी दादी-नानी शरीर को कुदरती रूप से विषमुक्त (Body detox) करने के लिए इसका साग (chaulai saag benefits) बनाया करती थीं। चौलाई के हरे रंग के पत्ते बिल्कुल पालक की तरह दिखते हैं, जिन्हें आम तौर पर हिमालय और साउथ इंडिया के कोस्ट पर पाया जाता है।
यह एक बेहतरीन सुपरफूड है, जिसके कई फायदे होते हैं। तो क्यों न हम सभी इसे अपनी डाइट में शामिल करें। मणिपाल हास्पिटल, गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा भी डाइट में चौलाई का साग शामिल करने की सिफारिश कर रही हैं।
अमरंथ के पत्ते आवश्यक फाइटोन्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट का एक बेहतरीन स्रोत हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने और व्यक्ति के स्वास्थ्य को पोषण प्रदान करने में मदद करते हैं।
100 ग्राम अमरंथ के पत्तों में केवल 23 कैलोरी होती है। फैट के अंश भी कम होते हैं और बिल्कुल भी कोलेस्ट्रॉल नहीं होता, जो इसे एक स्वस्थ भोजन विकल्प बनाते हैं। खासकर उन लोगों के लिए जो अपना वजन कम करना चाहते हैं।
अमरंथ के पत्तों में सॉल्युबल और इनसोल्युबल फाइबर पाए जाते हैं, जिनके कई लाभ हैं। फाइबर खाने से हमारा वजन कम होता है और हृदय रोग से बचाव होता है क्योंकि यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। अमरंथ में प्रोटीन और फाइबर की भरपूर मात्रा मौजूद होती है, जो भूख को कम करने और वेट मैनेजमेंट में आपकी मदद करती है।
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रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन के लिए आयरन की आवश्यकता होती है और सेलुलर मेटाबॉलिज्म के लिए भी इसकी आवश्यकता होती है। विटामिन सी के कुछ स्रोत जोड़कर अमरंथ के पत्तों से मिलने वाले आयरन के इस शक्तिशाली पंच का अधिकतम लाभ उठाएं, क्योंकि इसके सेवन से ब्लड में अधिक से अधिक मात्रा में आयरन अवशोषित होता है। आप चौलाई के जूस में नींबू का रस या संतरे का रस मिलाकर पी सकती हैं।
ये पत्तेदार साग विटामिन सी से भरपूर होते हैं। 100 ग्राम पत्ते विटामिन सी की आपकी दैनिक आवश्यकता का 70% पूरा कर सकते हैं। यह विटामिन पानी में सॉल्युबल विटामिन है और संक्रमण से लड़ने और घाव को जल्दी भरने के लिए ज़रूरी है। वहीं पर्यावरण में मौजूद फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में भी मदद करता है, जो उम्र बढ़ने और कई तरह के कैंसर के लिए ज़िम्मेदार होते हैं।
यदि कोई व्यक्ति बीमार है या उन्हें पाचन संबंधी किसी प्रकार की समस्या है, तो ऐसे में फाइबर से भरपूर चौलाई पचने में आसान होती है। वहीं दस्त के इलाज में सहायक होती हैं। इसके नियमित सेवन से पाचन क्रिया संतुलित रहती है।
1. सूप : अतिरिक्त पोषण के लिए अपने नियमित सूप में चौलाई के पत्ते को उबालकर चौप करके डालें।
2. भरवां पराठा : पौष्टिक भरवां पराठे बनाने के लिए कटे हुए चौलाई के पत्तों को आटा गूंथते वक्त उसमें मिलाएं। यह मेथी की तरह के हरे और पौष्टिक पराठे बनते हैं।
3. सब्ज़ी के व्यंजन : वेजिटेबल बिरयानी या पुलाव जैसे सब्ज़ियों के साथ तैयार किए जाने वाले व्यंजनों में आप चौलाई के पत्ते डाल सकती हैं।
4. चाय : एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर एक स्वस्थ चाय बनाने के लिए चौलाई के पत्तों को गर्म पानी के साथ उबालें और इसे पिएं।
5. साग: स्वादिष्ट साग करी बनाने के लिए चौलाई के पत्तों को लहसुन, अदरक और मसालों के साथ पकाएं।
6. दाल : अतिरिक्त पोषण के लिए अपनी पसंदीदा दाल में चौलाई के पत्ते डालें।
7. सलाद: चौलाई के पत्तों को काटकर सलाद में शामिल करें, इससे विटामिन और मिनरल्स की प्राप्ति होगी।
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