आहार का उचित चयन शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। अनियमित और ऑयली फूड से आर्टरीज़ में प्लाक की मात्रा बढ़ती है, जिससे हृदय पर दबाव बढ़ने लगता है। इसके चलते लोगों को हृदय रोगों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या से बचने के लिए मौसमी फल और सब्जियां मददगार साबित होती है। खासतौर से पीले फल हृदय के स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाते हैं। जानते हैं एक्सपर्ट से कि किन पीले फलों का सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित (Yellow fruits to reduce to bad cholesterol) किया जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए सही फलों को आहार में शामिल करना फायदेमंद हैं। इससे शरीर को विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट की प्राप्ति होती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है।
इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि आहार में केले और अनानास जैसे पीले फलों को शामिल करने से शरीर को सॉल्यूबल फाइबर की प्राप्ति होती है। इससे पाचन तंत्र में कोलेस्ट्रॉल को बाइंड करता है और ब्लड में एबजॉर्बशन को भी रोकता है। जिससे एलडीएल यानि कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा नींबू में मौजूद विटामिन सी से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है और ऑक्सीडेटिव तनाव को भी कम किया जा सकता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार फलों में पेक्टिन नामक घुलनशील फाइबर पाया जाता है। इससे शरीर में 10 फीसदी तक कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। ये सभी खट्टे फलों में पाया जाता है। इसके अलावा पीले फलों में एंथोसायनिन, फाइबर और फाइटोस्टेरॉल जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं। इससे शरीर को एंटीऑक्सीडेंट और एंटी.इंफ्लेमेटरी गुणों की प्राप्ति होती हैं।
फ्रूट सैलेड या स्मेदी के रूप में केले का सेवन करने से शरीर को फाइबर, विटामिन और मिनरल की प्रापित होती है। इससे शरीर को सुक्रोज, फ्रुक्टोज और ग्लूकोज जैसी नेचुरल शुगर प्राप्त होती है। इसके अलावा केले का सेवन करने से शरीर को पोटेशियम की प्राप्ति होती हैं, जिससे शरीर में ब्लड का स्तर उचित बना रहता है। इसके अलावा केले में विटामिन सी और मैग्नीशियम भी होता है।
पीले फलों में शुमार पाइन एप्पल में विटामिन डी की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को निंयत्रित किया जा सकता हैं। इसमें विटामिल डी के अलावा ब्रोमेलैन और फाइबर पाश जाता है। इससे शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है।
पके हुए पपीते को आहार में शामिल करने से शरीर को विटामिन डी और फाइबर की प्राप्ति होती है। इसमें मौजूद लाइकोपीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट हृदय रोग के खतरे को दूर करके शरीर को पोषण प्रदान करते हैं। इससे हृदय रोगों की समस्या को हल किया जा सकता है। पपीता खाने से ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके आर्टरीज़ में बनने वाले प्लाह से राहत मिलती है।
हृदय स्वास्थ्य को उचित बनाए रखने के लिए आहार में आडू को शामिल करे। इससे शरीर को विटामिन डी, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंटकी प्राप्ति होती है। इससे शरीर में ब्लड का सर्क्ुलेशन भी उचित बना रहता है। शरीर स्वथ और हेल्दी रहता है।
नाशपाती में मौजूद पेक्टिन कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इससे शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करके एचडीएल यानि गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद मिलती हैं। इसके अलावा ब्लड प्रेशर के जोखिम को कम करता है।