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मूड स्विंग, तनाव और चिंता का अल्टीमेट उपचार हैं ये 5 सुपरफूड्स, वीकली डाइट में जरूर करें शामिल

अगर आप अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल रखना चाहती हैं और मूड स्विंग (mood swing), तनाव और चिंता से दूर रहना चाहती हैं, तो आपको पोषक तत्वों से भरपूर कुछ सुपर फूड्स को अपने भोजन में शामिल कर लेना चाहिए।
Published On: 22 Mar 2025, 06:00 pm IST
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stress bhi back pain ka karan ban sakta hai
मेंटल स्ट्रेस भी कमर दर्द का कारण बन सकता है। चित्र : अडोबीस्टाॅक

क्या आप भी तनाव और चिंता के कारण अक्सर मूड स्विंग की समस्या का सामना करती हैं या आप भी उन लोगों में से हैं जो छोटी-छोटी बातों पर स्ट्रेस (stress) लेने लगते हैं। तो आपको अपने डाइट में बदलाव करने की जरूरत है। बता दें कि कुछ सुपर फूड्स ऐसे हैं जिनको अगर आपने अपनी डाइट का हिस्सा बना लिया तो आप डिप्रेशन के खतरे को भी कम कर सकती हैं। तो आइए जानते हैं कि वो कौन से सुपर फूड्स हैं।

मूड स्विंग, तनाव और चिंता के प्रमुख कारण क्या है? (What are the main causes of mood swings, stress and anxiety?)

मूड स्विंग, तनाव (stress) और चिंता कई कारणों से हो सकती हैं, महिलाओं में पीरियड्स, गर्भावस्था, और मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव मूड स्विंग का अहम कारण बनते हैं। नींद की कमी(lack of sleep), मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां द्विध्रुवी विकार, अवसाद, और चिंता। कुछ दवाएं जैसे कि थायराइड की दवाएं या कुछ मानसिक स्वास्थ्य दवाएं, मूड स्विंग, तनाव और चिंता का कारण बन सकती हैं। कुछ खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ, जैसे कि कैफीन और शराब के कारण भी आपको इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। मेंटल हेल्थ को सही रखने के लिए आप अपनी डाइट में कुछ बदलाव कर सकती हैं जिससे आपको आराम मिलेगा।

inner engineering se stress kam ho sakti hai.
ऐसी स्थिति जब आपको अपना काम करके खुशी नहीं मिल रही है, वह तनाव का कारण बन सकती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

मूड स्विंग, तनाव और चिंता के प्रमुख लक्षण (symptoms of mood swings, stress and anxiety)

  • अचानक और बार-बार मूड में बदलाव।
  • निर्णय लेने में परेशानी
  • चिड़चिड़ापन।
  • उदासी।
  • गुस्सा।
  • बेचैनी।
  • थकान।
  • ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
  • भूख या नींद में बदलाव

इन सुपर फूड्स को करें शामिल (Include these super foods)

1.पालक (spinach)

पालक हेल्थ के लिए बेहद ही फायदेमंद हरी सब्जी है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन, मिनरल्स और खनिज तत्व (mineral elements) पाए जाते हैं। यह शरीर में खून की कमी को पूरी करने में सहायता करता है। इसमें मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा होती है, जो हमारे शरीर में एंटी डिप्रेसेंट की तरह कार्य करता है। पालक का सेवन करने से हमारा मूड स्थिर रहता है और आप तनाव से दूर रहते हैं।

omega 3 fatty acid kyu hai jaruri
आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड को शामिल करने से शरीर में एनर्जी का लेवल बढ़ने लगता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

2.ओमेगा 3 फैटी एसिड फूड्स (omega 3 fatty acid foods)

इस समस्या से बचने के लिए हमें ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए। ये तनाव और डिप्रेशन को काम करने में मदद करते हैं। सालमन फिश, फ्लैक्स सीड्स और चिया सीड्स (Chia Seeds) में ओमेगा 3 फैटी एसिड्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। यह आपके शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

3.प्रोटीन युक्त आहार (protein rich diet)

प्रोटीन शरीर में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है। यह हमें मेंटली मजबूत रखने में मदद करता है और दिमाग को स्थिर बनाए रखता है। अंडा, मूंगफली, दही, पनीर, टोफू, मूंग दाल, मसूर दाल और चना दाल प्रोटीन के अच्छे फूड सोर्स हैं। यदि रोज आप खाने में दाल खाते हैं तो इससे आपके शरीर में प्रोटीन की कमी पूरी होती है।

4.खट्टे फल (citrus fruits)

सिट्रस फ्रूट्स आपकी मेंटल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। हर रोज एक खट्टा फल खाकर डिप्रेशन (depression) जैसी गंभीर बीमारी के खतरे को 25 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। मेंटल हेल्थ को मजबूत बनाए रखने के लिए चाहते हैं तो आपको खट्टे फल जरूर खाना चाहिए।

5.जीवन शैली में करेंगे बदलाव (will make changes in lifestyle)

मूड स्विंग की समस्या से निजात पाने के लिए आपको अपने जीवन शैली में बदलाव करने चाहिए जैसे कि सुबह की शुरुआत हमेशा एक्सरसाइज (exercise) से करें, पर्याप्त नींद लें हर किसी को नींद की जरूरत होती है इसलिए कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लें। मूड स्विंग से बचने के लिए कैफीन और शुगर का सेवन भी कम मात्रा में करें।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
रूबी शुक्ला
रूबी शुक्ला

रूबी शुक्ला युवा हिंदी कंटेट क्रिएटर हैं। वे स्किन केयर, हेयर केयर, हेल्दी लाइफस्टाइल और पारंपरिक उपचार पद्धति के बारे में लिखती हैं।

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