रात का भोजन यानी डिनर को लोग अक्सर गलत तरीके से और गलत समय पर खाते हैं, जिसकी वजह से नींद पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बहुत से लोगों को शिकायत होती है कि हमें रात को नींद नहीं आती! यदि आपके साथ भी ऐसा होता है, तो आप डिनर में क्या खाती हैं, या कितने बजे डिनर करती हैं, आपको इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। डिनर में खाया गया अनहेल्दी भोजन आपकी नींद को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं (how dinner disturb your sleep)।
हालांकि, अधिकतर लोगों को यह मालूम नहीं होगा कि डिनर और नींद के बीच भी कोई संबंध है! तो आज हम आपको इस लेख के माध्यम से समझाएंगे किस तरह डिनर आपकी नींद को प्रभावित कर सकता है (how dinner disturb your sleep)। इस विषय पर अधिक गंभीरता से समझने के लिए हेल्थ शॉट्स ने छत्रपति शिवाजी सुभारती हॉस्पिटल मेरठ के जनरल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉक्टर त्रेहन प्रशांत से बात की। तो आईए समझते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से। साथ ही जानेंगे बेहतर नींद की गुणवत्ता के लिए डिनर में किन खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए (Foods for healthy sleep)।
डॉ. त्रेहन प्रशांत कहते हैं “रात के भोजन यानि कि डिनर का नींद की गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ता है। सोने से ठीक पहले भारी या तली-भुनी चीजें खाने से पेट में गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिससे नींद बार-बार टूट सकती है। मसालेदार या ज्यादा मीठा भोजन करने से शरीर का तापमान बढ़ सकता है, और आपको आराम महसूस करने में कठिनाई होती है। रात के खाने के बाद कैफीन या चाय-कॉफी जैसे उत्तेजक पदार्थ लेने से दिमाग अधिक सक्रिय हो जाता है, जिससे नींद आने में दिक्कत होती है।”
डॉ. त्रेहन प्रशांत के अनुसार “हल्का और पौष्टिक रात का खाना, जैसे खिचड़ी, दलिया या सूप, सलाद, आदि पाचन में मदद करते हैं और शरीर को आरामदायक नींद प्राप्त करने में मदद करते है। सोने से कम से कम 2 से 3 घंटे पहले भोजन करने से पेट सही से खाली हो जाता है और गहरी और शांतिपूर्ण नींद प्राप्त करने में मदद मिलती है।”
“इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है, लेकिन बहुत ज्यादा पानी पीने से बार-बार पेशाब के लिए उठना पड़ सकता है, जिससे नींद बाधित होती है। इस तरह, संतुलित और समय पर लिया गया रात का खाना अच्छी नींद में सहायक होता है और सुबह शरीर को तरोताजा महसूस करने में मदद करता है।”
साबुत अनाज की ब्रेड, अनाज, पास्ता, क्रैकर्स और ब्राउन राइस खाएं। ब्रेड, पास्ता और कुकीज़, केक, पेस्ट्री और अन्य मीठे खाद्य पदार्थों सहित सिंपल कार्बोहाइड्रेट लेने से बचें। ये सेरोटोनिन के स्तर को कम कर देते हैं और नींद में रुकावट पैदा कर सकते हैं।
लीन प्रोटीन में लो फैट पनीर, चिकन, टर्की और मछली शामिल हैं। इन खाद्य पदार्थों में एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन की अधिक मात्रा मौजूद होती है, जो सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाता देती है। ट्रिप्टोफैन अंडे की सफेदी, सोयाबीन और कद्दू के बीज में भी पाया जाता है। दूसरी तरफ, हाय फैट वाले पनीर, चिकन विंग्स या डीप-फ्राइड मछली से बचें। इन्हें पचने में अधिक समय लगता है और ये आपको जगाए रख सकते हैं।
अनसैचुरेटेड फैट न केवल आपके हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देगा, बल्कि आपके सेरोटोनिन के स्तर को भी बेहतर बनाता है। इसमें मूंगफली का मक्खन, अखरोट, बादाम, काजू, पिस्ता जैसे मेवे शामिल हैं। सैचुरेटेड और ट्रांस फैट वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें, जैसे फ्रेंच फ्राइज़, आलू के चिप्स या अन्य हाई फैट स्नैक। ये आपके सेरोटोनिन के स्तर को कम कर देते हैं।
ट्रिप्टोफैन की तरह, मैग्नीशियम भी नींद की एक बेहतर गुणवत्ता प्राप्त करने में मदद करता है। अपने डिनर में पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्ज़ी को शामिल करने का प्रयास करें, जिसमें मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है। नट्स, बीज, एवोकाडो और ब्लैक बीन्स भी मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं।
कुछ पेय पदार्थ नींद को बढ़ावा दे सकते हैं, या उन्हें बाधित कर सकते हैं। सोने से पहले गर्म दूध, कैमोमाइल या पेपरमिंट जैसी हर्बल टी पिएं। यदि आपको सोने में कठिनाई होती है, तो कैफ़ीन युक्त खाद्य पदार्थों को दोपहर 2 बजे के बाद नहीं पीना चाहिए। कैफीन लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित कर सकता है। कैफीन जैसे उत्तेजक पदार्थ की सबसे छोटी मात्रा भी आपको जगाए रख सकती है।
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