कई ऐसे लोग हैं, जो वीगन डायट को फॉलो कर रहे हैं। वहीं बहुत से लोग लेक्टोज इनटोलरेंट होते हैं, जिसकी वजह से वे सामान्य दूध नहीं पी सकते हैं। ऐसे लोगों के लिए हमारे पास एक बेहद पौष्टिक और स्वादिष्ट विकल्प है “ओट्स मिल्क”। जो लोग सामान्य गाय और भैंस का दूध नहीं ले सकते हैं, उनके लिए ओट्स मिल्क एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है (how to make oats milk at home)। हालांकि, बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं, पर उनमें प्रिजर्वेटिव्स होते हैं। आप इसे आसानी से अपनी आवश्यकता अनुसार घर पर तैयार कर सकती हैं। तो चलिए जानते हैं इन्हें किस तरह बनाना है (how to make oats milk at home)।
स्टेप 1: ओट्स मिल्क बनाने के लिए आपको 1 कप ओट्स में 3 कप पानी डालना है।
स्टेप 2: ओट्स और पानी को ब्लेंडिंग जार में डालें, और इन्हें एक साथ ब्लेंड करें, जब तक कि ये पूरी तरह से स्मूद न हो जाए।
स्टेप 3: अब किसी बर्तन में कॉटन का कपड़ा लगाएं, और पाउच जैसा बना लें,
स्टेप 4: ब्लेड किए गए मिश्रण को उसमें डालें, और दबाव बनाते हुए कपड़े को प्रेस करें, जिससे कि दूध कंटेनर में गिरे और बचा हुआ मटेरियल कपड़े में रह जाए।
स्टेप 5: तैयार किए गए दूध में गुणवत्ता जोड़ने के लिए दो चुटकी दालचीनी का पाउडर ऐड कर सकती हैं।
नोट: इस दूध को एयर टाइट कंटेनर में रेफ्रिजरेटर में स्टोर करके एक से दो दिनों के अंदर खत्म कर लें। इसे लंबे समय तक स्टोर करने से ये खराब हो सकते हैं। इन्हें बनाने का प्रक्रिया बहुत आसान है, इसलिए आप चाहे तो इसे रोजाना आसानी से तैयार कर सकती हैं।
लो वसा और डेयरी मुक्त यह हमारे बीच लैक्टोज इनटोलरेंस लोगों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है। जिन लोगों को ग्लूटेन इनटोलरेंस है, उन्हें अधिक सावधान रहने की आवश्यकता हो सकती है। स्वभाव से ओट्स ग्लूटेन मुक्त होते हैं, लेकिन अक्सर ग्लूटेन युक्त अनाज के प्रोसेसिंग इक्विपमेंट पर इन्हें प्रोसेस किया जाता है, यह ओट्स को दूषित कर सकता है और प्रतिक्रिया का कारण बन सकता है।
ओट्स मिल्क में गाय के दूध की तुलना में दोगुना डायट्री फाइबर होता है, जो इसे स्वस्थ आंत और पाचन कार्यों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाता है। विशेष रूप से इसमें मौजूद बीटा ग्लूकन, एक घुलनशील फाइबर है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। इसका नियमित सेवन संक्रमण को नियंत्रित रखता है और शरीर की स्वाभाविक रूप से खुद को ठीक करने की क्षमता में सुधार करता है।
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ओट्स मिल्क में बी विटामिन थायमिन और फोलेट होते हैं, जो ऊर्जा के लिए कार्बोहाइड्रेट (थायमिन) के टूटने और रेड ब्लड सेल्स (फोलेट) के सामान्य कार्य का समर्थन करते हैं। इसके अलावा यह पोटैशियम, मैग्निशियम, जिंक जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स का एक बेहतरीन स्रोत है। इन विटामिन और मिनरल्स की आपूर्ति के लिए आप इसे अपनी नियमित डाइट में शामिल कर सकती हैं।
ओट्स मिल्क में जीरो सैचुरेटेड फैट होते हैं, और प्रति सर्विंग कुल 2.5 ग्राम हेल्दी फैट के साथ इसे एक सुपरफूड का दर्जा दिया जाता है। सामान्य दूध में लगभग 8 ग्राम हेल्दी फैट और 5 ग्राम सैचुरेटेड फैट होता है। ओट्स मिल्क आपको हर सर्विंग में कम से कम फैट प्रदान करती है साथ ही इसमें कैलोरी की मात्रा भी बेहद सीमित होती है। यह डायबिटीज से लेकर हार्ट के मरीज और वेट लॉस डाइट तक सभी के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।
डेयरी फ्री प्रोडक्ट, ओट्स मिल्क में जीरो कोलेस्ट्रॉल होता है। इसके नियमित सेवन से रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) की मात्रा कम हो जाती है। शरीर में बढ़ता बैड कोलेस्ट्रॉल आर्टरीज में LDL या लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन के निर्माण को बढ़ावा देता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस होता है, जो हृदय संबंधी समस्याओं के खतरे को बढ़ा देता है। इसलिए, नियमित दूध की पूर्ति करने के लिए ओट्स मिल्क को अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं।
ओट्स मिल्क में बीटा ग्लूकन सॉल्युबल फाइबर होते हैं, जो आंत में कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा कर देते हैं, परिणामस्वरुप ब्लड फ्लो में शुगर लेवल धीमे बढ़ता है। ओट्स मिल्क टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए एक उत्कृष्ट और स्वस्थ विकल्प साबित हो सकता है।
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