उम्र ढ़लने के साथ महिलाओं के शरीर को कई तरह की समस्याएं घेर लेती है। फिर चाहे शारीरिक अंगों में दर्द हो, कमज़ोर इम्यून सिस्टम हो, लो लिबिडो हो या डायबिटीज़। ऐसे में अगर आप किसी होम रेमिडी की तलाश में हैं, तो गोखरू के छोटे बीज बेहद कारगर साबित होते हैं। आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर गोखरू स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है। एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर इस जड़ी बूटी को आहार में शामिल करने से शरीर के कई लाभ मिलते है। जानते हैं किस तरह से गोखरू स्वास्थ्य के लिए है फायदेमंद (Gokhru benefits) ।
गोखरू को गोक्षुरा उर्फ ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस कहा जाता है। कैलट्रॉप फैमिली से आने वाला गोक्षुरा दो संस्कृत शब्दों से बना है, एक है गो यानि गाय और दूसरा है आक्षुरा, जिसका अर्थ है खुर इसका अर्थ गाय का खुर बताया जाता है। दरअसल, गाय के पैर के कठोर हिस्से को खुद कहा जाता है, जो नाखून जैसा नज़र आता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार पारंपरिक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी गोखरू का इस्तेमाल यूरिन से संबधी समस्या, किडनी डिज़ीज, सूजन, पुरानी खांसी, अस्थमा और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए किया जाता हैं। इसके अलावा गोक्षुरा का इस्तेमाल गठिया, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम और हृदय रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है।
इस बारे में आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि गोखरू में एंटीऑक्सीडेंटस की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे शरीर में बढ़ने वाले फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम किया जा सकता है। साथ ही महिलाओं में उम्र के साथ बढ़ने वाली लो लिबिडो की समस्या के लिए भी बेहद कारगर साबित होता है। रिप्रोडक्टिव हेल्थ को बूस्ट करने के लिए अलावा किडनी रोगों से मुक्ति दिलाने में भी ये फायदा पहुंचाता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार 98 महिलाओं के समूह ने 12 सप्ताह तक 1000 एमजी गोखरू का सेवन किया। इससे न केवल ब्लड शुगर लेवल कम हुआ बल्कि वे महिलाएं, जिन्हें कोलेस्ट्रॉल की समस्या थी, उनके शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी कम हो गया।
पीसीओएस यानि पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से ग्रस्त महिलाओं को भी गोखरू का सेवन करने से फायदा मिलता है। इससे शरीर में बढ़ने वाले हार्मोनल असंतुलन को कम किया जा सकता है। इससे अनियमित पीरियड्स, मुंहासे, मूड स्विंग, बालों का झड़ना और ओबेसिटी से राहत मिलती है । इसके अलावा कंसीव करने में होने वाली परेशानियों को भी हल करने में मदद मिलती है।
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर गोखरू का सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके लिए गोखरू के फल को कुचलकर पानी में डालें और रातभर भिगोकर रखें। उसके बाद एक से दो दिन में पी लें।
इसके सेवन से महिलाओं और पुरूषों में लो लिबिडो की समस्या को हल किया जा सकता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार 45 पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं ने 17 सप्ताह तक 750 एम जी गोखरू का सेवन किया। इससे न केवल सेक्स के दौरान बढ़ने वाले दर्द से राहत मिली बल्कि सेक्सुअल डिज़ायर में भी बढ़ोतरी देखने को मिली। वहीं पुरूषों पर हुए रिसर्च में पाया गया कि दो महीने तक 750 से 1000एमजी इस जड़ी बूटी का सेवन करने से सेक्सुअल डिज़ायर में 79 फीसदी की बढ़तरी हुई।
स्किन एजिंग से बचवने के लिए गोखरू से तैयरस फेसपैक बेहद कारगर साबित होता है। इसे चेहरे पर लगाने से फ्री रेडिकल्स का खतरा कम हो जाता है और स्किन का लचीलापन बना रहता है। इसे चेहरे पर लगाने सेस्किन में कोलेजन की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे एजिंग को रिवर्स करने में मदद मिलती है।
गोखरू को पाउडर के रूप में गुनगुने पानी में उबालकर पीने से लाभ मिलता है। इसके अलावा रात को सोने से पहले दूध में मिलाकर पीना भी फायदेमंद साबित होता है।
रात भर गोखरू के बीज को पानी में भिगोकर रखें और फिर सुबह उठकर सेवन कर लें। इससे शरीर को भरपूर पोषण की प्राप्ति होती है। दिनभर में 5 से 6 ग्राम गोखरू का सेवन कर सकते हैं।
चेहरे पर बढ़ने वाले रूखेपन को कम करने के लिए गोखरू को रातभर भिगोकर रखें और 8 से 10 घंटे के बाद उसे पानी से अलग कर लें। पेस्ट तैयार करने के बाद उसमें गुलाब जल मिलाकर चेहरे व गर्दन पर लगाए। इससे त्वचा को फायदा मिलता है।