आखिरकार साल का वह समय आ ही गया है जब आपकी बेस्ट फ्रेंड आपकी रजाई होती है। लेकिन सर्दी का मतलब सिर्फ हवा में ठंडक और आलस भरे दिन ही नहीं होते। सर्दियों में फ्लू के वायरस भी बढ़ जाते हैं और सर्दी-खांसी का जोखिम भी बढ़ जाता है।
वायरस फैलाने का कारण आप चाहें बदलते मौसम को माने या ठंडक को मगर यह तो तय है कि इस समय वायरस तेजी से संक्रमित होता है। इसलिए इस वक्त खुद को सुरक्षित रखना ही सबसे समझदारी का काम होगा।
आप घर पर रहकर खुद को गर्म रखें तो वायरल बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। लेकिन इसके साथ ही अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करना भी जरूरी है, जिसके लिए आपको यह 5 औषधि मदद करेंगी।
मुलेठी सिर्फ गले की खराश और दर्द से ही राहत नहीं दिलाती, बल्कि इसके और भी कई फायदे हैं। रिव्यू जर्नल एस्टा फार्मासिटिका सिनिका बी (APSB) में प्रकाशित 2015 की एक स्टडी के अनुसार मुलेठी में दो केमिकल कंपाउंड होते हैं, जो एंटीवायरल एजेंट की तरह काम करते हैं। यही कारण है कि मुलेठी वायरस फैलने से भी रोक सकती है।
उन्नाब यूनानी चिकित्सा में सदियों से इस्तेमाल होता आया है। यह बेर को सुखा कर बनाया जाता है। इसे भारतीय जूजूबा के नाम से भी जाना जाता है। यह श्वास नली को राहत पहुंचाने और खांसी दूर करने के लिए जाना जाता है। इस औषधि में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, जो आपके इम्यून सिस्टम को ताकतवर बनाता है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बायोलॉजिकल मैक्रोमोलेक्यूल्स की 2017 की एक स्टडी में पाया गया कि उन्नाब इम्यून सेल्स के बनने को भी बढ़ाता है।
भले ही आप अमलतास के औषधीय गुणों से अवगत न हों, लेकिन इसके पेड़ो को आपने जरूर देखा होगा। पीले फूलों से लदे पेड़, जिसके फूल अक्सर सड़को पर बिछे मिलते हैं, वही अमलतास है। इसके फूल और बीजों में औषधीय गुण होते हैं।
भारत के नेशनल हेल्थ पोर्टल के अनुसार अमलतास बुखार कम करने में कारगर है। साथ ही यह सूजन और इंफ्लामेशन कम करके, जकड़न और गले की समस्याओं से निजात दिला सकता हैं।
अब इसमें तो किसी को कोई संदेह नहीं है कि तुलसी सर्दियों के लिए सबसे कारगर उपाय है। जी हां, यह बात शत प्रतिशत सही है। जर्नल ऑफ आयुर्वेद और इंटीग्रेटेड मेडिसीन में 2014 में प्रकाशित पेपर के अनुसार तुलसी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एन्टीफंगल और एंटीइंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी होती हैं। जिसके कारण तुलसी सर्दी में होने वाले सभी इन्फेक्शन का रामबाण इलाज है।
कॉर्डिया मिक्सा या सपिस्तान का नाम शायद आपने न सुना हो। लेकिन जब आपको इसके गुण पता चलेंगे, तब आप भी इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लेंगी।
यह औषधि भी यूनानी चिकित्सा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। सपिस्तान का इस्तेमाल सर्दी, जुखाम, खांसी और श्वास संबंधी रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। IOSR जर्नल ऑफ फार्मेसी के 2016 जून एडिशन में प्रकाशित पेपर में पाया गया है कि इस औषधि में एंटीमाइक्रोबियल और एंटी इन्फ्लामेट्री प्रॉपर्टी होती हैं। साथ ही यह पेन किलर की तरह काम करता है। यही कारण है कि सर्दियों में होने वाले फ्लू से बचने के लिए यह औषधि परफेक्ट है।
अगर इन औषधियों की चाय अलग-अलग करके बनाना आपके बस की बात नहीं, तो घबराएं नहीं। आप हमेशा ही OTC मिश्रण जैसे हमदर्द का जोशीना ले सकती हैं। इसमें तुलसी, अमलतास, सपिस्तान, मुलेठी और उन्नाब सहित सात और औषधि हैं।
तो अगली बार जब भी आपको सर्दी जुखाम हो, आप इन औषधियों का सहारा ले सकती हैं।