जब भी वेट लॉस की बात आती है, तो यह सवाल ज़रूर उठता है ‘चीनी कैसे छोड़ें?’ हमारे भारतीय खानपान में मिठाई खास रूप से प्रचलित है और हमारी चाय, कॉफी से लेकर लस्सी तक हमें मीठी ही पसन्द है। ऐसे में मीठे को त्याग देना बहुत मुश्किल होता है।
लेकिन चीनी सिर्फ़ हमारे मोटापे के लिए ही ज़िम्मेदार नहीं है, टाइप 2 डायबिटीज जैसी गम्भीर बीमारी का कारण भी होती है। जर्नल ऑफ इंटरनल मेडिसिन के शोध के मुताबिक रेगुलर चीनी खाने से डायबिटीज का जोखिम 21% ज्यादा बढ़ जाता है।
खुद को ऑबेसिटी और टाइप 2 डायबिटीज से बचाने के लिए आज से ही अपनी टेबल शुगर को इन नेचुरल स्वीटनर से बदल दें।
शहद आपके आहार में शुगर का परफेक्ट अल्टरनेटिव हो सकता है। दूध, चाय और कॉफ़ी में चीनी की जगह शहद का इस्तेमाल शुरू करें। शहद में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, और शहद में चीनी के मुकाबले कम कैलोरी होती हैं। तो हुआ न शहद डबल फायदेमंद।
पबमेड सेन्ट्रल की स्टडी के अनुसार खजूर भी शुगर का अच्छा सब्स्टीट्यूट होता है। ख़जूर में अच्छी मात्रा में फाइबर और मिनरल्स होते हैं। वैसे तो मार्केट में ख़जूर का पेस्ट भी उपलब्ध है, लेकिन घर में बनाया हुआ पेस्ट ज्यादा बेहतर है। खीर, केक, ब्राउनी इत्यादि में इसका इस्तेमाल चीनी की जगह किया जा सकता है।
मेपल सिरप का इस्तेमाल आपने अक्सर पैनकेक बनाने में किया होगा, लेकिन मेपल सिरप शेक्स, स्मूदी, दूध और डेज़र्ट में चीनी का अच्छा रिप्लेसमेंट है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ की स्टडी के अनुसार मेपल सिरप में कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और ज़िंक भरपूर मात्रा में होता है, इसलिए मेपल सिरप एक हेल्दी ऑप्शन है।
गुड़ चीनी की जगह आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। वैसे तो गुड़ और चीनी दोनों ही गन्ने से ही बनते हैं, मगर रिफाइंड होने के कारण चीनी के सभी पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। वहीं गुड़ में फाइबर और मिनरल्स मौजूद होते हैं। गुड़ को मिठाई के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं और इससे लड्डू भी बनाये जाते हैं।
चीनी की जगह ब्राउन शुगर काफी समय से प्रचलन में है, लेकिन कोकोनट शुगर ब्राउन शुगर से भी ज्यादा हेल्दी है। कोकोनट शुगर में कार्बोहाइड्रेट कम है। इसमें विटामिन और मिनरल्स चीनी के मुकाबले ज्यादा होते हैं। हालांकि इसका अत्यधिक इस्तेमाल नही करना चाहिए। आखिर है तो कैलोरी का स्रोत ही। लेकिन अगर आप मीठे के बिना नहीं रह सकतीं तो टेबल शुगर की जगह कोकोनट शुगर का इस्तेमाल करें।
डायबिटीज केअर स्टडी के शोध में पाया गया कि सोडा ड्रिंक्स को एक से दो दिन में एक बार पीने वालों में डायबिटीज का जोखिम 26% ज्यादा बढ़ जाता है। इन ड्रिंक्स को महीने में एक-दो बार पीने वालों के मुकाबले।
सोडा ड्रिंक्स के बजाय फ्रेश जूस और डिटॉक्स वाटर को डाइट में शामिल करें। अगर आपको फ्लेवर्ड ड्रिंक पसन्द हैं, तो घर पर ही डिटॉक्स वाटर तैयार करें। बस फ्रूट्स को पानी मे रात भर के लिए भिगोकर रख दें और सुबह उस पानी को पी लें।
मीठा खाने का मन करे तो मिठाई की जगह फ्रूट्स खाएं। यह ऑप्शन हेल्दी भी है और टेस्टी भी।
टेबल से चीनी का डब्बा हटा दें। अगर आपको बार-बार चीनी दिखेगी, तो खाने का मन भी करेगा। इसलिए डिब्बे को शेल्फ के पीछे वाले कोने में छुपा लेना ही बेहतर होगा।
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