भारत में, लगभग 10 मिलियन लोगों को हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है। इसमें कोई हैरानी नहीं अगर हम कहें कि हम लोग बिना इस बीमारी के बारे में जाने इसे लगातार बढ़ाते जाते हैं।
हाइपरटेंशन उच्च रक्तचाप के लिए इस्तेमाल होने वाला एक और शब्द है, जिसमें आर्टरी वॉल्स में ब्लड के फ्लो को संदर्भित किया जाता है। हाई बीपी कई वर्षों तक पता नहीं चल पाता, लेकिन कुछ लक्षणों जैसे सिरदर्द, सांस की तकलीफ या नाकबंद से इसे पहचाना जा सकता है।
यदि आप अपने बीपी की जांच करते हैं और इसे 140/90 से ऊपर पाते हैं, तो आपका ब्लड प्रेशर हाई माना जाता है। यदि यह लंबे समय तक ऐसा ही रहता है, तो यह हृदय रोगों जैसे घातक समस्याओं को बढ़ा सकता है। यहां तक कि यह स्ट्रोक का कारण भी बन सकता है। इसलिए, यह बेहद जरूरी है कि आप इसे नियमित रूप से मॉनिटर करते रहें और भविष्य में हृदय संबंधी बीमारियों से बचने के लिए इसे मैनेज करना सीखें।
ब्लड प्रेशर को कंट्राले करने के लिए अपने आहार पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। इनमें कुछ चीजों में कटौती के साथ-साथ कुछ चीजों को अपने आहार में जोड़ना भी शामिल हो सकता है। अपने हृदय स्वास्थ्य के लिए आपको अपने आहार में यह जरूरी बदलाव करने ही चाहिए।
हमने फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के निदेशक और प्रमुख, सीटीवीएस, डॉ उद्गीथ धीर से बात की, जिन्होंने हमें उन खाद्य पदार्थों और सामग्रियों के बारे में बताया जो हाई बीपी के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। अगर आप अपना बीपी कंट्रोल रखना चाहती हैं, तो आपको इनसे बचना चाहिए:
डॉ धीर के अनुसार चाट मसाला और अन्य ऐसे ही मसालों में अक्सर नमक की मात्रा ज्यादा होती है। नमक में मौजूद सोडियम गुर्दे को प्रभावित कर सकता है और हमारे शरीर में वॉटर रिटेंशन को बढ़ा सकता है। यह अतिरिक्त संग्रहित पानी बीपी को बढ़ाता है और गुर्दे, धमनियों, हृदय और मस्तिष्क पर तनाव डालता है।
हम में से ज्यादातर लोग फ्रोजन फूड्स के दीवाने होते हैं। वे इतने शानदार तरीके से तैयार किए जाते हैं और स्वाद के साथ-साथ सुविधाजनक भी होते हैं। हालांकि, वे आपके स्वास्थ्य को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकते हैं। विशेष रूप से यदि आप उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं।
हमारे विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि चाहे वह फ्रोजन फ्राइज़ या कुछ और आपको इनसे बचना चाहिए। क्योंकि अधिकांश खाद्य पदार्थों में केवल थोड़ी मात्रा में नमक स्वाभाविक रूप से होता है और इन उत्पादों के प्रसंस्करण के दौरान काफी मात्रा में नमक एड किया जाता है ताकि उनकी शेल्फ लाइफ और स्वाद को बढ़ाया जा सके।
अचार सभी भारतीयों को पसंद होता है। इसे कच्चे आमों या गाजर से बनाया जा सकता है। इसे परांठा या चावल के साथ परोसा जा सकता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि हम में से अधिकांश लोग इसे इसके खट्ठे-मीठे स्वाद के कारण पसंद करते हैं, जो यह हमारे भोजन को देता है।
लेकिन, डॉ धीर हमें याद दिलाते हैं कि अचार में कई बार अधिक ज्यादा नमक डाला जाता है। भले ही हम उन्हें घर पर तैयार करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि नमक खास प्रीजर्वेटिव है, जो अचार को लंबे समय तक सुरक्षित रखता है। इसलिए हमारे विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि यदि आप बीपी के मरीज हैं या गुर्दे संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हैं तो आपको अचार के सेवन से बचना चाहिए।
लाल मांस एक प्रकार का मांस है, जो जानवरों से प्राप्त होता है जो कच्चे होने पर लाल होता है और पकाए जाने पर गहरे रंग में बदल जाता है। तो, सूअर का मांस, मटन, और भेड़ का बच्चा रेड मीट में काउंट होता है।
डॉ धीर कहते हैं कि उच्च रक्तचाप से पीड़ित मरीजों को लाल मांस के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल से भरा हुआ है और इसका सेवन आपके दिल के लिए नुकसानदायक हो सकता है। वास्तव में, इंटरनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार रेड मीट खाने से हृदय रोगों की संभावना बढ़ सकती है।
डॉ धीर के अनुसार, बादाम, अखरोट और हेजल नट बीपी के रोगियों के लिए एक अच्छा स्नैकिंग विकल्प हो सकता है। जबकि अन्य नट्स के सेवन से उन्हें बचना चाहिए। नट्स हेल्दी डाइट में शामिल होते हैं, पर इनके फ्लेवर्ड और मसालेदार वर्जन्स के सेवन से दूर ही रहना अच्छा है।
ये फूड्स हो सकते हैं फायदेमंद
जैसे कुछ खाद्य पदार्थ दिल के लिए खराब होते हैं, वैसे ही कुछ फूड्स ऐसे भी हैं जो दिल को स्वस्थ रहने में मदद कर सकते हैं। डॉ धीर उच्च रक्तचाप से ग्रस्त लोगों को इन खाद्य पदार्थों के सेवन की सिफारिश करते हैं:
उच्च रक्तचाप को समय पर मैनेज करने के लिए अभी से अपने आहार में ये जरूरी बदलाव करें।