छोटे बच्चों का शरीर ग्रो कर रहा होता है, इस दौरान उनकी हड्डियों से लेकर मांसपेशियां और शरीर के सभी ऑर्गन का विकास हो रहा होता है। ऐसे में शरीर को उचित मात्रा में पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिसमें कैल्शियम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ग्रोइंग एज में बच्चों के शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाए, तो आगे चलकर उन्हें हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए उनकी डाइट में पर्याप्त कैल्शियम जोड़ना आवश्यक है।
छोटे बच्चों की हड्डियां ग्रो कर रही होती हैं, इस दौरान बच्चों को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम की आवश्यकता होती है। बच्चों को उचित मात्रा में कैल्शियम देने से उनकी हड्डियों के विकास में मदद मिलता है और बढ़ती उम्र के साथ उनमें बोन लॉस की समस्या नहीं होती। साथ ही बोन डेंसिटी भी लंबे समय तक बरकरार रहती है।
कैल्शियम की उचित मात्रा बच्चों के दांत को स्वस्थ रूप से ग्रो करने में मदद करती हैं, साथ ही साथ मजबूत मांसपेशियों का निर्माण करती हैं। इससे बच्चों को डेंटल संबंधी समस्याएं नहीं होती, साथ ही साथ मसल्स फंक्शन सही से कार्य करते हैं।
दूध एक ऐसा डेयरी प्रोडक्ट है जिसमें सबसे अधिक मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। दूध बच्चों में कैल्शियम की नियमित आवश्यकता को लगभग 60 से 70 प्रतिशत तक पूरा कर सकता है। इसके अलावा इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो बच्चों के हेल्दी ग्रोथ में मदद करते हैं।
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एक कप दही में लगभग 450 मिलीग्राम कैल्शियम पाए जाते हैं, जो बच्चों की नियमित कैल्शियम की आवश्यकता को पूरा करते हैं। साथ ही यह मजबूत हड्डियों का निर्माण करते हैं, और मांसपेशियों के कार्य को बढ़ावा देते हैं। इसके साथ ही इसमें प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं, जो पाचन क्रिया में हेल्दी बैक्टीरिया के ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं, और आपकी आतों को स्वस्थ रखते हैं।
हरी सब्जियां बच्चों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती हैं। यह कैल्शियम की आवश्यकता को पूरा करते हैं और कई अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करते हैं, जो बच्चों के हेल्दी ग्रोथ के लिए जरूरी है। केल, ब्रोकली, पालक और पार्सले में कैल्शियम की उचित मात्रा पाई जाती है, उन्हें डाइट में जरूर शामिल करें।
रागी एक प्रकार का अनाज है, जिसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। कैल्शियम के अलावा यह आयरन और अमीनो एसिड का बेहतरीन स्रोत है। रागी ग्लूटेन फ्री होता है और इसमें फैट की मात्रा भी सीमित होती है। फाइबर से भरपूर होने के साथ ही इसे पचाना भी बेहद आसान होता है। बच्चों के लिए रागी से पैनकेक, चपाती, डोसा, इडली, कुकीज आदि तैयार कर सकती हैं।
अंजीर कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है, इसके अलावा फोर्टीफाइड संतरे के रस में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। वहीं इन्हे बच्चों की डाइट में शामिल करना भी आसान है। आप ड्राइड अंजीर को बच्चों को दूध के साथ दे सकती हैं।
शरीर में कैल्शियम की मात्रा को बनाए रखने के लिए उनके अवशोषण को बढ़ाने के लिए विटामिन डी और मैग्नीशियम की भी आवश्यकता होती है। विटामिन डी तथा मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करें, इसके साथ ही उचित डाइजेशन और पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए पेट में पर्याप्त मात्रा में एसिड होना चाहिए। यदि आपके बच्चे को बर्पिंग, एसिड रिफ्लक्स, ब्लोटिंग और हार्टबर्न की शिकायत रहती है, तो हो सकता उनके पेट में कम मात्रा में एसिड हो।
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