हर मौसम में खाई जाने वाली लौकी की सब्जी की डिमांड महाशिवरात्रि के पर्व पर खासतौर से बढ़ जाती है। हो भी क्यों न, शिव की अराधना के इस पावन पर्व पर अधिकतर लोग व्रत करते है, जिसमें सात्विक या फलाहार ही खाया जाता है। धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो लौकी की सब्जी की गिनती सात्विक और संपूर्ण भोजन में की जाती है। शरीर को दिनभर एनर्जी से भरपूर रखने के लिए कुछ खास रेसिपीज़ (Bottle gourd recipes) से शरीर को हेल्दी और फिट रखने में मदद मिलती है।
इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि विटामिन, मिनरल और फाइबर से भरपूर लौकी शरीर के पोषण को बढ़ाकर कैलोरी काउंट को मेंटेन रखने में मदद करता है (Bottle gourd recipes)। इसमें आयरन, जिंक फोलेट और मैग्नीशियम की मात्रा भी पाई जाती है। इसके अलावा पानी की उच्च मात्रा होने से शरीर में निर्जलीकरण की समस्या का जोखिम कम हो जाता है।
इसे सब्जी से लेकर खीर, जूस और हलवा बनाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इंटरनेशनल रिसर्च जर्नल ऑफ़ फार्मेसी के अनुसार लौकी का सेवन करने से कब्ज, समय से पहले बाल सफेद होना, यूरिन संबधी समस्याएं और इनसोमनिया से बचा जा सकता है।
व्रत के दौरान खानपान में आने वाले बदलाव ब्लोटिंग और एसिडिटी का कारण बनने लगते है। ऐसे में गट में गुड बैक्टीरिया की मात्रा को बढ़ाने के लिए लौकी बेहद फायदेमंद है। इसमें पानी के अलावा फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है, जिससे कब्ज की समस्या हल हो जाती है।
अक्सर व्रत के दौरान शरीर में पानी की कमी का जोखिम बना रहता है। ऐसे में लौकी को जूस, रायता और सब्जी बनाकर खाने से शरीर हाइड्रेट रहता है और एनर्जी का स्तर उचित बना रहता है। जर्नल ऑफ डेयरी साइंस और टेकनोलॉजी के अनुसार लौकी में 96ण्1 फीसदी पानी की मात्रा पाई जाती है। इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस मेंटेन रहता है।
लो कैलेरी लौकी में फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे कैलोरी काउंट को मेंटेन किया जा सकता है। साथ ही पेट देर तक भरा हुआ महसूस होता है। इसका सेवन करने से शरीर को विटामिन, आयरन, मैंगनीज और पोटेशियम की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में जमा फैट्स का बर्न करके वेट लॉस में मददगार साबित होता है।
ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोकने के लिए अक्सर लो ग्लाइसेमिक इंडैक्स वाले फूड्स का सेवन किया जाता है। लौकी का भी ग्लाइसेमिक इंडैक्स लो होने के चलते शुगर स्पाइक के खतरे से बचा जा सकता है। साथ ही फाइबर की मात्रा ज्यादा होने से पाचनतंत्र धीमा हो जाता है।
विटामिन और मिनरल से भरपूर लौकी को ग्रेट कर लें और उसे पैन में डालकर भून लें। जब पानी सूख जाए, तो उसमें दूध डालकर पकाएं। अच्छी तरह से पकने के बाद जब मिश्रण गाढ़ा हो जाएं, तो उसमें खांड डालकर हिलाएं। धीमी आंच पर कुछ देर तक पकाने के बाद इसमें इलायची पाउडर, कटे हुए बादाम, काजू और पिस्ता डालें और सर्व करें।
प्रोबायोटिक्स से भरपूर दही में लैक्टिक एसिड की उच्च मात्रा पाई जाती है, जिससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है। ऐसे में लौकी को दही में मिलाकर खाने से एसिडिटी की समस्या को हल किया जा सकता है। साथ पेट दिनभर भरा रहता है। इसके लिए लौकी को छीलकर उबलने के लिए रख दें। उसके बाद दही को ब्लैंड कर लें और उसमें नमक, काली मिर्च, जीरा व स्वादानुसार अन्य चीजें मिलाएं। इसके बाद लौकी से पानी को अलग करके दही में मिला दें।
पैन में घी को गर्म कर लें और लौकी को ग्रेट करने के बाद पकाएं। 15 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। जब लौकी पक जाए, तो उसमें दूध को मिलाए और उसे पकाने के दौरान हिलाते रहें। अब इसमें खजूर, कोकोनट शुगर, छोटी इलायची का पाउडर और ड्राई फ्रूट्स मिलकर हिलाएं।
विटामिन और मिनरल से भरपूर लौकी का सेवन करने से शरीर में एनर्जी का स्तर बना रहता है। इसके लिए लौकी को टुकड़ों में काटकर धो लें। अब तेल गर्म करके उसमें हींग, जीरा, अदरक और हल्दी डालकर हिलाए।। उसके बाद सूखी लाल मिर्च और स्वादानुसार नमक मिलाकर सब्जी डालें।
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