जब हम वजन घटाने की कोशिश करते हैं, तो सबसे पहला काम हम करते हैं फैट को अपनी डाइट से निकाल देना। यही नहीं, फिटनेस के लिए भी हमें लगता है कि अपनी डाइट से फैट कम करना मददगार होगा, जबकि ऐसा नहीं है।
यह तो कोई नहीं जानता कि फैट विलेन क्यों बन गया, लेकिन हम यह जरूर जानते हैं कि यह अवधारणा खत्म करने की जरूरत है। फैट हमारे स्वास्थ्य के लिए बुरा नहीं है, बशर्ते हम उसे एक सीमा में ही खाएं।
फैट की उपयोगिता समझने के लिए हमने बात की फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट गुरुग्राम की चीफ क्लिनिकल नूट्रिशनिस्ट डॉ संध्या पांडेय से।
वह बताती हैं,”अगर आप बैलेंस डाइट को देखें तो उसमें मैक्रो और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स दोनों होते हैं। हम खाना ऊर्जा के लिए खाते हैं और कार्बोहाइड्रेट और फैट उसका प्रमुख स्रोत हैं। एक संतुलित आहार में फैट की मात्रा 30 प्रतिशत से कम होनी चाहिए, इसलिए अगर आप 30% से कम फैट ले रहे हैं तो यह हेल्दी है।”
“यही नहीं, फैट का टाइप भी बहुत मायने रखता है। फैट का मतलब सिर्फ घी और मक्खन नहीं होता। दूध, ड्राई फ्रूट्स से लेकर फिश और अंडे में भी फैट होता है। आपको अपनी डाइट से फैट नहीं सैचुरेटेड या ट्रान्स फैट कम करना है”, बताती हैं संध्या।
1. विटामिन की कमी
कुछ विटामिन ऐसे होते हैं जिन्हें अब्सॉर्ब करने के लिए फैट की जरूरत होती है। इन्हें फैट-सॉल्युबल विटामिन कहते हैं। विटामिन ए, डी, ई और के फैट सॉल्युबल होते हैं। जब आप फैट खाना बंद कर देते हैं तो यह विटामिन भी शरीर में अब्सॉर्ब नहीं हो पाते और इनकी कमी हो जाती है।
संध्या बताती हैं कि आजकल मार्केट में मौजूद कई कुकिंग ऑयल में यह विटामिन मिले हुए होते हैं। यही नहीं, ड्राई फ्रूट्स और नट्स में मौजूद फैट हमारे शरीर के लिए आवश्यक होता है। इसलिए हेल्दी फैट को अपनी डाइट में शामिल करें।
2. ध्यान देने और याद रखने में समस्या
क्या आप जानते हैं कि फैट आपके दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद है। यह तो आपने सुना होगा कि फिश खाने से याददाश्त तेज होती है। दरअसल फिश में मौजूद ओमेगा-3 भी पॉलीअनसैचुरेटेड फैट होता है, जो हमारे दिमाग के लिए बहुत जरूरी होता है।
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कस्टमाइज़ करें3. कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करता है
हम जानते हैं कि आप क्या सोच रहे हैं, कि फैट तो कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है। तले हुए खाने में मौजूद सैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है। गुड फैट कोलेस्ट्रॉल कम करता है। हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की स्टडी में पाया गया है कि हेल्दी फैट ना खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है।
4. थकान
संध्या बताती हैं,”हमें ऊर्जा के लिए फैट की जरूरत होती है और फैट ना खाने पर हमें थकान महसूस होती है। फैट डाइट से घटाने पर या तो आप उसकी कमी पूरी करने के लिए ज्यादा कार्बोहाइड्रेट खाते हैं या पूरे दिन थका हुआ महसूस करते हैं। और दोनों ही स्थिति हमारे शरीर के लिए अनहेल्दी हैं।
इसलिए डाइट से फैट कम करना आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं होता है।
इस पर संध्या कहती हैं,”हम हमेशा ही एक्स्ट्रीम की ओर भागते हैं। या तो हम बहुत अधिक फैट खा लेते हैं या बिल्कुल ही नहीं खाते। एक नूट्रिशनिस्ट के तौर पर मैं यही सलाह दूंगी की लिमिट जानना जरूरी है। बैलेंस डाइट से बेहतर कुछ नहीं होता।”
दूध पीना मत छोड़िए, डार्क चॉकलेट खा सकती हैं, एवोकाडो, अंडे और फिश अपने आहार में शामिल करें। बस किसी भी चीज की अति न करें।
और यह नियम सिर्फ फैट के लिए ही लागू नहीं होता। कोई भी न्यूट्रिएंट बहुत अधिक न खाएं। संतुलन बनाये रखना ही हेल्दी होता है।