शाम का स्नैक्स डायबिटीज से पीड़ित लोगों को रात भर उनके ब्लड शुगर लेवल को स्थिर करने में
हाई फैट या सिंपल कार्ब वाले स्नैक्स हर किसी के लिए नुकसानदेह होता है। खासकर शाम के स्नैक्स या बेड टाइम वाले स्नैक्स। क्योंकि जैसे-जैसे दिन का समय आगे बढ़ता है, हमारी फिजिकल एक्टिविटी घटती जा सकती है। इसकी वजह से ली गयी कैलोरी बर्न नहीं हो सकती है। यह फाइट के रूप में शरीर में जमा हो सकता है। डायबिटीज के मरीज के लिए यह और भी नुकसानदेह हो सकता है। इसके कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा बना रहता है। इसलिए डायबिटीज के मरीज के लिए यह जानना जरूरी है कि उन्हें शाम का स्नैक्स (evening snacks for diabetes) लेना चाहिए या नहीं।
रात में हर किसी का ब्लड शुगर लेवल बदलता रहता है। टाइप 1 डायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में यह उतार-चढ़ाव सुबह के समय हाई ब्लड शुगर लेवल या हाइपरग्लेसेमिया का कारण बन सकता है। इवनिंग स्नैक या सोने से पहले देर रात का स्नैक्स ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद कर सकता है। यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज है, तो जरूरी नहीं कि उनके लिए शाम का स्नैक्स वर्जित है। उनके लिए हेल्दी ऑप्शन चुनना महत्वपूर्ण है।
इवनिंग स्नैक्स या सोने से पहले लिया गया स्नैक्स नींद लाने में भी आपकी मदद कर सकता है। एक छोटा और संतुलित नाश्ता भूख के कारण रात में जागने से बचाने में मदद कर सकता है। इससे नींद खराब हो सकती है। नींद की कमी हंगर हार्मोन के उत्पादन को बाधित कर सकती है। इसके कारण जब आप जागती हैं, तो अधिक खाने लग सकती हैं।
ईवनिंग स्नैक्स में अतिरिक्त कैलोरी होती है। इससे वजन बढ़ सकता है। यदि आप शाम के भोजन के बाद स्नैक्स लेती हैं, विशेष रूप से कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ, तो आप अगली सुबह हाई ब्लड शुगर लेवल के साथ उठ सकती हैं। यदि आपको शाम के भोजन के बाद भूख लग रही है, तो पहले एक गिलास पानी पीने का प्रयास करें। कभी-कभी प्यास भी भूख जैसी ही लगती है। यदि इसके बावजूद भूख लग रही है, तो सबसे अच्छा विकल्प कम कार्बोहाइड्रेट और कम कैलोरी वाला स्नैक्स है। यह प्रोटीन या फाइबर में हाई होना चाहिए, जैसे कि ग्रीक योगर्ट या एक छोटी मुट्ठी ड्राई फ्रूट्स।
एवोकाडो स्वाभाविक रूप से हाई फाइबर वाला है। यह हेल्दी फैट से भरा होता है, जो हार्ट और ब्लड शुगर के लिए अच्छा है। होल व्हीट ब्रेड के साथ खाने पर यह दो गुना फायदा देता है। साबुत अनाज का ब्लड शुगर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्लांट बेस्ड प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए कुछ चिया सीड्स या ग्राउंड फ्लैक्स मिला सकती हैं। यह मेटाबोलिक सिंड्रोम डायबिटीज को कम करने में मदद करता है।
हमेशा 100% साबुत अनाज वाली ब्रेड का उपयोग करन चाहिए। प्रति स्लाइस कम से कम 2 ग्राम फाइबर हो। इस पर बिना नमक या चीनी के नेचुरल पीनट बटर डालें। मूंगफली से तैयार मक्खन हेल्दी फैट और प्रोटीन से भरपूर होता है। जब इसे साबुत अनाज वाली ब्रेड के साथ मिलाया जाता है, तो यह कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा कर देता है। यह रात की भूख को कम करने में मदद कर सकता है। मूंगफली के मक्खन में मैग्नीशियम होता है, जो ब्लड शुगर नियंत्रित करने में मदद करता है।
ग्रीक योगर्ट में नियमित दही के मुकाबले दोगुना प्रोटीन, लेकिन आधा कार्बोहाइड्रेट होता है। दही बेहतर पाचन और हृदय स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। सादा दही ही खाएं। एडेड शुगर ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकती है। दही को मीठा करने के लिए उसमें ब्लैकबेरी या ब्लूबेरी मिलाएं। इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स अन्य फलों की तुलना में कम होता है। बेरी में फाइबर, एंथोसायनिन, एंटीऑक्सिडेंट भी हाई मात्रा में होते हैं। इसमें मौजूद डाइजेस्टिव एंजाइम पाचन को धीमा करने में मदद करते हैं।
हम्मस चने से बनता है, जो एक प्लांट बेस्ड प्रोटीन है। चना और बीन्स इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद कर सकती हैं। एक्स्ट्रा फाइबर पाने के लिए इसे कई तरह की सब्जयों या मौसमी फलों के साथ मिला कर खाया (evening snacks for diabetes) जा सकता है।
यह भी पढ़ें :- Dark chocolate benefits : भूख कंट्रोल कर वजन घटाने में मदद करती है डार्क चॉकलेट, यहां हैं इसके और भी फायदे
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें