4 फूड्स जिन्हें खाली पेट खाना चाहिए और 6 फूड्स जिनसे करना चाहिए परहेज, डायटीशियन बता रही हैं सबका कारण
लंबी फास्टिंग को ब्रेक करने वाली मील को ब्रेकफास्ट कहा जाता है। सुबह की भूख को शांत करने के लिए कुछ लोग स्पाइसी, तो ऑयली फूड्स का सेवन करते है, तो कुछ बिना जाने समझे कच्ची सब्जियों की स्मूदी पीते हैं। इसके चलते दिनभर उन्हें असहजता और परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा पोषक तत्वों के अवशोषण पर भी उसका प्रभाव नज़र आता है। अगर आप भी हेल्दी ब्रेकफास्ट का चयन करना चाहती है, तो कुछ फूड्स को खाली पेट (foods on an empty stomach) लेने से बचें। जानते हैं वो फूड्स जिन्हें ब्रेकफास्ट में खाने से स्वास्थ्य समस्याओं का संकट बढ़ सकता है।
लंबी फास्टिंग के बाद कैसा हो आहार (Foods on an empty stomach)
इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि 8 से 10 घंटे की फास्टिंग के बाद पेट में जूसिज और एंजाइंम्स सिक्रीट होने लगते है। ऐसे में एसिडिक फूड खाने से एसिडिक फॉर्मेशन बढ़ने लगती है, जो पेट दर्द और ब्लोटिंग का कारण बन जाती है। ऐसे में आहार में प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, माइक्रोन्यूट्रीएंटस से भरपूर आहार शामिल करने से डाइजेशन एबजॉर्बशन मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। इससे हृदय रोगों, डायबिटीज, मोटापा और तनाव दूर होता है। साथ ही इसमें एंटी एजिंग और एंटी कैसरस प्रभाव भी पाए जाते है।
खाली पेट इन फूड्स को खाने से बचें (Foods to not eat on an empty stomach)
1 खट्टे फल से गैस्ट्रिक अल्सर का खतरा
खाली पेट किन्नू, कीवी, अमरूद और संतरे जैसे खट्टे फल का सेवन करने से पेट में एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है। इसके चलते पेट में दर्द, ब्लोटिंग और पाचन धीमा होने की समस्या बढ़ने लगता है। साथ ही गैस्ट्राइटिस और गैस्ट्रिक अल्सर का खतरा भी बढ़ता है। इन फलों को खाली पेट खाने से शरीर में फ्रुक्टोज की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे डायबिटीज़ असंतुलित होने लगती है। इसके अलावा जूस से फाइबर की मात्रा न मिल पाने के कारण कुछ ही देर में भूख लगने की समस्या बनी रहती है।
2 कॉफी से रिफ्लक्स में बढ़ोतरी
कॉफी की प्याली सुबह उठकर खाली पेट पीने से जहां ब्रेन एक्टिव रहता है, तो वहीं एसिडिटी का जोखिम बढ़ जाता है। कॉफी पाचन तंत्र में हाइड्रोक्लोरिक एसिड के स्राव को उत्तेजित करती है जिससे गैस्ट्राइटिस हो सकता है। कैफीन एसोफेगस और पेट के मध्य लोअर एसोफेजियल स्फिंक्टर को खोलता है। ये पेट के एसिड का एसोफैगस में वापस जाने का कारण बनता हैए जिससे रिफ्लक्स में बढ़ोतरी होती है।
3 स्पाइसी फूड से बढ़ती है सीने में जलन
वे लेग जो सुबह नाश्ते में मसालेदार भोजन का सेवन करते हैं। उन्हें पेट दर्द, जलन और एसिड रिफ्लक्स का सामना करना पड़ता है। स्पाइसी फूड खाने से कैप्साइसिन कंपाउड गैस्ट्रिक समस्याओं का कारण साबित होता है। कैप्साइसिन के चलते हार्टबर्न और अपच का सामना करना पड़ता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार ब्रेकफास्ट अधिक मिर्ची वाला चाने खाने से गट हेल्थ को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा स्किन एलर्जी और नाव की समस्या बनी रहती है।
4 शुगरी सीरियल्स से बढ़ती है थकान
दिनभर एक्टिव रहने के लिए मीठे की जगह सामान्य अनाज का सेवन करें। ब्रेड, चावल, पास्ता और मीठे ओट्स से शरीर में शुगर का स्तर अनियंत्रित होने लगता है। इससे मोटापा, डायबिटीज़ और हृदय रोगों का खतरा बढ़ने लगता है। साथ ही कैलोरीज़ का स्टोरेज भी बढ़ने लगता है। इन फूड्स को ज्वार, बाजरा और जौ से रिप्लेस कर लें।
5 कच्ची सब्जियों को खाने से बचें
लो फैट मील का चुनाव करने के चलते अक्सर लोग खाली पेट कच्ची सब्जियों का सेवन करने लगते हैं। हांलाकि कच्ची सब्जियाँ फाइबर से भरपूर होती हैं। मगर इनका खाली पेट सेवन ब्लोटिंग और पेट दर्द के जोखिम को बढ़ा देता है। जहां खीरे में क्यूकरबिटासिन कंपाउड पाया जाता है। इसे खाली पेट खाने से गैस और दस्त का कारण बन सकता है। वहीं टमाटर में मौजूद टैनिक एसिड गैस्ट्रिक जूस के संपर्क में आने पर पेट में जलन पैदा करता है।
6 योगर्ट से बढ़ता है एसिडिटी का जोखिम
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार दही प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है। अगर आप खाली पेट इसका सेवन करते हैं, तो इससे पेट में एसिडिटी बढ़ने लगती है और हेल्दी बैक्टीरिया की मात्रा कम हो जाती है। योगर्ट में मौजूद लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया शरीर को फायदा नहीं पहुंचाते है और एसिड का प्रोडक्शन बढ़ने लगता है।
इन फूड्स को खाली पेट खाने के लिए चुनें
1 ओटमील से बढ़ता है ऊर्जा का स्तर
ओटमील शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। फाइबर से भरपूर ओट्स को आहार में शामिल करने से पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है। साथ ही डायबिटीज़ को बढ़ने से रोका जा सकता है।
2 अंडे से मसल्स को मज़बूती मिलती है
अंडे प्रोटीन की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे मसल्स को मज़बूती मिलती है और टिशूज का निर्माण होता है। जर्नल न्यूट्रिएंट्स की रिपोर्ट के अनुसार इसके सेवन से भूख को नियंत्रित करके कैलोरीज़ की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। कोलेस्ट्रॉल से ग्रस्त लोगों को अंडे का सफ़ेद भाग खाने की सलाह दी जाती है।
3 नट्स और सीड्स
भीगे हुए नट्स और सीड्स को आहार में शामिल करने से शरीर को हेल्दी फट्स, प्रोटीन और फाइबर की प्राप्ति होती हैं। इससे शरीर को विटामिन ई, आयरन और ओमेगा 3 फैटी एसिड की भी प्राप्ति होती है। साथ ही शरीर में एनर्जी और स्टेमिना बना रहता है।
4 बेरीज
बेरीज का सेवन करने से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर की कमी पूरी होती हैं, जो पाचन को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। रास्पबेरी और ब्लैकबेरी ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। साथ ही इन्हें मूड बूस्टिंग फूड्स भी कहा जाता है।