कोविड-19 महामारी (covid-19 pandemic) और डेंगू-मलेरिया (dengue-malaria) के बढ़ते मुद्दों के बीच जीका वायरस (zika virus) का डर लोगों में फैलने लगा है। इस खतरनाक बीमारी का प्रकोप मौजूदा वक्त में परेशान करने वाला है। इसकी चपेट में आते ही मरीज कई स्वास्थ्य जोखिमों के शिकार बन जाते है। लेकिन घरबराएं नहीं, क्योंकि हम बता रहें है जीका वायरस से बचने के कुछ प्रभावी उपाय।
8 जुलाई 2021 को, दक्षिण भारत के केरल निवासी में जीका वायरस (ZIKV) संक्रमण की पुष्टि की गई थी। यह भारत में जीका वायरस रोग का पहला केस था। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) पुणे में आरटी-पीसीआर परीक्षण (RT-PCR) के माध्यम से इस वायरस का पता लगाया गया है।
31 जुलाई 2021 को, महाराष्ट्र के बेलसर जिले से पहले जीका वायरस मामले की पुष्टि हुई। हाल ही में उत्तर प्रदेश के कानपुर में 25 से ज़्यादा लोगों में जीका के लिए पॉज़िटिव पाए गए। कानपुर शहर अब वायरस के लिए एक हॉटस्पॉट के रूप में उभरा है। यहां कुल मामलों की संख्या 66 हो गई है।
जीका के बढ़ते केस के बीच स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रखा गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना और डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच जीका वायरस के केस ने समस्याओं को बढ़ा दिया है। मरीजों के लिए इन तीनों रोगों में अन्तर कर पाना कठिन हो सकता है। ऐसे में रोग का समय पर निदान न हो पाने के कारण स्थिति बिगड़ने का डर रहता है।
ज्यादातर मामलों में जीका वायरस एडीज मच्छर (aedes mosquito) के काटने से होता है। ये मच्छर ज्यादातर दिन के समय सक्रिय होते हैं और डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी अन्य बीमारियों को भी प्रसारित कर सकते हैं। इसके अलावा यह संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्कों के माध्यम से और संभवतः रक्तदान के माध्यम से भी फैल सकता है। साथ ही संक्रमित मां से उसके नवजात बच्चें या भ्रूण में भी यह वायरस प्रवेश कर सकता है।
ये प्रमुख लक्षण हैं जो लोगों में पाए गए हैं और आमतौर पर 2-7 दिनों तक चलते हैं –
हल्का से तेज बुखार
चकत्ते
आंखों में दर्द
मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द
सिरदर्द
मतली और उल्टी
ये सारे लक्षण डेंगू और मलेरिया के रोगियों में भी पाए जाते है। इसलिए इन बीमारियों में फर्क करना मुश्किल होता है।
जीका वायरस से बचने का सबसे अच्छा उपाय है मच्छरों से बचना। घर के अंदर और बाहर मच्छरों के काटने से बचें, खासकर सुबह और शाम के समय। इस वक्त मच्छर ज्यादा सक्रिय होते है।
मच्छर भागाने वाली दवाइयों का उपयोग करें।
लंबी बाजू वाली शर्ट और लंबी पैंट पहनें ।
सुबह और शाम खिड़कियों को बंद रखें।
मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें।
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कस्टमाइज़ करेंजीका वायरस वाले क्षेत्र में रहने पर सेक्स के दौरान कंडोम (condom) का उपयोग करें। केसेज कम होने के बावजूद कम से कम 8 सप्ताह तक ऐसा करना जारी रखें। इससे यौन संबंधों के माध्यम से संक्रमण नहीं फैलेगा।
यदि लक्षण देखने को मिल रहे हैं, तो संक्रामण के छह महीने तक कंडोम का उपयोग किया जाना चाहिए।
जीका प्रभावित क्षेत्रों से लौटने वाले यात्रियों को 28 दिनों तक रक्तदान नहीं करना चाहिए। इससे संक्रमण नहीं फैलेगा।
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