घर से निकलते वक्त हम सभी सम्भव प्रीकॉशन्स ले रहे हैं। मास्क, ग्लव्स, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग तक, सभी नियम फ़ॉलो कर रहे हैं और करना भी चाहिए। फिलहाल तो प्रीकॉशन्स ही एकमात्र विकल्प है।
लेकिन साउथ कोरियन स्टडी में पाया गया है कि बाहर निकलते वक्त हम जितने प्रीकॉशन्स लेते हैं, यह हमें घर पर भी लेने चाहिए। इसके लिए उनका तर्क है कि घर में कोरोना वायरस फैलने का ख़तरा ज्यादा है।
अमेरिकन सेंटर ऑफ़ डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेनशन की स्टडी के अनुसार 100 में से सिर्फ़ 2 लोगों में यह संक्रमण किसी बाहरी व्यक्ति से आया था। इसके साथ ही हर दस में से एक व्यक्ति में यह संक्रमण किसी परिवार जन से ही पहुंचा है। उम्र के हिसाब से देखें तो घरों में सबसे जल्दी इंफेक्शन टीनएजर्स और 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों में होता है।
जहां एक तरफ हम बाहर मास्क पहन कर निकल रहे हैं, वहीं घर पर हम कोई प्रीकॉशन्स नहीं अपनाते। न ही घर के अंदर सोशल डिस्टेंंसिंग का ख्याल रखा जाता है। यही हमारी सबसे बड़ी भूल है।
कोविड-19 में अधिकांश मरीज़ों में कोई लक्षण नहीं दिखते, और ऐसे में परिवार में संक्रमण फैलना और आसान हो जाता है।
1. आपके घर में वायरस आने का माध्यम वह व्यक्ति है जो बाहर आ-जा रहा है। हम घर से निकलना तो बंद नहीं कर सकते, लेकिन प्रीकॉशन्स ज़रूर बरत सकते हैं। अगर आप बाहर जाती हैं, तो घर के बुजुर्गों और बच्चों से दूरी बनाएं।
2. बाहर से आते ही खुद को सैनिटाइज करें, कपड़े और चप्पल बदलें, हाथ पैर धोएं।
3. अगर आपको तबियत ठीक नहीं लग रही, तो खुद को आइसोलेट कर लें।
4. विटामिन सी नियमित रूप से खाते रहें।
हालांकि कोई भी प्रीकॉशन्स यह गारंटी नहीं देता कि आपको कोविड-19 नहीं होगा, लेकिन आप को खुद को सुरक्षित रखने का प्रयास ज़रूर करना चाहिए।