आपकी लंबाई का असर सिर्फ आपकी पर्सनैलिटी पर ही नहीं बल्कि आपके स्वास्थ्य पर भी पड़ता है (impact of your height on health.) यह हम नहीं इस विषय पर देश दुनिया में हुए तमाम रिसर्च कह रहे हैं। चलिए जानें कि रिसर्च क्या कहती हैं और आपके कद का संबंध किन बीमारियों से हो सकता है।
एनसीबीआई द्वारा कराए गए एक शोध से पता चलता है कि कम-औसत लम्बाई होने पर आपको कुछ प्रकार के कैंसर होने की संभावना कम है। उदाहरण के लिए, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में 100,000 से अधिक महिलाओं पर हुए एक अध्ययन से पता चला है कि छोते कद की महिलाओं में डिम्बग्रंथि (ovarian cancer) के होने की संभावना कम होती है। 50 से 69 वर्ष की आयु के 9,000 से अधिक पुरुषों पर हुए अध्ययन से यह बात सामने आई कि छोटे पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना कम थी।
आपके पैरों की लंबाई, टाइप 2 मधुमेह होने की संभावना से जुड़ी हो सकती है। 6,000 से अधिक वयस्कों पर 5 साल के आंकड़ों के आधार पर, वैज्ञानिकों को लगता है कि लंबे लोगों को इसके होने की संभावना कम हो सकती है। यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों के बीच संबंध क्यों है, लेकिन एक बात यह है कि छोटा कद जन्म से पहले या बचपन में मिले खराब पोषण या अन्य चयापचय समस्याओं (metabolism issues) का संकेत है।
वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययनों में यह बात सामने नहीं आ पाई है कि जो लोग 5 फीट 3 इंच से छोटे हैं, उन्हें कोरोनरी हृदय रोग होने की संभावना 5 फीट 8 इंच या उससे अधिक की तुलना में लगभग 50% अधिक है। इसका कारण खराब पोषण या जन्म से पहले या बचपन में संक्रमण हो सकता है जो शरीर के विकास को प्रभावित करता है। यह भी हो सकता है कि आपके जीन और आपकी लंबाई, दिल की समस्याओं की संभावना को प्रभावित करते हैं और इस वजह से उनमें ह्रदय रोग की संभावना बढ़ जाती है।
यह तब होता है जब आपके मस्तिष्क के किसी क्षेत्र में रक्त का प्रवाह (blood circulation) बंद हो जाता है। लम्बे लोगों में इसकी संभावना कम होती है खासकर तब जब उनका वजन बैलेंस है। बचपन में पोषण और अन्य स्वास्थ्य संबंधी प्र्शानियों के कारण कद का कम रह जाना छोटे कद वालों को बीमारियों के लिए प्रोन बना सकता है।
यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है, खासकर अगर ब्लड क्लॉट नस में बनता है या आपके फेफड़ों तक जाता है। शोधकर्ता इसकी व्याख्या नहीं कर सकते हैं, लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि आपका कद जितना कम होगा, आपकी नस में रक्त का थक्का बनने की संभावना उतनी ही कम होगी। 5 फीट या उससे कम उम्र के लोगों में इसके होने की संभावना सबसे कम होती है।
जब इस प्रकार के मनोभ्रंश की बात आती है, खासकर पुरुषों के लिए ऊंचाई एक फायदा हो सकता है। 500 से अधिक लोगों पर हुए एनसीबीआई के एक अध्ययन से पता चला है कि जो पुरुष लगभग 5 फीट 11 इंच या उससे अधिक लंबे होते हैं, उनमें अल्जाइमर रोग होने की संभावना लगभग 60% कम होती है, जो लगभग 5 फीट 7 इंच या उससे कम उम्र के होते हैं। लंबी महिलाओं में भी इसकी संभावना कम हो सकती है।
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