भारत में करीब 64% लोग नियमित रूप से चाय-कॉफी का सेवन करते हैं। चाय या कॉफी किसी भी भारतीय के लिए दिन की बेहतर शुरूआत हो सकती है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि एनर्जी और माइंड बूस्ट करने वाला चाय का प्याला आपके दांतों की सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकता है? जी हां, कई शोध इस बात का दावा करते हैं कि चाय या कॉफी का जरूरत से ज्यादा सेवन और ओरल हाइजीन के प्रति लापरवाही दांत दर्द और नुकसान का कारण बन सकते हैं। आज वर्ल्ड टूथेक डे (World Toothache Day) के अवसर पर आइए समझते हैं इन दोनों का कनैक्शन।
हम और हमारे आसपास अधिकांश लोग ऐसे हैं, जो अपने दिन की शुरूआत ही कैफीन के सेवन से करते हैं। चाय-कॉफी के अलावा सोडा, चॉकलेट और एनर्जी ड्रिंक के जरिए भी कैफीन लिया जाता है। इन चीजों में कैफीन के साथ अधिक मात्रा में शुगर का इस्तेमाल किया जाता है। यही कारण है कि आजकल ज्यादातर बच्चों को बचपन से ही दांतों की समस्या (Toothache) का सामना करना पड़ता है।
लोगों को डेंटल हेल्थ को लेकर जागरूक करने के लिए हर साल 9 फरवरी को वर्ल्ड टूथेक डे मनाया जाता है।
बॉडी हाइजिन के साथ ओरल हेल्थ का ध्यान रखना भी बेहद जरुरी है। टूथ हाइजिन को अवॉइड करने से दातों की समस्याओं का खतरा बढ़ने लगता है। इसके कारण हमें दातों में दर्द, कीडा लगना, मुह में छाले, बदबू और अन्य कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की सलाह के मुताबिक 2 साल की उम्र तक के बच्चों को चीनी के सेवन से दूर रखना जरूरी है। अन्यथा उन्हें दातों की समस्याएं होने का खतरा बन सकता है। लेकिन चाय-कॉफी का सेवन किस तरह दातों को प्रभावित कर सकता है? आइए जानतें हैं इस बारें में विस्तार से।
फेयरफील्ड डेंटल आर्ट के एक अध्ययन के मुताबिक चाय-कॉफी में अधिक मात्रा में कैफीन होता है। कैफीन एक नेचुरल कम्पाउंड है, जो नर्वस सिस्टम को प्रभावित करके ब्रेन को एक्टिव रखने में मदद करता है। इसी कारण चाय-कॉफी का सेवन करते ही एनर्जेटिक और एक्टिव महसूस होने लगता है।
पर विशेषज्ञों की मानें तो, जरूरत से ज्यादा कैफीन आपकी नींद में कमी आने और डिहाइड्रेशन होने का कारण भी बन सकती है। इसका अधिक सेवन हमारी डेंटल हेल्थ को भी नुकसान पंहुचाने लगता है। जिससे आपको दांतों से जुड़ी कई समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।
कैफीन में टेनिन्स नामक एक कम्पाउंड पाया जाता है। यह दांतों के इनेमल को डिस्टर्ब करके बैक्टीरिया की ग्रोथ होने और दातों में प्लाक (plaque) जमने का कारण बनता है। इसी कारण केविटी और पेरियोडोंटल जैसी समस्याएं पनपने लगती हैं।
कैफीन के अधिक सेवन से दातों के इनेमल को नुकसान पहुंचता है। इसके कारण मुंह में बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं, जो ओरल हाइजीन को डिस्टर्ब करके मुंह से बदबू आने का कारण बनते हैं।
यह भी पढ़े – इन 8 लो ग्लाइसेमिक्स इंडेक्स वाले फूड्स के साथ करें डायबिटीज को कंट्रोल
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंआपके नियमित चाय और कॉफी दातों में दर्द बढ़ने (Toothache) के कारणों में से एक हैं। कैफीन का जरूरत से ज्यादा सेवन इसका मुख्य कारण है। कॉफी एसिडिक होती है और ज्यादा एसिडिक पदार्थों के संपर्क में आने से समय के साथ दांतों के इनेमल नरम होकर टूटने लगते हैं। इससे दांत कमजोर होने के साथ दर्द की समस्या होने लगती है।
फेयरफील्ड डेंटल आर्ट के अनुसार दांतों का इनेमल कमजोर होने से दांतों में दाग लगना आसान हो जाता है। जैसे-जैसे आपका इनेमल पतला होता है, डेंटिन और दांतों के इनेमल के नीचे की परत प्रभावित होने लगती है। इससे दातों में कीड़े लगने जैसी समस्या होने लगती है।
कैफीन का अधिक मात्रा में सेवन आपके दांतों को धीरे-धीरे खराब करने लगता है। इसमें क्रोमोजेन के यौगिक पाए जाते हैं, जो कॉफी को गहरा रंग देने का कारण बनते हैं। जब आप कॉफी पीती हैं, तो टैनिन क्रोमोजेन पिगमेंट को दांतों से चिपकाना आसान बना देता है। जिससे पीलापन आ जाता है और धीरे-धीरे सभी दातों को प्रभावित करने लगता है।
ये तो आपने जान लिया कि आपकी चाय या कॉफी पीने की आदत भी असल में आपके दांत खराब कर रही है। पर इस समस्या से छुटकारा कैसे पाना है, आइए अब आपको बताते हैं- (toothache care at home)
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी दातों की समस्या को कम कर सकता है. इसके लिए आप फलों और सब्जियों जैसे कि नींबू और स्ट्रॉबेरी का सेवन कर सकते हैं। इनमें प्राकृतिक रूप से फाइबर पाया गया है, जो बैक्टीरिया को हटाकर दांतों को क्लीन रखने में मदद करते हैं।
दातों की समस्या से बचने के लिए क्रीमर और शुगर से परहेज करें, क्योंकि इनका सेवन बैक्टीरिया बढ़ने का कारण बनता है।
अगर आप आइस्ड कॉफी का सेवन करती हैं, तो दाग के खतरे को कम करने के लिए इसका सेवन स्ट्रॉ से करें। साथ ही कॉफी पीने के 30 मिनट बाद कुल्ला करें या दांतों की सफाई करें।
यह भी पढ़े – ये 5 तरह के कैंसर महिलाओं के लिए हो सकते हैं घातक, पहचानिए इनके लक्षण