कोरोना की रफ्तार कम होने का नाम ले रही है। लोग तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं। दुनिया भर में 59 लाख से भी ज्यादा लोग अभी तक इसकी चपेट में आ चुके हैं। जबकि 13 लाख से ज्यादा लोगों की इससे मौत हो चुकी है। लेकिन अभी भी यह महामारी रुकने का नाम नहीं ले रही। ऐसे में सभी देश कोरोना की वैक्सीन का इंतजार कर रहें जिससे कि महामारी से निपटने में मदद मिल सके। कोरोना की वैक्सीन का काम तेजी से चल रहा है।
पूरा विश्व वैक्सीन के लिए इंतजार कर रहा है। लेकिन ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन के (WHO) के माहानिदेशक डॉ. ट्रेड्रोस एडहैनम घेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) का नया बयान सामने आया है। उन्होंने हाल ही में कहा है कि सिर्फ वैक्सीन से कोरोना महामारी खत्म नहीं हो सकती है। उन्होंने चेतावनी दी है कि लोगों की उम्मीदों को झटका लग सकता है। सिर्फ वैक्सीन के दम पर हम इस महामारी के कहर को नहीं रोक पाएंगे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुरूआत में कोरोना महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन को जरूरी बताया था। घेब्रेयसस ने कहा कि हम शुरुआत से जानते हैं कि इस महामारी को नियंत्रण में रखने के लिए वैक्सीन बहुत आवश्यक होगी। लेकिन उन्होंने इसके साथ ही कोरोना वैक्सीन को लेकर यह सवाल भी उठाया कि क्या वास्तव में इस महामारी से जीतने के लिए सिर्फ वैक्सीन सफल साबित होगी।
कोरोना की वैक्सीन के आने से पहले ही तमाम देशों में वैक्सीन को लेकर होड़ मची हुई है। बड़े-बड़े देशों ने पहले से वैक्सीन की प्री बुकिंग करा रखी है। इसको लेकर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी नाराजगी जताई है। इस पर डॉ. एडहैनम घेब्रेयसस ने कहा कि वैक्सीन राष्ट्रवाद से इस वैश्विक महामारी में कोई कमी नहीं आएगी, बल्कि इससे यह महामारी और फैलेगी।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस वैक्सीन के वितरण के संबंध में घेब्रेयसस ने कहा कि कोरोना वैक्सीन शुरूआत में सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों, बुजुर्गों और गंभीर स्थिति का सामने कर रहे लोगों को दी जाएगी। क्योंकि वैक्सीन की आपूर्ति सीमित होगी। कोरोना की वैक्सीन से मरने वाले लोगों की संख्या में भी कमी आएगी।
इससे पहले पिछले महीने कोरोना की वैक्सीन को लेकर ब्रिटिश सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार सर पैट्रिक वॉलेस ने भी चेतावनी दी थी। उन्होने भी कोरोना की वैक्सीन को को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि इस तरह की वैक्सीन मिलने की संभावना बहुत ही कम कि जिससे कोरोना वायरस को पूरी तरह से रोका जा सके।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी सिर्फ कोरोनावायरस के संदर्भ में ही नहीं, आपके समग्र स्वास्थ्य पर लागू होती है। किसी भी बीमारी के उपचार के लिए दवा का इंतजार करने से बेहतर है कि पहले ही उन नियमों का पालन किया जाए, जिससे बीमारी से बचाव हो सके। बचाव उपचार से हमेशा ही बेहतर होता है।
अपना और अपने परिवार का ख्याल रखना आपकी जिम्मेदारी है। अनलॉक में जब ऑफिस और बाजार खोलना मजबूरी हो गई है, यह जरूरी है कि आप उन नियमों का पालन करती रहें, जिन्हें लॉकडाउन की शुरूआत में सख्ती से लागू किया गया था।
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