इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कर रहीं हैं काढ़े का सेवन, तो ये जरूरी बातें भी जान लें

काढ़ा एक आयुर्वेदिक पेय है, जो पिछली दो लहरों की तरह कोरोनावायरस की तीसरी लहर में भी आपका रक्षा कवच बन रहा है। पर इसका सेवन करने से पहले कुछ जरूरी तथ्य भी जान लेने चाहिए।
aapako omicron se bhee suraksha de sakata hai kaadha
आपको ओमीक्रोन से भी सुरक्षा दे सकता है काढ़ा। चित्र : शटरस्टॉक
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देश में जिस प्रकार कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए मामले बेकाबू हो रहे हैं, स्वास्थ्य मंत्रालय से लेकर आयुष मंत्रालय (AYUSH) तक बचाव के लिए इम्यूनिटी (Immunity) पर काम करने की सलाह दे रहे हैं। पूरे देश में टीकाकरण अभियान (Vaccination drive) चल रहा है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाकर उनकी इम्यूनिटी बढ़ाई जा सके। लेकिन और भी कई तरीके हैं जिनकी सहायता से अपनी इम्यूनिटी बढ़ाई जा सकती है। इनमें सबसे ज्यादा प्रचलित है आयुर्वेदिक काढ़ा (Ayurvedic Kadha) । कोरोना वायरस संक्रमण की पहली लहर में हर किसी ने आयुर्वेदिक काढ़े को अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने का एक जरिया बनाया। अगर आप भी इसके दैनिक सेवन की योजना बना रहीं हैं, तो कुछ बातें जान लेना जरूरी है। 

इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार है आयुर्वेदिक काढ़ा 

सेहत के कई लाभ प्रदान करने वाला आयुर्वेदिक काढ़ा हमारी इम्यूनिटी के लिए काफी अच्छा है। लेकिन इसके फायदे तभी हैं, जब इसे उचित तरीके से बनाया जाए। इसको बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली आयुर्वेदिक सामग्रियों को सीमित मात्रा में इस्तेमाल किया जाए। अन्यथा यह शरीर पर उल्टा असर कर सकती हैं। जिससे कई बड़े स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकते हैं। पहली लहर में जब लोगों ने आयुर्वेदिक काढ़े की ओर रुख किया, तो बहुत से लोगों ने इसका लाभ लिया। जबकि कुछ को इसके साइड इफेक्ट भी झेलने पड़े। 

Virus se bachne ke liye kadha ka sewan kare
वायरस से बचने के लिए काढ़ा का सेवन करें। चित्र:शटरस्टॉक

अगर आप भी आयुर्वेदिक काढ़ा अपनाने वाले हैं या अपना रहे हैं, तो आपको कुछ चीजें सुनिश्चित करने की जरूरत है। इन सभी अहम चीजों के बारे में चर्चा करेंगे, लेकिन पहले जान लेते हैं आयुर्वेदिक काढ़े के बारे में कुछ अहम जानकारियां। 

कोरोना में क्यों फायदेमंद है आयुर्वेदिक काढ़ा ?

कोनावायरस संक्रमण से जूझ रहे मरीजों के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा काढ़े का रोजाना नियमित मात्रा में सेवन करने की सलाह दी गई थी। साल 2018 में जर्नल ऑफ ट्रेडिशनल एंड कंप्लीमेंट्री मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया था कि काढ़ा एक प्राकृतिक बायो एक्टिव यौगिकों से तैयार पेय है। यानी यह एंटीऑक्सीडेंट जैसे कैरोटीनॉयड, फेनोलिक एसिड, फ्लेवोनोइड, एल्कलॉइड, सैपोनिन, टेरपेनोइड्स, पॉलीएसेटिलीन, क्यूमरिन और कई अन्य का एक अच्छा जरिया है।

काढ़े में संतुलित मात्रा में होनी चाहिए गिलोय,काली मिर्च और दालचीनी 

यदि आप घर पर काढ़ा बना रहीं हैं तो आपको इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है कि काढ़े में शामिल किए जाने वाले सभी तत्व संतुलित मात्रा में किए जाए। ज्यादातर लोग काढ़े में अश्वगंधा, गिलोय, काली मिर्च, तुलसी, दालचीनी का इस्तेमाल करते हैं। 

ये सभी सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं, लेकिन ज्यादा इस्तेमाल कई प्रकार के स्वास्थ्य जोखिम खड़ा कर सकता है। जिनके बारे में हम आगे जानेंगे।

काढ़े के ज्यादा सेवन और गलत तरीके से बनाने पर हो सकती हैं ये समस्याएं 

  1. नाक से खून बहना
  2.  पेट में जलन और एसिडिटी की समस्या होना
  3. मुंह और गले में छाले निकल आना
  4. यूनरी ट्रैक में समस्या या जलन होना
  5. अपच और पेचिश जैसी समस्याएं।

जब इम्युनिटी के लिए फायदेमंद है काढ़ा तो फिर क्यों करता है यह शरीर को नुकसान ? 

आप सभी के मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा। हमारे पास इसका भी जवाब है। दरअसल कोई भी आयुर्वेदिक औषधि हमेशा कुछ चीजों को ध्यान में रख कर दी जाती है। जिसमें मौसम, प्रकृति, उम्र, पुरानी बीमारियों की स्थिति शामिल है। काढ़े में इस्तेमाल की जाने वाली सभी औषधियां जैसे गिलोय, काली मिर्च, सोंठ व दालचीनी की तासीर काफी गर्म होती है। 

ghr par banaye herbal kadha aur apni immunity boost kare
घर पर बनाएं हर्बल गिलोय का काढ़ा और अपनी इम्युनिटी बूस्ट करें। चित्र : शटरस्टॉक

जब ज्यादा मात्रा में इनका सेवन किया जाता है तो यह शरीर के तापमान को बिगाड़ देती हैं और यह समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं।

यह भी याद रखें 

जिन लोगों को कफ दोष होता है, उन लोगों के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा बहुत फायदेमंद है। हालांकि वात और पित्त दोष वाले लोगों को आयुर्वेदिक काढ़े का इस्तेमाल करते समय खास ध्यान देना चाहिए। 

यदि आपको यह सुनिश्चित करने में समस्या उत्पन्न हो रही है कि काढ़े में किस सामग्री की मात्रा कितनी होनी चाहिए, तो बाजार में मिलने वाले काढ़े के पैकेट का इस्तेमाल करें। उनमें स्पष्ट किया जाता है कि कितने कप पानी में आपको कितनी चम्मच सामग्री डालनी होगी। 

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