scorecardresearch

कोविड-19 ही नहीं, गंध का पता न चलने के हो सकते हैं कई कारण, जल नेति क्रिया हो सकता है उपाय

योग में आसनों के अतिरिक्‍त भी कई क्रियाएं हैं। जल नेति इन्‍हीं में से एक है। अगर आपको किसी भी वजह से गंध नहीं आ रही है तो कोविड-19 के बारे में सोचकर घबराएं नहीं, बल्कि नेति क्रिया ट्राय करें।
वार्ता
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
अगर आपको गंध आनी बंद हो गई है तो जल नेति क्रिया इसका उपचार हो सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
अगर आपको गंध आनी बंद हो गई है तो जल नेति क्रिया इसका उपचार हो सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

कोविड 19 होने पर स्वाद व गंध का महसूस न होना कोरोना वायरस का लक्षण माना जा रहा है, लेकिन लेकिन यह जरूरी नही है कि ये कोरोना के लक्षण हैं। स्‍वाद और गंध महसून न होने पर आप योग की जल नेति क्रिया भी आजमा सकती हैं। जिससे गंध वापस आने लगती है।

गंध और स्‍वाद न आने की ये भी हो सकती हैं वजह 

आरोग्य योग एवं मैडीटेशन सेन्टर के डायरेक्टर गुलशन कुमार ने आज कहा कि कोरोना काल में रोज नये नये शोध हो रहे हैं । कोविड 19 के जो लक्षण मरीजों मे पाये जाते है, वो सांस लेने में कठिनाई, खांसी आना , थकान, बुखार, गले व फेफड़ों में इन्फेक्शन होना हैं। इसके साथ-साथ गंध और स्‍वाद का पता न लगने का लक्षण भी 5०-6० प्रतिशत लोगो में पाया जाता है।

स्‍वाद या गंध न आना कॉमन कोल्‍ड के भी लक्षण हो सकते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

सूंघने की क्षमता खत्म होने पर योग की षट्कर्म क्रिया जल नेति, सुत्रनेति, कपालभाति व घृत नेति का बस अभ्यास ही निश्चित रूप से अच्छी या बुरी गंध महसूस कराने लगता है। सामान्‍य जुकाम में भी गंध व स्वाद महसूस नहीं होता। एक अध्ययन के मुताबिक कोविड-19 मरीज कड़वा व मीठे स्वाद को पहचान नहीं पाते। जबकि कॉमन कोल्ड होने पर इसके लक्षण माइल्ड होते हैं।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों को नासिका का रोग है या नाक में एलर्जी है, नाक में पोलिप है। जो लोग नेजल ड्राप्स का अत्यधिक प्रयोग करते है उनकी भी सूंघने की क्षमता ज्यादातर खत्म हो जाती है। इसका अर्थ यह बिल्कुल नही है कि वे कोरोना पॉजिटिव हैं।

इसके अतिरिक्त पुराने नजला जुकाम होने पर भी गंध महसूस नहीं होती। एजिंग प्रोसेस, बुढ़ापे में स्वाद व सूंघने की क्षमता खत्म हो जाती है। जो लोग डायबिटिक है या पार्किंसन का इलाज करवा रहे हैं उनकी भी सूंघने की क्षमता खत्म हो जाती है।

कैसे करें जल नेति

जल नेति करने के लिए सुबह एक टोटी दार लोटे मे गुनगुने जल मे सेंधा नमक मिला लें। फिर नासिका को अच्छे से साफ करके लोटे की टोटी को नासिका के बांये छिद्र में लगाकर सिर को दायें और झुका कर रखने से दायीं नासिका से पानी बाहर निकल जाता है। लोटे का जल खत्म होने के पश्चात ये ही क्रिया दायें नासिका से भी करें। इस प्रकार नासिका की क्लीजिंग हो जाने से नासिका के अन्दर का क्रस्ट बाहर निकल जाता है और हमारी सूंघने की क्षमता वापस लौट आती है।

Pollपोल
प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
अगला लेख