आज की दुनिया में, पानी एक ऐसी वस्तु बन गया है जिसे अब मजाक के रूप में बिल्कुल नहीं लिया जा सकता है। हम में से कई लोग बहुत भाग्यशाली हैं, जिन्हे 24×7 पानी मिलता है। जबकि दुनिया का एक बड़ा हिस्सा ऐसा है जिसके पास पानी की पर्याप्त मात्रा तक नहीं पहुंच पाती है। वैश्विक जल संकट इस समय दुनिया के सबसे बड़े मुद्दों में से एक है। जलवायु परिवर्तन इसे और भी बदतर बना रहा है। वहीं अनहेल्दी आदतों के कारण हम उन ड्रिंक्स की ओर बढ़ रहे हैं, जो शरीर के तापमान को डिस्टर्ब कर रहीं हैं। जबकि समग्र स्वास्थ्य के लिए सादा पानी ही काफी है। वर्ल्ड वॉटर डे (World water day) पर आइए करते हैं सेहत के लिए पानी की जरूरत पर बात।
फ्रेश वॉटर के महत्व पर ध्यान केंद्रित करने और फ्रेश वॉटर के संसाधनों के स्थायी प्रबंधन पर बातचीत करने के साधन के रूप में प्रतिवर्ष 22 मार्च को वर्ल्ड वॉटर डे (World water day 22 March) आयोजित किया जाता है। यह सतत विकास लक्ष्य 6: 2030 तक सभी के लिए पानी और स्वच्छता के लिए वैश्विक जल संकट से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है।
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‘जल जीवन का अमृत है’ इस कहावत से सभी परिचित हैं। पीने से लेकर साफ-सफाई और अन्य सभी चीजों के लिए पानी की जरूरत होती है, इसके बिना जीवन टिक नहीं सकता।
यह एक वार्षिक संयुक्त राष्ट्र (UN) पर्यवेक्षण दिवस है, जो फ्रेश वॉटर के महत्व को बताने के लिए 22 मार्च को हर साल मनाया जाता है।
फ्रेश वॉटर के संसाधनों के स्थायी प्रबंधन पर बातचीत करने के लिए भी इस दिन का उपयोग किया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को पानी से संबंधित मुद्दों के बारे में अधिक जानने के लिए प्रेरित करना और बदलाव लाने के लिए उचित कदम उठाना है।
इस दिन जल प्रदूषण, पानी की कमी, अपर्याप्त पानी और स्वच्छता की कमी से जुड़े मुद्दों पर प्रकाश डाला जाता है। यह पानी के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और वैश्विक जल संकट को हल करने के लिए एक्शन के लिए प्रेरित करता है।
वर्ल्ड वॉटर डे का इतिहास (World water day history) के बारे में बात करें, तो संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 22 दिसंबर 1992 को विश्व जल दिवस के रूप में अपनाया गया, जिसने 22 मार्च को विश्व जल दिवस घोषित किया। पहली बार वर्ल्ड वॉटर डे 1993 में मनाया गया, जिसके बाद से यह दुनिया भर में हर साल मनाया जाने लगा है।
सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। पीने का पानी डिहाइड्रेशन को रोक सकता है। अगर आप पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, तो ये मूड में बदलाव कर सकता है, आपके शरीर को ज़्यादा गरम कर सकता है और कब्ज और लिवर में पथरी हो सकती है।
पानी में कोई कैलोरी नहीं होती है, इसलिए यह शरीर के वजन को प्रबंधित करने और कैलोरी की मात्रा कम करने में भी मदद कर सकता है। जब इसे कैलोरी वाले पेय जैसे चाय या नियमित सोडा के साथ मिलाया जाता है, तब इसकी कैलाेरीज में वृद्धि हो सकती है।
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कस्टमाइज़ करेंपानी न सिर्फ शरीर के तापमान को संतुलित रखता है, बल्कि यह रीढ़ की हड्डी और अन्य संवेदनशील ऊतकों को भी सुरक्षित रखता है। पेशाब, पसीना और मल त्याग के माध्यम से खराब पदार्थों से छुटकारा दिलाने में पानी ही मुख्य भूमिका निभाता है। साथ ही आपके शरीर में मौजूद तमाम कोशिकाओं तक ऑक्सीजन की सप्लाई पानी के माध्यम से ही होती है।
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मायो क्लीनिक के अनुसार शरीर में कई ऐसे काम होते है, जिसमें पानी की आवश्यकता होती है जैसे सांस लेना, मूत्र त्याग, पसीना आदि। इन सभी चीजों की वजह से शरीर में पानी की खपत होती है। इसी खपत को पूरा करने के लिए और शरीर को सुचारू रूप से काम करवाने के लिए हमें तरल पदार्थ या पानी वाले खाद्य पदार्थों की जरूरत होती है।
यूएस नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के अनुसार पुरुषों को एक दिन में लगभग 15.5 कप (3.7 लीटर) तरल पदार्थ के सेवन की जरूरत होती है। जबकि महिलाओं को एक दिन में लगभग 11.5 कप (2.7 लीटर) पानी पीना जरूरी है।
आरओ (RO) यानी रिवर्स ऑस्मोसिस (reverse osmosis) तकनीक फ़िल्टर्ड और स्वच्छ पेयजल (Filtered drinking water) प्रदान करती है। हालांकि आरओ पानी से कुछ आवश्यक खनिजों को खत्म कर देता है। इसके बावजूद आरओ के पानी को सुरक्षित पेयजल माना जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि खनिजों को हटाने के अलावा, आरओ तकनीक पानी से औद्योगिक रसायनों, धातुओं, कीटनाशकों और सॉल्वैंट्स जैसे अन्य प्रदूषकों को भी हटाती है। इन दूषित पदार्थों का मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
प्राची जैन, चीफ क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट एवं एचओडी (न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स) सीके बिरला हॉस्पहीटल (गुरुग्राम) बताती है कि आरओ में पानी काफी माइक्रोस्कोपिक छिद्रों से होकर गुजरता है जिससे कई जरूरी मिनिरल्स भी पानी से निकल जाते है। लेकिन अब कई आरओ सिस्टम्स ऐसे भी हैं जो पानी को वापस में मिनिरल बैड्स में से गुजारती है और इस तरह वे उपयोगी लवण पानी में लौटते हैं।
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