प्लांट बेस्ड फूड या शाकाहार पर आधारित जीवन शैली स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाती है। हालांकि हमारे दैनिक आहार में बहुत तेजी से पशु आधारित खाद्य पदार्थों का अनुपात बढ़ रहा है। पर विशेषज्ञ मानते हैं कि पशुओं से प्राप्त खाद्य पदार्थ गरिष् होते हैं। इसलिए उन्हें पचाने में भी अधिक समय लगता है। इससे कई रोगों का जोखिम भी बढ़ जाता है। यही वजह है कि पशुओं के प्रति संवेदना बरतते हुए पूरी दुनिया में 1 नवंबर को वर्ल्ड वीगन डे (World Vegan Day) मनाया जाता है। जिसमें न केवल मांस या मछली से बल्कि पशुओं से प्राप्त होने वाले दूध और दुग्ध उत्पादों से भी परहेज की सलाह दी जाती है। वीगनिज़्म दुनिया भर में बहुत तेजी से बढ़ता हुआ डाइट ट्रेंड है।
शाकाहारी जीवन शैली का पालन करने और शाकाहार के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर वर्ष 1 नवंबर को विश्व शाकाहार दिवस मनाया जाता है। इसके माध्यम से पशुओं के प्रति प्रेम प्रदर्शित करने और एनवायरनमेंट कंजर्वेशन को बढ़ावा देने के लिए भी यह दिन मनाया जाता है।
वर्ष 1994 में सबसे पहले इंग्लैंड में विश्व शाकाहारी दिवस की शुरुआत हुई थी। सोशल वर्कर लुईस वालिस ने यूके में वीगन सोसाइटी की स्थापना की और इसके अध्यक्ष बने।उन्होंने ही प्लांट बेस्ड फ़ूड के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए वर्ल्ड वीगन डे की शुरुआत की। दरअसल, सर्वाहार की तुलना में शाकाहार में फाइबर अधिक और कोलेस्ट्रॉल कम होता है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि शाकाहार हृदय रोग और समय से पहले मृत्यु के जोखिम को कम करता है। यह टाइप 2 मधुमेह का भी प्रबंधन करने में मदद करता है। यहां तक कि यह कैंसर के खतरे को भी कम करता है।
दक्षिणी कैलिफोर्निया परमानेंट मेडिकल ग्रुप के एमडी फिलिप जे टुसो, रिवरसाइड मेडिकल सेंटर के एमडी मोहम्मद एच इस्माइल, बेकर्सफील्ड मेडिकल सेंटर के एमडी बेंजामिन पी हा आदि की टीम ने पौधे आधारित आहार पर स्टडी की। चिकित्सकों की इस टीम ने बताया कि अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण ओबेसिटी, डायबिटीज और हार्ट डिजीज की संभावना बढ़ जाती है।
स्वस्थ जीवनशैली के लिए सबसे अधिक स्वस्थ खानपान होना जरूरी है। पौधे-आधारित आहार को सर्वोत्तम स्वस्थ भोजन कहा जा सकता है। यदि आप संपूर्ण रूप से पौधे-आधारित खाद्य पदार्थों को अपनाएंगे, तो मांस, डेयरी उत्पादों और अंडों के साथ-साथ सभी प्रकार के डिब्बाबंद और प्रोसेस्ड फ़ूड को लेना बंद करना होगा।
कई केस स्टडी बताती है कि प्लांट बेस्ड फ़ूड के स्वास्थ्य लाभ अधिक हैं। अनुसंधान से पता चलता है कि पौधे आधारित आहार कम जोखिम कारक होते हैं, जो बॉडी मास इंडेक्स, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम कर सकते हैं। यदि व्यक्ति के किसी पुरानी बीमारी का इलाज चल रहा है, तो यह आवश्यक दवाओं की संख्या को कम करने के साथ-साथ लाभदायक भी सिद्ध हो सकता है।
यह इस्केमिक हृदय रोग मृत्यु दर को भी कम करने में मदद करता है। यह रिसर्च इस बात पर जोर देता है कि सभी चिकित्सकों को अपने उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग या मोटापे से ग्रस्त रोगियों को प्लांट बेस्ड फ़ूड की सिफारिश करनी चाहिए।
विश्व शाकाहार दिवस पर भारत में प्लांट बेस्ड फूड्स इंडस्ट्री एसोसिएशन (PBFIA) के कार्यकारी निदेशक संजय सेठी आशा जताते हैं कि भारत में प्लांट बेस्ड फूड्स के प्रति जागरुकता और तेजी से फैलेगी, क्योंकि ये फ़ूड रोगमुक्त होते हैं। ये कई रोगों से बचाव करने में भी सक्षम हैं।
यह पर्यावरण के अधिक अनुकूल होगा और इसकी खपत से खाद्य पारिस्थितिकी तंत्र भी बेहतर होगा। संजय सेठी कहते हैं, ‘ सोसाइटी के लिए यह सही समय है कि वह प्लांट बेस्ड फ़ूड के महत्व से अवगत हो। बढ़ते तापमान, बढ़ती जूनोटिक बीमारियों, मिट्टी के क्षरण के खतरे, मरुस्थलीकरण और बढ़ती आबादी के साथ साथ बढ़िया स्वास्थ्य के लिए प्लांट बेस्ड फ़ूड से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। ”
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