World Stroke Day : स्वस्थ रहने के लिए अपना कीमती समय निकालें, जानिये बचाव ही उपाय है
इन दिनों ऐसी घटनाएं बड़ी तेजी से बढ़ रही हैं, जिनमें स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति को स्ट्रोक हो जा रहा है। जब तक आसपास के लोग इसकी भयावहता को समझ पाते हैं, प्रभावित व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य जोखिम बढ़ जाता है। विशेषज्ञ इसके पीछे खराब लाइफस्टाइल और जानकारी के अभाव को जिम्मेदार मानते हैं। स्ट्रोक के प्रति जागरुकता बढाने के लिए ही हर वर्ष 29 अक्टूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस (world stroke day) मनाया जाता है। आइये सबसे पहले इस दिवस के उद्देश्य को जानते हैं।
विश्व स्ट्रोक दिवस (world stroke day-29 october)
हर वर्ष 29 अक्टूबर को दुनिया भर के ज्यादातर देशों में विश्व स्ट्रोक दिवस (world stroke day) मनाया जाता है। वैश्विक स्तर पर जागरूकता बढ़ने के लिए वर्ल्ड स्ट्रोक आर्गेनाईजेशन (WSO) ने इस दिवस को मनाना शुरू किया। विश्व स्ट्रोक संगठन के अनुसार, दुनिया भर के 4 वयस्कों में से 1 को अपने जीवनकाल में स्ट्रोक का अनुभव हो जाता है। इसलिए संस्था ने इस दिवस के माध्यम से लोगों में स्ट्रोक की जागरूकता बढ़ाने के लिए एक वैश्विक मंच की स्थापना करना जरूरी समझा।
इसका उद्देश्य स्ट्रोक की गंभीर प्रकृति और इसके हाई रिस्क रेट के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है।
सार्वजनिक शिक्षा के माध्यम से यह संस्था लोगों को स्ट्रोक के जोखिम कारकों और संकेतों को पहचानने और इससे बचाव के तरीकों पर भी चर्चा करती है।
वर्ल्ड स्ट्रोक डे की थीम है कीमती समय को पहचानें (World stroke day theme)
सबसे महत्वपूर्ण होता है समय। एक क्षण में व्यक्ति के शरीर में कई सारे परिवर्तन हो जाते हैं। जैसे ही किसी व्यक्ति को स्ट्रोक होता है, तो उसके मस्तिष्क के ऊतक और लाखों न्यूरॉन्स सेकंड में प्रभावित होना शुरू हो जाते हैं। समय से अधिक कीमती कुछ नहीं हो सकता है। इसलिए वर्ल्ड स्ट्रोक डे 2022 की थीम है प्रेशस टाइम (#Precioustime) । स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में हो रहे परिवर्तन के संकेतों को समय पर समझ लिया जाए और आपातकालीन चिकित्सा मुहैया करा दी जाये, तो स्ट्रोक के कारण होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
यही कारण है कि 29 अक्टूबर को आधिकारिक रूप से विश्व स्ट्रोक दिवस दुनिया भर में मनाया जाने लगा।
क्या कहती है भारत के बारे में पबमेड सेंट्रल की रिसर्च (research on India)
भारत में स्ट्रोक महामारी विज्ञान और स्ट्रोक की देखभाल सेवाओं पर लेखक जयराज दुरई पांडियन और पॉलिन सुधनबो की रिसर्च रिपोर्ट पबमेड सेंट्रल में शामिल है। इसके अनुसार, भारत जैसे विकासशील देश कम्युनिकेबल और नॉन कम्युनिकेबल रोगों के दोहरे बोझ का सामना कर रहे हैं। भारत में मृत्यु और विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक कारण स्ट्रोक है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रोक रेंज की अनुमानित प्रसार दर 84-262/100,000 है। शहरी क्षेत्रों में यह दर 334-424/100,000 है। हाल के जनसंख्या आधारित अध्ययनों के आधार पर यह दर 119-145/100,000 पाया गया है। कोलकाता में स्ट्रोक के कारण सबसे अधिक 42% मृत्यु दर के मामले हैं।
स्ट्रोक के बारे में क्या कहते हैं भारतीय विशेषज्ञ (Indian Expert on stroke)
गुरुग्राम के पारस हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजी के एचओडी और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रजनीश कुमार से भारत में स्ट्रोक की स्थिति पर हमारी बातचीत हुई। डॉ. रजनीश कुमार कहते हैं, ‘भारत में नो एक्टिविटी और स्टैगनेंट लाइफस्टाइल और आनुवांशिक बीमारियों के कारण लोगों में स्ट्रोक होने का ख़तरा बढ़ गया है। सामान्य तौर पर आक्सीजन की कमी से स्ट्रोक होता है।
दरअसल, किसी भी कारण से जब ब्रेन का ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो जाता है, तो स्ट्रोक आ जाता है। ब्रेन के अंदर अटैक अचानक आता है। इसके कारण ब्रेन को ब्लड की आपूर्ति करने वाले ब्लड वेसल्स फट जाते हैं। इससे दिमाग की नसों में ब्लड का ब्लॉकेज हो जाता है।
हम उन चीजों से अंजान हैं, जिसकी वजह से आक्सीजन की कमी होती है। लोग तीखे और मसालेदार भोजन खाते हैं और लेट कर घंटो मोबाइल फोन चलाते रहते हैं।
इस वजह से उनकी लाइफ में स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है।’ मानव शरीर के लिए एक्सरसाइज और आराम दोनों बहुत जरूरी हैं। इनदिनों इन दोनों चीजों की अहमियत नहीं रह गई है।
ओवर-द-काउंटर दवाओं ने बढ़ाया है जोखिम
डॉ. रजनीश कुमार कहते हैं, ‘ओटीसी(Over the counter) दवाओं का सेवन करने से कई गंभीर बीमारियां होने का ख़तरा बढ़ जाता है।
ओवर-द-काउंटर दवा को बिना किसी प्रेस्क्रिपशन वाली दवा के रूप में जाना जाता है, जिन्हें हम अपने मन से ले लेते हैं। एक रिसर्च के अनुसार, स्ट्रोक मौत होने का चौथा प्रमुख कारण है और भारत में विकलांगता का यह पांचवा प्रमुख कारण है।’
बढिया स्वास्थ्य के लिए कीमती समय निकालें
डॉ. रजनीश कहते हैं, ‘भारत के बडे शहरों की हवा की गुणवत्ता बहुत ख़राब हो चुकी है। इस वजह से ह्रदय की कई गंभीर बीमारियों के होने का खतरा बढ़ गया है। इस साल के स्ट्रोक दिवस पर Precious Time थीम है। आइए हम अपना कीमती समय अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए निकालें। रोज कसरत करें।
स्वस्थ डाइट खाएं। पर्याप्त नींद लें। बचाव ही उपाय है। प्रकृति के करीब रहें।’ इन सब चीजों से बहुत-सी बीमारियों से निपटने और एक सुखी जीवन जीने में मदद मिल सकती है।
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