मुस्कुराना आसान नहीं हैं। पर जब कोई मुस्कुराता है, तो उसकी मुस्कान आसपास के लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है। यानी स्माइल (Smile) किसी भी वायरस से ज्यादा तेजी से फैल सकती है और खराब मूड को भी अच्छा कर सकती है। आपके होंठो की खूबसूरत मुस्कान से लेकर सोशल मीडिया की दुनिया में मुस्कुराने वाले इमोजी (Emoji) तक, आइए जानते हैं मुस्कान की इस यात्रा और सेहत पर होने वाले इसके फायदों के बारे में। वर्ल्ड स्माइल डे (World Smile Day), सिर्फ मनाने का नहीं, असल में मुस्कुराने का दिन है।
एक छोटा सा पीले रंग का वृत्त और उसमें चमकती काले रंग के बिंदुओं वाली दो आंखें, साथ ही अर्धवृत्ताकार लंबी खिंची मुस्कान। स्माइल का यह सबसे आकर्षक प्रतीक अब दुनिया भर में लोकप्रिय हो चुका है। आपकी टीशर्ट, वॉल पेपर, मग और मैसेंजर के कीपैड में बैठे बेशुमार स्माइली मुस्कान की दुनिया का दिनों दिन विस्तार कर रहे हैं।
पर क्या आप जानती हैं कि इस साधारण किंतु अद्भुत प्रतीक को हार्वे बॉल नाम के एक एडवर्टाइजर ने 1943 में बनाया था। हालांकि उनका उद्देश्य प्रतीक से बाहर जाकर दुनिया भर में मुस्कान को फैलाना था। पर उनकी मंशा के विपरीत यह मुस्कान उत्पादों पर जितनी चिपकती गई, चेहरों से उतनी ही उतरती चली गई। अंतत: 1999 में अक्टूबर के पहले शुक्रवार को विश्व मुस्कान दिवस के नाम कर दिया गया। ताकि हम सभी को मुस्कुराने के लिए एक खास दिन और मिल सके।
मुस्कान सबसे प्यारा और सबसे सुलभ टॉनिक है। जब आपसे कोई मुस्कुरा कर मिलता है, तो आपका चेहरा भी अपने आप खिल उठता है। यही स्माइल की पॉवर है और इसे हम अपने साथ लेकर पैदा होते हैं। ये बात और है कि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारा मुस्कुराना कम होता जाता है।
विभिन्न अध्ययनों में यह सामने आया है कि एक नन्हा शिशु जहां दिन भर में चार सौ बार मुस्कुराता है, वहीं वयस्क होते-हाेते यह संख्या इतनी ज्यादा घट जाती है कि हम केवल चालीस या पचास बार ही दिन भर में मुस्कुरा पाते हैं। इनमें भी ज्यादातर मुस्कान बस यांत्रिक होती है। पर ऐसा नहीं है कि यह निरर्थरक हो। इसका भी आपकी सेहत पर सकारात्मक असर पड़ता है।
एक प्यारी सी स्माइल फील गुड हार्मोन का स्राव करती है, जिससे आपका हैप्पीनेस लेवल बढ़ता है। आइए जानते है स्माइल के बारे में कुछ वैज्ञानिक तथ्य, जो बताते हैं कि आपकी सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है ये ढाई इंची मुस्कान।
पुणे स्थित सेंटर फॉर मेंटल हेल्थ के अनुसार मुस्कुराना आपके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। सेंटर के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम इसके कुछ फायदे गिनाते हैं –
खुश रहने के लिए आपके भीतर एंडोर्फिन यानी हैप्पी हार्मोन का स्राव जरूरी है। यह हार्मोन हमें भीतर से खुशी की अनुभूति करवाता है। जिससे हमारा मूड बेहतर होता है। किसी खराब दिन के बाद जब आप कोई चुटकुला सुनते हैं और खुल कर ठहाका लगाते हैं, तो वह आपकी दिन भर की थकान और तनाव को छू मंतर कर देता है। इसके पी्छे जो चुपके से काम कर रहा होता है, वह एंडोर्फिन ही है। जिससे हमारा शरीर रिलैक्स महसूस करने लगता है।
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में हुए शोध के अनुसार हमारे हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले सबसे बड़े कारणों में से एक तनाव है। तनाव के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और गुड काेलेस्ट्रॉल घट जाता है। जिसका हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए हृदय स्वास्थ्य के लिए यह जरूरी है कि आप अपने तनाव को नियंत्रण में रखें।
मुस्कुराना और तनाव मुक्त होना दोनों एक-दूसरे के पूूरक हैं। जब आप मुस्कुराती हैं, तो शरीर में जारी होने वाले फील गुड हॉर्मोन ब्लड प्रेशर को बढ़ने और गुड कोलेस्ट्रॉल को घटने से बचाता है।
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कस्टमाइज़ करेंअमेरिका के माइलस्टोन ऑर्थोडॉन्टिक्स के अनुसार मुस्कुरान के लिए आपके चेहरे की 43 मांसपेशियां आपको सहयोग देती हैं। ये सभी मांसपेशियां आपके एक कान के पास गाल की हड्डी से शुरू होकर दूसरे कान के पास गाल की हड्डी तक फैली हैं। पर इनमें भी जाइगोमैटिकस मूलत: आपकी मुस्कान को गालों तक खींच लाती है।
जाइगोमैटिकस के दबने का अर्थ है कि आप तनाव में हैं। जबकि आपके चेहरे पर उभरी यह मांसपेशी खुशी का संकेत देती है। यही सूचना जब आपके मस्तिष्क तक पहुंचती है, तो वहां आपके खुश होने पर शरीर के लिए एक्स्ट्रा ईंधन भेजा जाता है, जिससे आपकी इम्युनिटी मजबूत हो जाती है।
तो अगर आप इन दिनों हर मौसम में, हर प्रोजेक्ट और हर थकाने वाली मीटिंग के बाद बीमार हो जाती हैं, तो आपको अपने मुस्कुराने पर ध्यान देना होगा। बहुत जटिल प्रकृति के लोग दिन भर में सिर्फ 10 से 20 बार मुस्कुरा पाते हैं। यह खराब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का संकेत है।
क्या कभी आपने महसूस किया है कि बहुत दर्द में या बहुत बीमार होने पर भी, जब आपका कोई प्रियजन आपका हालचाल पूछता है, तो दर्द में होने के बावजूद आपके चेहरे पर मुस्कान खिल आती है। इसके बाद कुछ देर तक आपको यह अहसास ही नहीं होता कि वाकई आप तकलीफ में हैं भी या नहीं। यह असल में आपके प्रियजन से मिलकर खिल आई मुस्कान का असर है। विशेषज्ञ स्माइल को नेचुरल पेन किलर मानते हैं। इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है वही आपका हैप्पी हॉर्मोन एंडोर्फिन।
स्माइलिंग फेस सभी को अच्छे लगते हैं। उन्हें भी जो बहुत मुश्किल से मुस्कुराते हैं। जर्नल ऑफ पर्सनैलिटी एंड सोशल साइकोलॉजी के एक शोध के अनुसार स्माइल आपको पर्सनल और प्रोफेशनल रिश्तों को मजबूत बनाने में मदद करती है।
मुस्कुराहट के साथ की गई रिश्तों की शुरुआत ज्यादा फ्रूटफुल साबित होती है। जबकि तनाव में रहने वाले और मुस्कुराने में कंजूसी बरतने वाले लोगों से आसपास के लोग कटना शुरू कर देते हैं। इसलिए अच्छे रिश्ते और व्यवासयगत सफलता के लिए भी आपको मुस्कुराने की आदत डाल लेनी चाहिए।
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