डिजिटल मीडिया के इस जमाने में लोग अपने दिन का एक लंबा समय स्क्रीन के सामने बिताते हैं। ऑफिस में लैपटॉप, घर में टेलीविजन और ट्रैवलिंग में मोबाइल फोन लगभग हर वक्त आपके साथ स्क्रीन मौजूद होती है। जिस पर बजे से दिन प्रतिदिन आंखों की सेहत प्रभावित होती जा रही है। वर्ल्ड साइट डे (World sight day) के अवसर पर आइए उन कारणों पर नजर डालते हैं, जो आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। साथ ही जानते हैं इनकी देखभाल के लिए कुछ (Eye Care tips) टिप्स भी।
आजकल स्कूल में भी लैपटॉप और प्रोजेक्टर पर पढ़ाई होती है। साथ ही वीडियो गेमिंग और मोबाइल के कारण बहुत कम उम्र में ही बच्चे भी अपनी आंखों की रोशनी खो रहे हैं। आजकल के जमाने में अपनी आंखों को लेकर जागरूक रहना बहुत जरूरी है।
ऐसे में आंखों की रोशनी और उसकी सेहत को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए 13 अक्टूबर 2022 को विश्व दृष्टि दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। वर्ल्ड साइट डे को पहली बार साल 2000 में शुरू किया गया था। वहीं हर साल इसे अक्टूबर के दूसरे बृहस्पतिवार को मनाया जाता है। आंख शरीर का एक सबसे अनमोल हिस्सा है। यदि यह न रहे तो हमारे लिए दुनिया बेरंग और सादी हो जाती है।
वर्ल्ड साइट डे के दिन ऑर्गेनाइजर अलग-अलग जगहों पर तरह-तरह के कैंपेन और फ्री आई चेक अप सर्विसेज देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक उनकी आंखों से जुड़ी जरूरी जानकारी प्रदान करने की कोशिश करते हैं। ताकि हर व्यक्ति अपनी आंखों की अहमियत को समझ सके और इसे अपनी प्रायोरिटी लिस्ट में शामिल करे।
आपको अपनी डाइट में विटामिन और मिनरल से भरपूर फल और सब्जियों कुछ शामिल करना चाहिए खासकर हरी पत्तेदार सब्जियां। इसके साथ ही मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड मौजूद होता है, जो आपकी आंखों की सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
सूरज की हानिकारक किरणे आपकी आंखों को प्रभावित कर सकती हैं। इसके साथ ही यह एज रिलेटेड मस्क्यूलर डिग्रेडेशन की संभावना को भी बढ़ा देती हैं। ऐसे में सनग्लासेस का इस्तेमाल आपको यूवी रेज से पूरी तरह प्रोटेक्ट करेगा और एक हेल्दी आईसाइट मेंटेन रखने में मदद करेगा।
कंप्यूटर, मोबाइल, हो या टीवी इन सभी के सामने एक सीमित समय व्यतीत करने का प्रयास करें। परंतु यह मुमकिन भी नहीं है, क्योंकि आजकल ऑफिस के 9 घंटे की नौकरी में आपको पूरे समय कंप्यूटर के सामने ही बिताना होता है। ऐसे में यदि कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठना मजबूरी है, तो प्रिकॉशन के लिए डॉक्टर से मिलें और अपने लिए एक उचित चश्मा बनवाए। इसके साथ ही अपनी कुर्सी पर बैठते वक़्त अपने तलवों को सीधा फ्लोर पर रखने की कोशिश करें।
यदि इस दौरान आपकी आंखें ड्राई हो रही हैं, तो बार-बार ब्लिंक करें और आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकती हैं। साथ ही हर 20 मिनट के बाद एक छोटा सा गैप लेना भी जरूरी है।
धूम्रपान का सेवन आपके ऑप्टिक नर्व को डैमेज कर देता है और मस्क्यूलर डिग्रेडेशन जैसी कई अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है। यदि आप धूम्रपान करती हैं, तो फौरन इससे दूरी बना लें, अन्यथा यह आंखों को ही नहीं बल्कि आपके समग्र सेहत को बुरी तरह नुकसान पहुंचा सकता है।
नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से आपका ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज संतुलित रहता है। क्योंकि हमारे शरीर का हर अंग एक दूसरे से कनेक्टेड है, तो ऐसे में यह सभी समस्याएं आंखों की सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए कुछ महत्वपूर्ण एक्सरसाइज को करना जरूरी है।
यदि आपका बच्चा छोटा है तो वह अपने हाथ से बार-बार अपनी आंखों को छू सकता है इसलिए उसके हाथ को समय-समय पर साफ करती रहे ताकि कीटाणुओं और बैक्टीरिया उसकी आंखों को प्रभावित न कर सकें।
इसी के साथ बच्चों के स्क्रीन टाइम को सीमित कर दें। क्योंकि जितना ज्यादा समय वह टेलीविजन वीडियो गेमिंग और मोबाइल के साथ बिताएंगे उतनी ज्यादा उनकी आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
बच्चों को बाहरी खेलकूद में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। यदि बच्चे शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हैं तो वह अंदर से मजबूत और स्वस्थ रहते हैं।
छोटी उम्र से ही आवश्यक खानपान का पूरा ध्यान रखें। क्योंकि अक्सर बच्चे कम उम्र में सब्जियां और फल खाने से कतराते हैं, परंतु यह आगे चलकर उनकी आंखों पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
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