इंटरनेशनल एजेंसी फॉर प्रोवेन्रन ऑफ ब्लांइडनेस की एक स्टडी में यह सामने आया है कि 2015 तक विश्व भर में लगभग 253 मिलियन लोग कमजोर आंखों की रोशनी (Poor eyesight) से प्रभावित थे। जिनमें से 38 मिलियन लोग ऐसे थे, जो ब्लांइडनेस तक पहुंच चुके थे। दुनिया भर के इन आंकड़ों में 20.5% और 21.9% भारतीय शामिल हैं। कम दृष्टि वाले लोगों में से अधिकांश लोग 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं। ब्लांइडनेस के मुख्य कारणों में मोतियाबिंद, कॉर्नियल ब्लाइंडनेस, ग्लूकोमा जैसे कारण शामिल हैं। बढ़ती उम्र के साथ होने वाली कमजोर आईसाइट की समस्या से बचने के लिए आपको प्रयास आज ही से करने होंगे। यहां हेल्थ शॉट्स पर हम उन सुपरफूड्स (foods for eyesight ) के बारे में बात कर रहे हैं, जो आपकी आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
आंखे कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे
उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारी आँखों में भी बदलाव आते रहते हैं, खास तौर पर 40 की उम्र के बाद। इस समय के आसपास, हमारी आँखें ध्यान केंद्रित करने की अपनी क्षमता खोना शुरू कर देती हैं। इसे प्रेसबायोपिया कहा जाता है, और कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में ध्यान केंद्रित करने में ज़्यादा कमी महसूस होती है।
आंखो के कमजोर होने के पीछे जेनेटिक प्राब्लम की सबसे अहम भूमिका मानी जाती है। अगर आपके परिवार में किसी की आंखे कमजोर हैं, या आपके घर में कम उम्र में ही चशमा लग जाने का इतिहास रहा है। तो सावधान हो जाएं यह आपके साथ हो सकता है।
पर्याप्त नींद न लेने के कारण, अगले दिन आपकी आँखें तनावग्रस्त, सूखी और खुजलीदार महसूस हो सकती हैं। सूखी आँखें, ब्लड वैसेल्स का फटना और आँखों में तनाव, ये सभी नींद की कमी के कारण हो सकते हैं। दिन भर में आपकी आँखों को बहुत तकलीफ होती है। आपकी आँखें सुबह उठने से लेकर सोने तक लगातार काम करती रहती हैं।
जो लोग लंबे समय तक मोबाइल फोन या कम्प्यूटर का उपयोग करते हैं, उनकी आंखे कमजोर होने की संभावनाए ज्यादा होती हैं। इसीलिए कोशिश करें की बीच बीच में अपनी आंखो को आराम देते रहें और काम से इतर इनका उपयोग न करें।
शरीर में पानी की कमी से भी आंखे कमजोर हो सकती हैं। अगर आप पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, तो आज से ही शुरू कर दें। शरीर में पानी की कमी होने से ड्राई आई सिंड्रोम, आंखो में जलन और पानी आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इसके साथ ही खराब डाइट और न्यूट्रीशन्श की कमी का असर आंखो पर साफ दिखता है। ऐसे में आंखों की बेहतर स्वास्थ्य के लिए सतर्कता बरतना बहुत जरूरी है। आंखों की बेहतर सेहत के लिए आपको अपनी नियमित डाइट में ये फूड (foods for eyesight) शामिल करने चाहिए। यह भी देखें: आंखों की रोशनी को लगातार कमजोर होने से बचाना है, तो आज ही से अपनाएं ये एक्सपर्ट टिप्स
केल, पालक, ब्रोकोली जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से आपकी आई साइट बेहतर होती है। इसमें ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन जैसे महत्वपूर्ण कैरोटिनॉइड हैं, जो मुख्य रूप से पौधों में पाए जाते हैं। ये दोनों शरीर के लिए कई लाभ प्रदान करते हैं, खासकर आंखों के स्वास्थ्य में। पत्तेदार सब्जियाँ आंखों में मैकुलर डीजेनरेशन और मोतियाबिंद के जोखिम को कम करने में मदद करती हैं। इसमे एंटीऑक्सीडेंट्स भी हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। यह सूर्य की हानिकारक UV रेज़ से भी रक्षा करने में मदद करता है।
विटामिन C को अक्सर ‘vitamin see” कहा जाता है क्योंकि यह आंखों की सेहत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और अंग्रेजी में देखने को see कहते हैं। यह शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट आपकी ब्लड वैसेल्स के लिए लाभकारी है और आंखों को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करता है, जिससे मोतियाबिंद और मैकुलर डीजेनरेशन के जोखिम को कम किया जा सकता है। यह कोलेजन उत्पादन के लिए आवश्यक है, जो कॉर्निया को मजबूत और सही आकार में बनाए रखता है। खाद्य पदार्थ जो विटामिन C प्रदान करते हैं, जिनमें संतरा, नींबू, आंवला, टमाटर और स्ट्रॉबेरी शामिल हैं।
नट्स और बीज एक बेहतरीन स्नैक के विकल्प हैं। बादाम, अखरोट और अलसी के बीज जैसे नट्स और बीज ओमेगा-3 और विटामिन E के बेहतर सोर्स हैं, जो आंखों को नुकसान से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह आंखों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं और ड्राई आई सिंड्रोम के जोखिम को घटाते हैं। आप चाहे इन्हें नाश्ते के रूप में खा रहे हों, सलाद पर काट कर डाल रहे हों, या स्मूदी के कटोरे में मिला रहे हों, नट्स और बीज स्वादिष्ट और पौष्टिक दोनों होते हैं।
स्ट्रॉबैरी, ब्लूबैरी, रसभरी—ये सभी खाने की सलाह आपके घर में हमेशा मिली होगी। ये विटामिन C और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं। ये उम्र से संबंधित मैकुलर डीजेनरेशन के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और आंखों में ब्लड वैसेल्स का फ्लो बनाए रखने में मदद करती हैं।
इसलिए अगली बार जब आप खरीदारी पर जाएँ, तो बैराज की एक टोकरी लेना न भूलें; ये आपकी आंखो की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
हालांकि आंखों के लिए कई फल और सब्जियाँ फायदेमंद होती हैं, कभी-कभी हमें खुद को एक टेस्टी ट्रीट देने की जरूरत होती है। यहाँ डार्क चॉकलेट काम आती है।
उचित मात्रा में, डार्क चॉकलेट एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। यह एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्लेवोनॉइड्स से भरपूर होती है। ये आपके शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं, जिससे मोतियाबिंद को रोकने में मदद मिलती है। बस याद रखें कि इसे कभी-कभी ही खाएँ; किसी भी चीज़ की अधिकता अक्सर अच्छी नहीं होती।
यदि आप वेजिटेरियन हैं, तो बीन्स प्रोटीन का एक बेहतरीन सोर्स हैं। हारिकॉट बीन्स (जिन्हें नेवी बीन्स भी कहा जाता है) ओमेगा-3 में ज्यादा होती हैं। किडनी बीन्स, काले बीन्स और दालें जिंक का अच्छा स्रोत हैं। जो आई साइट को बढ़ाने और रात की दृष्टि में सुधार में मदद करते हैं। यह आंखों की सूजन को कम करने और ड्राई आई सिंड्रोम के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं। इसमें हाई फाइबर होता है, जो समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है और हाई ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है, जो आंखों की समस्याओं से जुड़ी हो सकती है।
टोफू में ऐसे अमीनो एसिड होते हैं जिन्हें आपका शरीर स्वयं नहीं बना सकता, और यह सेलेनियम, जिंक और महत्वपूर्ण ओमेगा-3 से भरपूर होता है। टोफू सोया से बनाया जाता है, जिसमें विटामिन E भी होता है, जो अच्छी आंखों की सेहत बनाए रखने के लिए आवश्यक है। ये आंखों की सूजन को कम करने और सूखी आंखों की समस्याओं को रोकने में मदद करते हैं। रात की दृष्टि और समग्र आंखों की सेहत को बनाए रखने में सहायक है। उम्र संबंधी आई साइट की समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
सिर्फ़ इतना ही नहीं, साबुत अनाज जैसे ओट्स आपको लंबे समय तक भरा हुआ रखते हैं – इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है, जो उम्र से संबंधित मैकुलर डीजेनरेशन (AMD) के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। इस में हाई फाइबर होता है, जो समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ-साथ आंखों की सेहत को भी प्रभावित करता है। आप अपनी ओटमील पर बेरीज डाल सकती हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं और आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती हैं।
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