प्रकृति हमें खाने के लिए अन्न देती है। घर बनाने के लिए लकड़ी देती है। यदि घर-बाहर की समस्या से तनाव ग्रस्त हो गयी हैं, तो प्रकृति हमें सुकून और शांति देती है। यदि प्रदूषण से परेशान हैं, तो खुली वादियों में घूमने पर हमें शुद्ध हवा और ऑक्सीजन मिलती है। इस तरह से हमारा पूरा जीवन प्रकृति से संचालित होता है। प्रकृति के संरक्षण की महत्ता से लोगों को अवगत करने के लिए दुनिया भर में वर्ल्ड नेचर डे (World Nature Day) 3 ऑक्टूबर को मनाया जाता है।
विश्व प्रकृति दिवस या वर्ल्ड नेचर डे हर साल 3 अक्टूबर को मनाया जाता है। वर्ल्ड नेचर डे का मुख्य उद्देश्य प्रकृति के संतुलन को सुरक्षित रखने के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना है। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 2023 या वर्ल्ड नेचर डे 2023 का थीम है- लोगों और प्लेनेट के लिए जंगल और आजीविका को सुरक्षित रखना (Forests and Livelihoods: Sustaining People and Planet)
प्रकृति से ही हमें भोजन-पानी मिलता है। सांस लेने के लिए ऑक्सीजन मिलता है। इसलिए प्राकृतिक दुनिया को समझना और उसकी सराहना करना जरूरी है। प्रकृति के प्रति जागरूक होने पर ही हम प्रकृति को करने वाले नुकसान को समझ पायेंगे। जागरूक होने पर ही प्रकृति के संरक्षण के काम को कर पायेंगे। प्रकृति के महत्व को कम करके आंका नहीं जा सकता, क्योंकि मनुष्य भी प्रकृति का हिस्सा है। जो प्रकृति को नुकसान पहुंचाता है वह खुद को भी नुकसान पहुंचाता है।
छोटी उम्र से ही पालतू पशुओं के साथ-साथ, पेड़-पौधों, नदी- समुद्र तटों या जंगल की जानकारी दी जानी चाहिए। किताबों, टीवी कार्यक्रमों, नाटकों के माध्यम से प्रकृति के प्रति जागरूकता पैदा की जा सकती है। प्रकृति के महत्व को जानने पर ही बच्चे बड़े होकर संरक्षण के काम से जुड़ पायेंगे।
प्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका बाहर समय बिताना है। पार्क में टहलने, जंगली फल-सब्जियों की तलाश करने, उन्हें पकाने और उनके फायदों के बारे में जानने का प्रयास करना चाहिए। पक्षियों को देखने या लंबी पैदल यात्रा से लेकर झाड़ियों में घूमने, जंगल में स्वीमिंग सीखने, पेड़ों पर चढ़ना सीखने या बस शांत बैठकर इसका आनंद लेने जैसी कई चीज़ें हैं, जो प्रकृति के बीच किया जा सकता है।
अपने बारे में जानना है, तो प्रकृति के बीच चले जाना चाहिए। प्रकृति के प्रति जागरूकता वास्तव में खुद से परिचय करा देती है। ज्यादातर लोग इस यात्रा पर जाने की इच्छा तो रखते हैं, लेकिन वे आगे नहीं बढ़ पाते हैं। वे अपनी दुनिया में ही सिमटे रह जाते हैं।अपने व्यस्त क्षणों से समय निकलना होगा। आलस्य का त्याग करना होगा। तभी स्वयं की खोज की यात्रा और प्रकृति के प्रति प्रेम हो पायेगा।
इन दिनों सभी लोग सोशल साइट से जुड़े हैं। अपने साथ-साथ दूसरों को प्रकृति के प्रति जागरूक करने के लिए लोगों को प्रकृति संरक्षण के मुद्दे पर ध्यान दिलाना चाहिए। इसका सबसे अच्छा तरीका इसे ऑनलाइन लेना है। किसी विशिष्ट पर्यावरणीय मुद्दे के बारे में लोगों को शिक्षित करने और उन्हें इसमें शामिल करने के लिए सोशल साइट का उपयोग करें।
इसके माध्यम से लोगों को एक विशिष्ट तिथि और समय पर एक घंटे के लिए अपनी लाइटें बंद करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। एक पेड़ लगाने के लिए कहा जा सकता है या कूड़े को यहां वहां फेंकने की बजाय कूड़ेदान में फेंकने कहा जा सकता है।
प्रकृति के प्रति जागरूकता जरूरी है, लेकिन अवसरों को रोजमर्रा की जिंदगी में पूरी तरह से शामिल करने के लिए अभ्यास करने और अपने स्किल को निखारने की जरूरत है।
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