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World Nature Day : आपकी हेल्थ का है प्रकृति से गहरा कनैक्शन, इन 5 तरीकों से बढ़ाइए जागरुकता

प्रकृति से ही हमारा और अन्य जीवों का जीवन संभव है। इसलिए इसका संरक्षण हम इंसानों का दायित्व है। वर्ल्ड नेचर डे पर जानें प्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने के 5 उपाय।
Published On: 3 Oct 2023, 09:30 am IST
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prakriti ke prati jaagrook hona jaroori hai.
वर्ल्ड नेचर डे का मुख्य उद्देश्य प्रकृति के संतुलन को सुरक्षित रखने के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना है। चित्र : अडोबी स्टॉक

प्रकृति हमें खाने के लिए अन्न देती है। घर बनाने के लिए लकड़ी देती है। यदि घर-बाहर की समस्या से तनाव ग्रस्त हो गयी हैं, तो प्रकृति हमें सुकून और शांति देती है। यदि प्रदूषण से परेशान हैं, तो खुली वादियों में घूमने पर हमें शुद्ध हवा और ऑक्सीजन मिलती है। इस तरह से हमारा पूरा जीवन प्रकृति से संचालित होता है। प्रकृति के संरक्षण की महत्ता से लोगों को अवगत करने के लिए दुनिया भर में वर्ल्ड नेचर डे (World Nature Day) 3 ऑक्टूबर को मनाया जाता है।

वर्ल्ड नेचर डे (World Nature Day -3 October)

विश्व प्रकृति दिवस या वर्ल्ड नेचर डे हर साल 3 अक्टूबर को मनाया जाता है। वर्ल्ड नेचर डे का मुख्य उद्देश्य प्रकृति के संतुलन को सुरक्षित रखने के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना है। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 2023 या वर्ल्ड नेचर डे 2023 का थीम है- लोगों और प्लेनेट के लिए जंगल और आजीविका को सुरक्षित रखना (Forests and Livelihoods: Sustaining People and Planet)

क्यों जरूरी है प्रकृति का संरक्षण (nature conservation)

प्रकृति से ही हमें भोजन-पानी मिलता है। सांस लेने के लिए ऑक्सीजन मिलता है। इसलिए प्राकृतिक दुनिया को समझना और उसकी सराहना करना जरूरी है। प्रकृति के प्रति जागरूक होने पर ही हम प्रकृति को करने वाले नुकसान को समझ पायेंगे। जागरूक होने पर ही प्रकृति के संरक्षण के काम को कर पायेंगे। प्रकृति के महत्व को कम करके आंका नहीं जा सकता, क्योंकि मनुष्य भी प्रकृति का हिस्सा है। जो प्रकृति को नुकसान पहुंचाता है वह खुद को भी नुकसान पहुंचाता है।

प्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने के 5 उपाय (5 tips for nature awareness)

1 बच्चों में प्रकृति के प्रति प्रेम भावना

छोटी उम्र से ही पालतू पशुओं के साथ-साथ, पेड़-पौधों, नदी- समुद्र तटों या जंगल की जानकारी दी जानी चाहिए। किताबों, टीवी कार्यक्रमों, नाटकों के माध्यम से प्रकृति के प्रति जागरूकता पैदा की जा सकती है। प्रकृति के महत्व को जानने पर ही बच्चे बड़े होकर संरक्षण के काम से जुड़ पायेंगे।

2 प्रकृति के बीच समय बिताना

प्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका बाहर समय बिताना है। पार्क में टहलने, जंगली फल-सब्जियों की तलाश करने, उन्हें पकाने और उनके फायदों के बारे में जानने का प्रयास करना चाहिए। पक्षियों को देखने या लंबी पैदल यात्रा से लेकर झाड़ियों में घूमने, जंगल में स्वीमिंग सीखने, पेड़ों पर चढ़ना सीखने या बस शांत बैठकर इसका आनंद लेने जैसी कई चीज़ें हैं, जो प्रकृति के बीच किया जा सकता है

Nature ke beech samay bitayen
स्थाप्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका बाहर समय बिताना है। चित्र: शटरस्टॉक

3 स्वयं की खोज की यात्रा

अपने बारे में जानना है, तो प्रकृति के बीच चले जाना चाहिए। प्रकृति के प्रति जागरूकता वास्तव में खुद से परिचय करा देती है। ज्यादातर लोग इस यात्रा पर जाने की इच्छा तो रखते हैं, लेकिन वे आगे नहीं बढ़ पाते हैं। वे अपनी दुनिया में ही सिमटे रह जाते हैं।अपने व्यस्त क्षणों से समय निकलना होगा। आलस्य का त्याग करना होगा। तभी स्वयं की खोज की यात्रा और प्रकृति के प्रति प्रेम हो पायेगा

4 ऑनलाइन अभियान शुरू करना (nature awareness campaign on social sites)

इन दिनों सभी लोग सोशल साइट से जुड़े हैं। अपने साथ-साथ दूसरों को प्रकृति के प्रति जागरूक करने के लिए लोगों को प्रकृति संरक्षण के मुद्दे पर ध्यान दिलाना चाहिए। इसका सबसे अच्छा तरीका इसे ऑनलाइन लेना है। किसी विशिष्ट पर्यावरणीय मुद्दे के बारे में लोगों को शिक्षित करने और उन्हें इसमें शामिल करने के लिए सोशल साइट का उपयोग करें।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

इसके माध्यम से लोगों को एक विशिष्ट तिथि और समय पर एक घंटे के लिए अपनी लाइटें बंद करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। एक पेड़ लगाने के लिए कहा जा सकता है या कूड़े को यहां वहां फेंकने की बजाय कूड़ेदान में फेंकने कहा जा सकता है

nature ke prati jagrookta badhane ke liye social site
अपने साथ-साथ दूसरों को प्रकृति के प्रति जागरूक करने के लिए सबसे अच्छा तरीका ऑनलाइन ध्यान दिलाना चाहिए।चित्र : शटरस्टॉक

अंत में

प्रकृति के प्रति जागरूकता जरूरी है, लेकिन अवसरों को रोजमर्रा की जिंदगी में पूरी तरह से शामिल करने के लिए अभ्यास करने और अपने स्किल को निखारने की जरूरत है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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