हर महीने माहवारी की चिंता आपको परेशान कर सकती है। उसके साथ होने वाली ब्लीडिंग, ऐंठन और बदमिज़ाजी भी आपके डेली रुटीन को प्रभावित कर सकती है। हो सकता है, कि कभी परेशान होकर आप सोचने लगें कि उफ्फ ये पीरियड्स बंद क्यों नहीं हो जाते! यकीनन कभी न कभी हम सभी ने ऐसा सोचा होगा। पर क्या आप जानती हैं कि पीरियड्स का बंद होना, यानी आपकी प्रजनन आयु का अंतिम पड़ाव और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। वर्ल्ड मेनोपॉज डे (World Menopause Day 2022) के इस अवसर पर आइए जानते हैं क्या हैं मेनोपॉज के लक्षण और उससे पैदा होने वाली चुनौतियां।
यह फेज़ हर महिला के लिए काफी कठिन होता है, क्योंकि इसमें पीरियड्स (Periods) के बंद होने के साथ उन्हें शारीरिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। रजोनिवृत्ति आपके शरीर को कई तरह से प्रभावित कर सकती है। मेनोपॉज (Menopause) और उसके साथ पेश आने वाली चुनौतियों के बारे में समझने के लिए हेल्थशॉट्स ने क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई, वाशी की वरिष्ठ सलाहकार प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ – डॉ सुकीर्ति जैन से बात की।
चिकित्सा की दृष्टि से, रजोनिवृत्ति महिलाओं में मासिक धर्म के अंत का संकेत देती है। आम तौर पर, पूरे 12 महीनों के लिए पीरियड्स का न होना मेनोपॉज के खत्म होने का संकेत माना जाता है। भारत में महिलाओं में प्राकृतिक रजोनिवृत्ति होने की औसत आयु 51.4 वर्ष है।
सिर्फ बढ़ती उम्र ही मेनोपॉज का संकेत नहीं है। बल्कि यह तब भी हो सकता है जब महिला पूरी तरह से ऊफेरेक्टॉमी (oophorectomy) से गुजरी हो – दोनों अंडाशय का सर्जिकल रूप से निकले जाना। यह चिकित्सा प्रक्रिया तब की जाती है जब रोगी को ओवेरियन कैंसर हो। इस प्रकार के मेनोपॉज को ‘सर्जिकल मेनोपॉज’ या ‘आर्टिफिशियल मेनोपॉज’ कहा जाता है।
डॉ सुकीर्ति द्वारा बताए गए इन लक्षणों से भी आप मेनोपॉज की पहचान कर सकती हैं, लेकिन डॉक्टर के पास जाकर टेस्ट करना, मेनोपॉज का पता लगाने का सबसे सही तरीका है। यह लक्षण आपको 40 या 50 के दशक की शुरुआत में हो सकते हैं।
बीच-बीच में हॉट फ्लैशेज का अनुभव करना रजोनिवृत्ति के सबसे आम लक्षणों में से एक है। ये आपके ऊपरी शरीर, विशेष रूप से आपके चेहरे और गर्दन को सामान्य से अधिक गर्म महसूस करा सकता है। कभी-कभी, इसकी वजह से बहुत पसीना भी आता है। हॉट फ्लैशेज 2-5 मिनट तक रह सकता है।
डॉ जैन बताती हैं कि एस्ट्रोजन का स्तर कम होना, महिलाओं में हॉट फ्लैशेज पैदा कर सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंरजोनिवृत्ति एक महिला के मानसिक स्वास्थ्य पर भी कहर बरपा सकती है। रजोनिवृत्ति और पेरिमेनोपॉज़ (रजोनिवृत्ति से कुछ समय पहले) से गुजरने वाली कई महिलाएं एंग्जाइटी का अनुभव करती हैं।
विशेषज्ञ कहती हैं “अगर किसी मरीज की हालत गंभीर है, तो डॉक्टर उन्हें दवाएं दे सकते हैं। मगर हम उन्हें ध्यान, योग और व्यायाम का अभ्यास करने की सलाह देते हैं। इन आदतों से हमारे शरीर को लंबे समय तक लाभ होता है और रजोनिवृत्ति के लक्षणों को मैनेज करने में मदद मिलती है।”
बेचैनी रजोनिवृत्ति का एक और संकेतक है। यह आपकी नींद को खराब कर सकता है। डॉ जैन का कहना है कि ”इसमें मरीज़ों को अक्सर आसानी से नींद न आने या बार-बार अच्छी नींद न आने की शिकायत होती है। ये सभी उन परिवर्तनों के संकेत हैं जो आपके प्रजनन अंगों में हो सकते हैं। अपने आप को शांत करने के लिए ध्यान या योग निद्रा का अभ्यास करें।”
जैसे ही आप रजोनिवृत्ति के करीब पहुंचते हैं, योनि पर मौजूद ग्रंथियों द्वारा स्राव कम हो जाता है। इसलिए, योनि की प्राकृतिक चिकनाई कम हो जाती है। परिणाम? योनि का सूखापन। इससे कुछ रोगियों में योनि में खुजली भी हो सकती है, और यहां तक कि यह आपके यौन जीवन को भी प्रभावित कर सकता है। मगर हमेशा ऐसा नहीं होता है!
भूलने की बीमारी भी रजोनिवृत्ति के लक्षणों में से एक हो सकती है, लेकिन सिर्फ कुछ ही लोगों को इसका नुभाव होता है। हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के अनुसार,भूलने का प्रजनन उम्र बढ़ने के साथ संबंध हो सकता है। एक शोध से पता चलता है कि रजोनिवृत्ति डिम्बग्रंथि हार्मोन जैसे एस्ट्राडियोल में कमी को दर्शाता है, जो मस्तिष्क में काम करने वाले एस्ट्रोजन का प्राथमिक रूप है।
इस वर्ल्ड मेनोपॉज डे पर, डॉ जैन कहती हैं, “यह ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है कि सभी रोगियों को एक ही लक्षण का अनुभव नहीं होता है। इसलिए, डॉक्टर की सलाह लिए बिना कोई भी उपाय न करें। मगर हेल्दी खाने और नियमित रूप से व्यायाम करने में कभी कोई बुराई नहीं है!”
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