‘हंसना सबसे बेहतरीन दवा है’, इस कथन के पीछे कई वजहें हैं। यह दर्द से राहत दिला सकता है, मूड को अच्छा कर सकता है, इम्युनिटी को बेहतर कर सकता है और ख़ुशी ला सकता है। दरअसल तन और मन को संतुलित करने के लिए हंसना बेहतरीन हथियार साबित हो सकता है। सदियों से इस तरीके को तन और मन को शान्ति प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस और एंग्जाइटी होना बहुत ही आम बात हो गयी है। इसलिए वर्ल्ड लाफ्टर डे (World Laughter Day) पर हम आपको बता रहे हैं कि आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य (Physical and mental health) के लिए कितना जरूरी है हंसते रहना (Laugh)।
लाफ्टर थेरेपी एक तरह की संज्ञानात्मक व्यवहार (cognitive behavioral) थेरेपी होती है। इस तरह की थेरेपी से मानसिक, शारीरिक और सामजिक रिश्ता अच्छा हो सकता है जिसके परिणामस्वरुप जिंदगी की गुणवत्ता भी बेहतर हो सकती है। एक वैकल्पिक इलाज के रूप में लाफ्टर थेरेपी कई तरह के शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म लाभ प्रदान कर सकती है।
जब हम हंसते हैं, इससे न केवल हमारा मानसिक भार कम होता है, बल्कि शरीर के अन्दर कई बदलाव भी होते हैं। इसके अलावा लाफ्टर थेरेपी करने के लिए किसी विशेष उपकरण या तरीके की जरुरत नहीं होती है। इसे आसानी से किया जा सकता है।
रिहैबिलिटेशन नर्सिंग के शोधकर्ताओं की एक स्टडी ने नर्सिंग होम में बूढ़े व्यक्तियों के लिए अकेलेपन और जीवन की संतुष्टि पर लाफ्टर थेरेपी के प्रभाव को देखा गया, और यह पाया गया कि जो लोग थेरेपी सेशन में हिस्सा लिए उनमे थेरेपी में हिस्सा न लेने वाले लोगों की तुलना में कम अकेलापन महसूस हुआ।
2015 में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ नर्सिंग एंड मिडवाइफरी द्वारा किए गए एक अन्य स्टडी में रिटायर्मेंट सेंटर्स से 60 साल या उससे ज्यादा के आयु के लोग, जिन्होंने 6 हफ्ते के लिए हर हफ्ते में नब्बे मिनट की लाफ्टर थेरेपी सेशन में हिस्सा लिया उनमें एंग्जाइटी (चिंता), इंसोमेनिया (अनिद्रा) और सम्पूर्ण स्वास्थ्य में सुधार हुआ।
इसी तरह जापान में हुए एक रिसर्च से पता चला है कि माताओं की हंसी शिशुओं के एक्जिमा के इलाज के लिए फायदेमंद हो सकती है। फाउंडेशन फॉर एडवांसमेंट ऑफ इंटरनेशनल साइंस द्वारा जापान में एक अन्य स्टडी में यह पाया गया कि हंसी प्रोटीन के स्तर को कम कर सकती है। यह प्रोटीन डायबिटिक नेफ्रोपैथी की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
लाफ्टर थेरेपी से व्यक्ति ताजा ऑक्सीजन ज्यादा ले पाता है। यह थेरेपी मांसपेशियों, फेफड़ों और हृदय को उत्तेजित करती है और मस्तिष्क द्वारा एंडोर्फिन के रिलीज को बढ़ावा देती है। खून के प्रवाह में सुधार करके, लाफ्टर थेरेपी हार्ट अटैक और विभिन्न हृदय की बीमारियों से रक्षा प्रदान करती है।
एक बढ़िया लाफ्टर शरीर में स्ट्रेस हार्मोन जैसे एपिनेफ्रीन (एड्रेनालाईन), कोर्टिसोल, ग्रोथ हार्मोन और अन्य हार्मोन के रिलीज को कम कर सकती है। इसके अलावा लाफ्टर शरीर में एंटीबॉडी पैदा करने वाली कोशिकाओं को बढ़ाती है और टी-कोशिकाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाती है। इस वजह से तनाव कम होता है और इम्युनिटी बेहतर होती है।
एक स्टडी में पता चला है कि रोजाना 10 से 15 मिनट हंसने से करीब 40 कैलोरी बर्न होती है। इसलिए एक साल के दौरान,एक व्यक्ति रोज लाफ्टर डोज से 4 से 5 पाउंड कैलोरी बर्न कर सकता है।
सालों तक क्रोनिक बीमारी की चपेट में रहने से व्यक्ति को डिप्रेशन और एंग्जाइटी हो सकती है। लाफ्टर थेरेपी से डिप्रेशन, स्ट्रेस और एंग्जाइटी को कम करने के साथ-साथ आत्म-सम्मान को बढ़ाकर भी फर्क लाया जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति स्ट्रेस, अपराधबोध या गुस्से से पीड़ित है तो लाफ्टर थेरेपी नकारात्मक भावनाओं से उसका ध्यान हटा सकती है और मूड को बेहतर कर सकती है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंमजाक और लाफ्टर से शरीर में एंडोरफिन रिलीज होने से दर्द कम हो सकता है इससे मांसपेशियों में तनाव कम होता है।
लाफ्टर थेरेपी को लेकर यह मानना है कि वोलंटरी हंसी के उतने ही मनोवैज्ञानिक और शारीरिक लाभ होते हैं जितने कि सहज हंसी के। विज्ञान कहता है कि हमारी हंसी असली हो या नकली, इसका हमारे शरीर पर समान और सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
शरीर ‘नकली’ हंसी और ‘असली’ हंसी के बीच अंतर नहीं कर पाता है। इसलिए स्वैच्छिक हंसी जो नकली की तरह लगती है, इस तरह की हंसी न केवल हमें असली हंसी हंसने में मदद करती है बल्कि हमें सभी सकारात्मक लाभ भी देती हैं।
जब कोई भी महिला या पुरुष किसी ग्रुप में होता है तो उसके लिए हंसना आसान हो जाता है। जो लोग थोड़ा हिचकिचाते हैं, उनके लिए शुरुआत में यह थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन एक बार जब वे खुल जाते है और इस कांस्पेट को समझ जाते हैं तो इस तरह की थेरेपी में उनके लिए शामिल होना आसान हो जाता है और उनका मूड इलेक्ट्रीफाइंग हो जाता है।
शारीरिक और मानसिक लाभों के अलावा हंसने से रिश्ते और सामाजिक जुड़ाव भी बढ़ सकता है। इससे सुरक्षा की भावना आती है, जिससे व्यक्ति ज्यादा आराम महसूस करता है।
यह भी पढ़ें- मेडिटेशन से आपके रिश्तों में भी सुधार हो सकता है, एक्सपर्ट बता रहे हैं कैसे