बड़े-बुजुर्ग घर की नींव होते हैं। वे हमें सुरक्षा देते हैं और बच्चों को बढ़िया आचार और व्यवहार सिखाते हैं। कभी-कभी हम उनके इस महत्व को नहीं समझ पाते हैं और उनके साथ बुरा बर्ताव करने लगते हैं। दुनिया भर में उनके प्रति हो रहे दुर्व्यवहार के प्रति लोगों को आगाह करना जरूरी है। इसके प्रति जागरुकता फ़ैलाने के लिए यूएन ने विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस (World Elder Abuse Awareness Day) मनाना शुरू किया।
वर्ल्ड एल्डर एबयूज अवेयरनेस डे या विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस का उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को बुजुर्ग दुर्व्यवहार और उपेक्षा के प्रति जागरूक करना है। यह हर वर्ष 15 जून को मनाया जाता है। बुजुर्ग दुर्व्यवहार को प्रभावित करने वाली सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय प्रक्रियाओं के बारे में भी जागरूकता बढ़ाना है। इससे वृद्ध व्यक्तियों के प्रति अच्छा व्यवहार और सम्मान की बेहतर समझ विकसित हो सकेगी। इस वर्ष की थीम (World Elder Abuse Awareness Day 2023 Theme) है- बुजुर्ग के प्रति दुर्व्यवहार का विरोध करना (Combating Elder Abuse)।
समाज विज्ञानी डॉ. कुमार सुरेश के अनुसार, कोई भी व्यक्ति बुजुर्गों के प्रति उपेक्षा, हिंसा और दुर्व्यवहार की भावना प्रकट कर सकता है। अपने देखभाल करने वालों, केयर टेकर, यहां तक कि अपने परिवार के सदस्यों से वरिष्ठ नागरिक ये भावनाएं अनुभव करते हैं। बुजुर्ग दुर्व्यवहार तब भी हो सकता है जब गैर-पारिवारिक सदस्यों या गैर-देखभाल करने वालों द्वारा वरिष्ठों का शोषण किया जाता है। ऐसे कई कारक हैं जो सीनियर सिटीजन के दुर्व्यवहार में भूमिका निभा सकते हैं।
उनके जीवन की हिस्ट्री, आयु, मनोवैज्ञानिक और मानसिक कारक, वित्तीय या भावनात्मक निर्भरता का स्तर भी भूमिका निभा सकता है। इसके संकेत देखभाल करने वाले के व्यवहार में बदलाव, चोट के निशान या वित्तीय संसाधनों में अचानक परिवर्तन भी शामिल हो सकते हैं।
नॉन प्रॉफिट संगठन हेल्प एज ने 2022 में दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, नागपुर, कानपुर, मदुरै आदि जैसे शहरों में सर्वेक्षण कराया। इसके अनुसार, लगभग 60% वरिष्ठ नागरिकों को लगता है कि बड़े पैमाने पर बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार होता है। राष्ट्रीय स्तर पर 73% युवा स्वीकार करते हैं कि बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार होता है। 42% को लगता है कि यह भारत सहित सभी विकासशील समाजों की समस्या है।
देखभाल करने वालों और परिवार के सदस्यों के लिए कुछ बातें जाननी जरूरी है। उनके लिए वृद्ध वयस्कों के अधिकारों का प्रभावी ढंग से सम्मान करना जरूरी है।
समय निकालकर कुछ पल अपने घर के बड़े सदस्यों के साथ बिताएं। घर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनकी राय अवश्य लें। यदि आस पास के किसी बुजुर्ग के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है, तो सही अवसर देखकर उनके अनुभव के बारे में पूछें। लेकिन तभी जब वे अपनी कहानी साझा करने में सहज हों। उन्हें यह समझा सकते हैं कि उनकी मदद के लिए कई संसाधन हैं।
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कस्टमाइज़ करेंकिसी भी बुजुर्ग की यदि आप मदद करना चाहती हैं, तो सबसे पहले उनकी अनुमति लेना सुनिश्चित करें। बिना उनकी अनुमति के किसी भी प्रकार की मदद उन्हें अच्छी नहीं लगेगी। कभी-कभी अनजाने में ही कोई व्यक्ति बुजुर्गों के प्रति दुर्व्यवहार में शामिल हाेता है। किसी तीसरे का कोई भी एक्शन तभी प्रभावी साबित हो सकता है जब इसके लिए पर्याप्त सहमति हो।
किसी भी प्रकार की रूढ़िवादिता जो आपके और उनके बीच दीवार बनती है, उससे बचें। उनका अनुसरण नहीं करें। वृद्ध जन को भी इसकी हानि के बारे में समझाएं। पर बड़ों के प्रति सम्मान दिखाते हुए बताएं।
बुजुर्गों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहें। लेकिन उनकी स्वतंत्रता का ख्याल रखते हुए उनकी मदद करें। उन्हें ऐसा नहीं लगना चाहिए कि मदद करने के बहाने आप उनकी स्वतंत्रता में दखल दे रही हैं। उनकी स्वतंत्रता का सम्मान करना सुनिश्चित करें।
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