वर्ल्ड डायबिटीज डे : अब भी इंसुलिन तक नहीं है लाखों लोगों की पहुंच, इसलिए डायबिटीज के बारे में जागरुकता है जरूरी

आधुनिक जीवनशैली ने हमें बहुत सारी सुविधाएं दी हैं। यही वजह है कि कोविड-19 महामारी भी हमें रोक नहीं पाई। मगर इसी आधुनिक जीवनशैली ने हमें डायबिटीज जैसा धीमा जहर भी दिया है।
Diabetes ek lifestyle disorder hai, iss se bachna zaruri hai
इस विश्व मधुमेह दिवस पर जरूरी है कि आप इस घातक बीमारी के बारे में सब कुछ जानें। चित्र : शटरस्टॉक
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ढेरों व्यंजन, अत्याधुनिक सुविधाएं और फिंगर टिप्स पर देश-दुनिया की हर जानकारी। आज हमारे पास क्या नहीं है। इसके बावजूद हमारी जीवन प्रत्याशा और गुणवत्ता कम होती जा रही है। इसके लिए जिम्मेदार घातक वजहों में से एक मधुमेह यानी डायबिटीज भी है। इंसुलिन की खोज के 100 साल बाद भी लाखों लोग इस तक पहुंच नहीं पाए हैं। इसलिए इस विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day 2021) पर जरूरी है कि आप इस घातक बीमारी के बारे में सब कुछ जानें। 

डायबिटीज यानी मधुमेह (Diabetes) दुनिया भर में बड़ी समस्या के रूप में उभरकर सामने आ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व स्तर पर, अनुमानित 422 मिलियन वयस्क 2014 में मधुमेह के साथ जी रहे थे। जबकि 1980 में इनकी संख्या 108 मिलियन थी। मधुमेह का वैश्विक प्रसार 1980 के बाद से लगभग दोगुना हो गया है, जो वयस्क आबादी में 4.7% से बढ़कर 8.5% हो गया है। इस मामले में भारत दूसरे नंबर पर है। इसीलिए हर साल लोगों को डायबिटीज से जागरूक करने के लिए 14 नवंबर के दिन को वर्ल्ड डायबिटीज डे (World Diabetes Day 2021) के रुप में मनाया जाता है। 

world diabetes day 2021
डायबिटीज से बचाव के लिए हमें जागरूक होने और जानकारियां हासिल करने की जरूरत होती है। चित्र : शटरस्टॉक

वर्ल्ड डायबिटीज डे 

14 नवंबर को सर फ्रेडरिक बैटिंग का जन्मदिन होता है। इन्होंने 1922 में चार्ल्स बेस्ट के साथ मिलकर इंसुलिन की खोज की थी, जो आज शुगर के रोगियों के काफी काम आती है। इंसुलिन से शरीर में शुगर की मात्रा को काबू में रखने की सहायता मिलती है। इसीलिए 14 नवंबर को ही विश्व डायबिटीज दिवस मनाया जाता है।

कब और कैसे हुई इस दिन की शुरुआत ?

वर्ल्ड डायबिटीज डे की शुरुआत 1991 में इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन और फिर विश्व स्वास्थ संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) द्वारा डायबिटीज से बनती चिंताजनक स्थिति को देखते हुए किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य जागरूकता फैलाना था। तब से लेकर हर साल 14 नवंबर के दिन लोगों को डायबिटीज के प्रति जागरूक करने के लिए डायबिटीज दिवस मनाया जाता है।

विश्व मधुमेह दिवस (World diabetes day) दुनिया का सबसे बड़ा जागरूकता अभियान है। इसमें 160 से भी ज्यादा देश शामिल हैं। हर साल इस अभियान के चलते कई लोगों का ध्यान डायबिटीज जैसी बीमारी और उससे जुड़े कई अहम सेहत के मुद्दों पर जाता है। 

देखिए इस अभियान का लोगो

जागरूकता फैलाने के लिए अभियान के लोगों को 2007 में अपनाया गया। जब संयुक्त राष्ट्र में इसके लिए प्रस्ताव पारित किया गया। यह लोगों नीले रंग का है। यह डायबिटीज के जवाब में वैश्विक डायबिटीज समाज की एकता को दिखाता है। इसके साथ ही हर साल एक थीम के आधार पर अभियान चलाया जाता है और डायबिटीज के प्रति जागरूकता फैलाई जाती है।

जानिए क्या है इस बार की थीम 

विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा घोषणा की गई कि साल 2021 से 2023 तक  वर्ल्ड डायबिटीज डे की थीम Access to diabetes Care यानी मधुमेह की देखभाल तक पहुंचना है। विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा कहा गया है कि “इंसुलिन की खोज के 100 साल बाद भी दुनिया भर में मधुमेह से पीड़ित लाखों लोग आवश्य उपचार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। मधुमेह से ग्रस्त लोगों को अपनी स्थिति का प्रबंधन करने और जटिलताओं से बचने के लिए निरंतर देखभाल और सहायता की आवश्यकता होती है।”

क्या हैं मधुमेह के कारण 

डायबिटीज में हमारा इम्यून सिस्टम हमारे शरीर के खिलाफ काम करने लगता है। और वह पैंक्रियाज में इंसुलिन बनाने वाली सेल्स पर अटैक करता है। वहीं मधुमेह रोग आनुवांशिक या पर्यावरणीय कारकों के कारण भी हो सकता है।

इसके आलावा यह , उम्र के बढ़ने, शारीरिक गतिविधि न होने, मोटापा, हाईपरटेंशन जैसी स्थितियों के कारण भी हो सकता है। हाई कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स, पॉलीसिस्टिक, ओवरी सिंड्रोम, तनाव या अवसाद, जीवनशैली की आदतें जैसे धूम्रपान भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। 

कोविड-19 और उसका उपचार एक नया कारक है जो डायबिटीज के कारणों की सूची में जुड़ गया है। 

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high blood sugar hai diabetic eye ka kaaran
हाई ब्लड शुगर है कई समस्याओ की जड़ चित्र : शटरस्टॉक

पहचानिए इस साइलेंट किलर के लक्षण 

डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है, जो खून और यूरिन में ग्लूकोज के स्तर को बढ़ाती है। अगर आपको यह लक्षण नजर आते हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता है।

  1. अधिक प्यास लगना
  2. भूख
  3. वजन कम होना
  4. थकान
  5. चक्कर आना
  6. घाव भरने में समय लगना
  7. संक्रमण या त्वचा की समस्या
  8. मतली और उल्टी
  9. धुंधली दृष्टि

अगर ज्यादा समय तक हमारे खून में ग्लूकोज की मात्रा बड़ी रहती है, तो इससे हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंग जैसे दिल, किडनी व अन्य अंगों के खराब होने का जोखिम बन सकता है। 

जागरुकता ही बचाव भी है

बिना जागरूक हुए हम किसी भी समस्या का निवारण नहीं कर सकते। डायबिटीज से बचाव के लिए भी हमें जागरूक होने और जानकारियां हासिल करने की जरूरत होती है। ताकि हम सही समय पर परहेज कर सके। 

डायबिटीज को लेकर कई खाद्य पदार्थ भ्रम से जूझ रहे हैं, ऐसे में जागरूकता की कमी के कारण हम अपने स्वास्थ्य को लेकर कुछ गलतियां कर जाते हैं। जागरूक होना ही बचाव का पहला कदम है। 

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