मधुमेह का निदान होते ही व्यक्ति सोच में पड़ जाता है। यह किसी भी व्यक्ति की पूरी दिनचर्या को बदल सकता है। खानपान में मीठा बंद, आलू बंद, कार्ब बंद जैसी कई बंदिशें लागू हो जाती हैं। रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए आप नीम और करेला जैसे कड़वे और बेस्वाद खाने के बीच फंस जाते हैं। इतना ही नहीं सख्त डायबिटिक डाइट के साथ कड़ा व्यायाम भी करना पड़ता है। पर क्या इस सब के बाद भी डायबिटीज को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है? आज इसी पर बात करते हैं।
भागदौड़ भरी इस दुनिया में अनियमित जीवनशैली के कारण मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। यह शरीर में इंसुलिन के स्तर को प्रभावित करता है, जिसके कारण रक्त शर्करा बढ़ जाती है। खून में शक्कर का स्तर अधिक होने की स्थिति को मधुमेह कहा जाता है।
इससे पहले कि हम यह पता करें कि डायबिटीज का इलाज संभव हैं या नहीं, हम बता रहें है इसके प्रकार और उनके बीच का अंतर। मुख्य रूप से लोग दो प्रकार के डायबिटीज के शिकार होते हैं- टाइप 1 (Diabetes type 1) और टाइप 2 (Diabetes type 2)।
टाइप 1 मधुमेह, जिसे जुवेनाइल डायबिटीज (Juvenile Diabetes) के रूप में भी जाना जाता है, एक पुरानी स्थिति है, जिसमें अग्न्याशय (gland) बहुत कम या कोई इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है। इसके कारण शरीर में रक्त शर्करा बढ़ जाता है। ऐसी स्थितियों के लिए कोई इलाज संभव नहीं है, और रोगियों को अपने शेष जीवन तक उचित डाइट, दवा और व्यायाम का पालन करना पड़ता है।
टाइप 2 मधुमेह में, अग्न्याशय अपर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन करता है। यह इंसुलिन का प्रतिरोध भी करता है। यह तब होता है जब आपकी मांसपेशियों, बॉडी फैट और सेल्स उनका विरोध करते हैं। लेकिन आधुनिक शोध ने साबित कर दिया है कि डायबिटिक लाइफस्टाइल का पालन करने से इंसुलिन प्रतिरोध को काफी कम किया जा सकता है।
यह आपके आहार, व्यायाम और लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है। मूल रूप से, ऐसी स्थिति को उचित आहार, उचित व्यायाम और ध्यान के अभ्यास से ठीक किया जा सकता है।
इलाज का अर्थ है किसी बीमारी या स्थिति के लक्षणों को स्थायी रूप से खत्म कर देना। दुर्भाग्य से, आधुनिक चिकित्सा में मधुमेह का इलाज नहीं है। विशेष रूप से टाइप 1 मधुमेह के लिए कोई इलाज नहीं है। इसे केवल प्रबंधित किया जा सकता है, लेकिन ठीक नहीं।
हालांकि, टाइप 2 मधुमेह का इलाज संभव है। इंसुलिन प्रतिरोध के कारण होने वाले उच्च रक्त शर्करा की स्थिति को उलटा किया जा सकता है। लेकिन परेशानी यह है कि भले ही मधुमेह को “ठीक” नहीं किया जा सकता है, फिर भी टाइप 2 मधुमेह का “रिवर्सल” संभव है।
टाइप 2 मधुमेह को उलटना यानि उच्च रक्त शर्करा के लक्षणों को कम करने की प्रक्रिया है। अंततः इस हद तक निश्चिंत हो जाएं कि दवा पर निर्भरता आवश्यक नहीं है। अधिकांश रोगियों के लिए उनकी मधुमेह की दवा पर निर्भरता को समाप्त करना एक ऐसी स्थिति है, जिसे वे प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं।
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