हर साल 20 जुलाई को विश्व शतरंज दिवस (World chess day) इंटरनेशनल चेस डे कि तौर पर मनाते है। साल 1924 में वर्ल्ड चेस फेडरेशन द्वारा इस दिन की शुरुआत की गई थी। चेस ने दुनिया भर में लोकप्रियता प्राप्त की है। वहीं चेस हमारे देश में खेले जाने वाले प्रचलित खेलों में से एक है। इस खेल को पूरी तरह दिमाग से खेला जाता है। इसमें किसी प्रकार की शारीरिक गतिविधि शामिल नहीं होती। इस खेल में दिमाग को दौड़ाते हुए सही चाल चलने की आवश्यकता होती है। यही वजह है कि इसमें आपके मस्तिष्क को खासी मेहनत करनी पड़ती है। जिसका सकारात्मक असर मेमोरी और फोकस बढ़ने (Chess benefits for brain) के रूप में नजर आता है। सिर्फ इतना ही नहीं यह आपके डिमेंशिया के जोखिम को भी कम कर सकता है।
क्या आपको मालूम है चेस खेलने में लोग अपना इतना वक्त क्यों देते हैं? क्या दूसरे फिजिकल गेम्स की तरह यह भी हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता है? बिल्कुल देता है। चेस हमारे मेंटल हेल्थ के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। यह इंडोर गेम होने के साथ ही मेंटल थेरेपी की तरह भी काम करता है। यह मेमोरी इंप्रूव, बेटर ब्रेन फंक्शन, स्ट्रैटेजिक थिंकिंग, फोकस इंप्रूवमेंट और डिमेंशिया जैसी समस्या में कारगर हो सकता है। तो चलिए जानते हैं चेस और मेंटल हेल्थ से जुड़े कुछ जरूरी फैक्टस।
पब मेड सेंट्रल द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार अन्य बच्चों की तुलना में चेस खेलने वाले बच्चों में पर्सपेक्टिव टेकिंग एबिलिटी जल्दी और इफ्फेक्टिव तरीके से डिवेलप होती है। स्किल्ड चेस प्लेयर्स सामने वाले के चाल चलने से पहले ही उनके नेक्स्ट मूव के बारे में अनुमान लगा सकते हैं। बिहेवियरल साइंटिस्ट इसे “थ्योरी ऑफ माइंड” कहते हैं। यह एक हेल्दी सोशल रिलेशनशिप मेंटेन करने के लिए काफी ज्यादा जरूरी होती है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायरमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ द्वारा किए गए एक अध्ययन में देखा गया कि चेस मेंटल कंपलेक्सिटी को फ्लैक्सिबल बनाता है। वहीं बढ़ती उम्र के साथ डिमेंशिया की समस्या को डेवलप होने से रोकता है। इसके साथ ही चेस खेलने से ब्रेन स्ट्रेच करता है। यह ब्रेन के लिए एक इफेक्टिव एक्सरसाइज होती है। इसलिए डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी समस्याओं का प्रभाव कई हद तक कम हो जाता है।
ज्यादातर चेस प्लेयर्स की मेमोरी अन्य लोगों की तुलना में काफी ज्यादा मजबूत होती है। क्योंकि इस गेम को खेलने के लिए अलग-अलग कॉन्बिनेशनस और मूव्स को याद रखने की क्षमता होना जरूरी है। पब मेड सेंट्रल ने चेस प्लेयर और नॉन चेस प्लेयर्स पर एक एक्सपेरिमेंट करते हुए उनकी याद रखने की क्षमता को चेक किया। जहां पता लगा कि चेस खेलने वाले व्यक्ति किसी भी चीज को आसानी से और सही ढंग से याद रखते हैं। वहीं नॉन चैस प्लेयर्स कहीं न कहीं कुछ चीजों को भूल जाते हैं।
फिजिकल एक्सरसाइज और गेम आपके शरीर के दाएं और बाएं दोनों हिस्सो के लिए फायदेमंद होता है। ठीक उसी प्रकार चेस आपके ब्रेन के लिए काम करती है।
एक स्टडी में देखा गया की ब्रेन के लेफ्ट हेमिस्फेर जो कि ऑब्जेक्ट को रिकॉग्नाइज करने में मदद करते हैं और राइट हेमिस्फेर जो पैटर्न को रिकॉग्नाइज करने में मदद करते हैं, चेस इन दोनों को एक सामान्य रूप से संतुलित रखता है। वहीं चेस खेलने में आजमाई जाने वाली टेक्निक ब्रेन के दोनों हिस्सो के लिए एक इफेक्टिव एक्सरसाइज के तौर पर सामने आती है।
एक स्टडी में स्टूडेंट्स के दो ग्रुप को इंवॉल्व किया गया। पहले ग्रुप के स्टूडेंट्स चेस प्लेयर थे और दूसरे ग्रुप के स्टूडेंट चैस नहीं खेलते थें। वही दोनों ग्रुप को कॉमन टॉपिक्स दिए गए और बाद में उनके द्वारा किए गए एक्टिविटीज की तुलना की गई। जिसमें चेस प्लेयर्स के ग्रुप का स्कोर काफी ज्यादा हाई था और वहीं उनके एक्टिविटी करने की क्रिएटिविटी भी काफी अलग नजर आई। अन्य बच्चों की तुलना में सभी चेस प्लेयर्स ने क्रिएटिव थिंकिंग के साथ जवाब दिए।
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