आज वर्ल्ड ब्रेन डे (World brain day 2022) है। हर साल मानसिक स्वास्थ्य और ब्रेन हेल्थ के विषय में लोगों को जागरूक करने के लिए 22 जुलाई को यह दिन मनाया जाता है। ब्रेन हेल्थ सिर्फ कैंसर जैसे रोगों से ही प्रभावित नहीं होती, बल्कि अल्ज़ाइमर, डिमेंशिया समेत कई रोग इसे होने वाले नुकसान के कारण जन्म ले सकते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि अकसर पूछी जाने वाली पहेलियां आपके मस्तिष्क की उम्र बढ़ा सकती हैं? हैरान हैं! असल में ये हेल्दी फैट की तरह ही मस्तिष्क को जरूरी पोषण देती हैं। इस विश्व मस्तिष्क दिवस पर जानते हैं, उन चीजों के बारे में जो आपकी ब्रेन हेल्थ के लिए फायदेमंद हैं।
आपके शरीर और मस्तिष्क में परिवर्तन आपकी उम्र के अनुसार सामान्य रूप से होते रहते हैं। हालांकि, कुछ चीजें हैं, जो आप में होने वाले स्मृति दोष को कम करने और अल्जाइमर रोग या डिमेंशिया जैसे रोगों के विकसित होने की संभावना को कम करने में मदद कर सकती हैं। इस बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए हमने बात की एक्सपर्ट से और जाना ब्रेन हेल्थ बनाए रखने से जुड़े ज़रूरी टिप्स
नियमित की जाने वाली शारीरिक गतिविधि मस्तिष्क को लाभ पहुंचाती है। कई शोध और अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग शारीरिक रूप से सक्रिय हैं और रोज़ व्यायाम करते हैं, उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। इतना ही नहीं उन्हें डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी अपनी चपेट में कम घेरती हैं। मेयो क्लीनिक के शोध के मुताबिक़ ऐसे में अल्जाइमर रोग विकसित होने का जोखिम कम होता है।
मेयो क्लीनिक की यह रिपोर्ट यह भी कहती है कि ये लाभ व्यायाम के दौरान आपके मस्तिष्क में बढ़े हुए रक्त प्रवाह का परिणाम हैं।
इस बारे में बात करते हुए फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, फरीदाबाद के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉक्टर आशीष गुप्ता कहते हैं कि उम्र बढ़ने के दौरान होने वाले मस्तिष्क परिवर्तनों से होने वाली कमी का मुकाबला व्यायाम करने वाले व्यक्ति का मस्तिष्क बेहतर तरीके से कर पाता है।
प्रति सप्ताह 30-60 मिनट रोज़ व्यायाम करने का लक्ष्य रखें। आप वॉक करना, तैरना या टेनिस खेलने को चुन सकती हैं या कोई अन्य मध्यम एरोबिक गतिविधि भी कर सकती हैं जो आपके हृदय की गति को बढ़ाए।
डॉक्टर गुप्ता के अनुसार नींद आपके मस्तिष्क के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मेयो क्लीनिक की नींद से जुड़ी एक रिसर्च कहती है कि नींद आपके मस्तिष्क में असामान्य प्रोटीन को दूर करने में मदद करती है। साथ ही यादों को मजबूत करती है, जो आपकी समग्र स्मृति और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ाती है।
यह महत्वपूर्ण है कि रात में लगातार सात से आठ घंटे की नींद लें, न कि दो-दो, तीन तीन घंटे की टुकड़ों में ली जाने वाली नींद। साउंड स्लीप आपके मस्तिष्क को आपकी यादों को प्रभावी ढंग से संग्रहीत करने का समय देती है। स्लीप एपनिया आपके मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यही कारण है कि आपको सोने के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ सकता है। अगर आपको लगता है कि आपको स्लीप एपनिया है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें ।
आपकी डाइट आपकी ब्रेन हेल्थ में एक बड़ी भूमिका निभाती है। प्लान्ट बेस्ड डाइट, साबुत अनाज, मछली, जैतून का तेल और हेल्दी फैट के अलावा सी फ़ूड को डाइट में शामिल करना आपके मस्तिष्क की सेहत के लिए फायदेमंद रहेगा।
अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग इस तरह की डाइट को अपनी रूटीन में शामिल करते हैं उनमें अल्जाइमर रोग होने की संभावना कम होती है। शोध कहते हैं कि एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल और अन्य हेल्दी फैट में पाए जाने वाले ओमेगा फैटी एसिड आपकी कोशिकाओं के सही ढंग से काम करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। मेयो क्लीनिक के एक शोध में यह भी सामने आया है कि इससे कोरोनरी धमनी रोग का खतरा कम हो जाता है, और ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ती है।
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कस्टमाइज़ करेंआपका मस्तिष्क भी शरीर में मौजूद किसी अन्य मांसपेशी के समान है। आपको इसका उपयोग करने की आवश्यकता है वरना यह काम करने की स्वाभाविक स्पीड खो देता है। अपने मस्तिष्क को आकार में रखने के लिए आप बहुत सी चीजें कर सकते हैं, जैसे कि क्रॉसवर्ड पहेलियां या सुडोकू, पढ़ना, ताश खेलना या पहेली को एक साथ रखना। इसे अपने मस्तिष्क की क्रॉस-ट्रेनिंग मान लें। इसलिए प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए विभिन्न गतिविधियों को शामिल करें।
पहेलियों के साथ पढ़ने या खुद को चुनौती देने के माध्यम से आपका मस्तिष्क कसरत से शरीर के समान ही अच्छा हो सकता है। बहुत अधिक टेलीविजन न देखें, क्योंकि यह एक निष्क्रिय गतिविधि है और आपके मस्तिष्क को उत्तेजित करने के लिए कम हैं।
सामाजिक संपर्क अवसाद और तनाव को दूर करने में मदद करता है। प्रियजनों, दोस्तों और अन्य लोगों से जुड़ने के अवसरों की तलाश करें। खासकर यदि आप अकेले रहते हैं। ऐसे शोध हैं जो एकान्तवास को मस्तिष्क के स्वास्थ्य से जोड़ते हैं। इसलिए सामाजिक रूप से सक्रिय न रहने का विपरीत प्रभाव हो सकता है और सोशली एक्टिव होना आपके मस्तिष्क के स्वास्थ्य को मजबूत कर सकता है।
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