भारत ने इस बार कोरानावायरस की दूसरी लहर का घातक वार झेला है। जिसने कई लोगों को हमसे छीन लिया। साथ ही जो लोग रिवकर हुए उनमें इसके उपचार के साइड इफैक्ट भी सामने आ रहे हैं। ब्लैक फंगस के अलावा बढ़ा हुआ रक्त शर्करा का स्तर (Blood sugar level) भी ऐसी ही एक समस्या है, जो कोविड से रिकवर हुए लोगों में देखने को मिल रही है। आंकड़े बता रहे हैं कि कोविड -19 के बाद उन लोगों को भी डायबिटीज हो रही है, जिन्हें पहले इसकी संभावना भी नहीं थी। आइए जानते हैं कि इस स्थिति को आप कैसे संभाल सकती हैं।
नवंबर 2020 में, डायबिटीज, ओबेसिटी और मेटाबॉलिज्म (the journal Diabetes, Obesity and Metabolism) पत्रिका में प्रकाशित एक वैश्विक विश्लेषण में पाया गया कि गंभीर कोविड-19 के साथ अस्पताल में भर्ती 14.4% लोगों ने मधुमेह विकसित किया। भारत में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां कोविड -19 रोगियों में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है और यह स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
एपिडेमियोलोजी डाटा से पता चलता है कि टाइप 1 मधुमेह का खतरा अक्सर किसी गंभीर बीमारी, जैसे वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस या इन्फ्लूएंजा के बाद विकसित होता है। यही बीमारी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सभी एंटीबॉडी के उत्पादन में वृद्धि करने का कारण बनती है, जिसमें पहले से मौजूद एंटीबॉडी शामिल हैं।
इस बढ़ते हुए इम्युनिटी के हमले से इंसुलिन-उत्पादक बीटा कोशिकाओं का अचानक नुकसान होता है, जिससे तीव्र हाइपरग्लाइसेमिया होता है। जिसे उच्च रक्त शर्करा के स्तर के रूप में भी जाना जाता है।
साथ ही, कुछ लोगों को प्रीडायबिटिक लक्षण भी होते हैं, जो अभी तक सामने नहीं आये होते हैं। ये प्रीडायबिटिक लक्षण स्टेरॉयड और कोविड – 19 जैसी एक्यूट इलनेस के संपर्क में आने से बढ़ जाते हैं और अंततः मधुमेह का रूप ले लेते हैं।
रात में बार-बार पेशाब के लिए जाना
अचानक वज़न घटना
रूखी त्वचा
बीमारी से ठीक होने में समय लगना
धुंधला दिखाई देना
बार – बार प्यास लगना
उच्च रक्त शर्करा के स्तर वाले लोगों में सामान्य से कम रक्त प्रवाह होता है, जिससे शरीर के लिए पोषक तत्वों का दोहन करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए बेहद ज़रूरी है कि सही, संतुलित और सुपाच्य आहार लिया जाए
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1. हल्का और सुपाच्य भोजन करें और किसी भी प्रकार से चीनी से परहेज करें।
2. हल्के व्यायाम को अपनी दिनचर्या में ज़रूर शामिल करें जैसे योगा, इससे शरीर के हॉर्मोन नियंत्रण में रहते हैं।
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कस्टमाइज़ करें3. अपने वज़न को नियंत्रण में रखने की कोशिश करें। अधिक वजन होने से आपके शरीर के लिए रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है।
4. फाइबर कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण और रक्त में शर्करा के स्राव को धीमा कर सकता है। इसलिए, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ लें जैसे – ओट्स, नट्स, हरी सब्जियां।
5. डिहाइड्रेशन रक्त शर्करा नियंत्रण को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इसलिए पानी की कमी न होने दें।
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