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कोविड-19 के बाद क्यों बढ़ जाता है शुगर लेवल, जानिए आपको क्‍या करना है

कोरोना वायरस अपने आप में बेहद जटिल है, यह वायरस इतना घातक है कि इसके उपचार के दौरान भी मरीजों को कई साइड इफैक्ट झेलने पड़ते हैं। ऐसा ही एक दुष्प्रभाव है बढ़ा हुआ शुगर लेवल। आपको जानना चाहिए कि आप इस स्थिति को कैसे संभाल सकती हैं।
Updated On: 17 Oct 2023, 03:29 pm IST
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कोविड - 19 से पीड़ित होने के बाद बढ़ सकता है डायबिटीज का खतरा. चित्र : शटरस्टॉक
कोविड - 19 से पीड़ित होने के बाद बढ़ सकता है डायबिटीज का खतरा. चित्र : शटरस्टॉक

भारत ने इस बार कोरानावायरस की दूसरी लहर का घातक वार झेला है। जिसने कई लोगों को हमसे छीन लिया। साथ ही जो लोग रिवकर हुए उनमें इसके उपचार के साइड इफैक्ट भी सामने आ रहे हैं। ब्लैक फंगस के अलावा बढ़ा हुआ रक्त शर्करा का स्तर (Blood sugar level) भी ऐसी ही एक समस्या है, जो कोविड से रिकवर हुए लोगों में देखने को मिल रही है। आंकड़े बता रहे हैं कि कोविड -19 के बाद उन लोगों को भी डायबिटीज हो रही है, जिन्हें पहले इसकी संभावना भी नहीं थी। आइए जानते हैं कि इस स्थिति को आप कैसे संभाल सकती हैं।

कोविड के बाद बढ़ रहा है ब्लड शुगर लेवल

नवंबर 2020 में, डायबिटीज, ओबेसिटी और मेटाबॉलिज्म (the journal Diabetes, Obesity and Metabolism) पत्रिका में प्रकाशित एक वैश्विक विश्लेषण में पाया गया कि गंभीर कोविड-19 के साथ अस्पताल में भर्ती 14.4% लोगों ने मधुमेह विकसित किया। भारत में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां कोविड -19 रोगियों में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है और यह स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

क्या हो सकता है इसका कारण

एपिडेमियोलोजी डाटा से पता चलता है कि टाइप 1 मधुमेह का खतरा अक्सर किसी गंभीर बीमारी, जैसे वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस या इन्फ्लूएंजा के बाद विकसित होता है। यही बीमारी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सभी एंटीबॉडी के उत्पादन में वृद्धि करने का कारण बनती है, जिसमें पहले से मौजूद एंटीबॉडी शामिल हैं।

इस बढ़ते हुए इम्युनिटी के हमले से इंसुलिन-उत्पादक बीटा कोशिकाओं का अचानक नुकसान होता है, जिससे तीव्र हाइपरग्लाइसेमिया होता है। जिसे उच्च रक्त शर्करा के स्तर के रूप में भी जाना जाता है।

कोविड के बाद बढ़ सकता है आपका शुगर लेवल. चित्र : शटरस्टॉक
कोविड के बाद बढ़ सकता है आपका शुगर लेवल. चित्र : शटरस्टॉक

साथ ही, कुछ लोगों को प्रीडायबिटिक लक्षण भी होते हैं, जो अभी तक सामने नहीं आये होते हैं। ये प्रीडायबिटिक लक्षण स्टेरॉयड और कोविड – 19 जैसी एक्यूट इलनेस के संपर्क में आने से बढ़ जाते हैं और अंततः मधुमेह का रूप ले लेते हैं।

पहचानिए क्या हो सकते हैं इसके संकेत

रात में बार-बार पेशाब के लिए जाना
अचानक वज़न घटना
रूखी त्वचा
बीमारी से ठीक होने में समय लगना
धुंधला दिखाई देना
बार – बार प्यास लगना

उच्च रक्त शर्करा के स्तर वाले लोगों में सामान्य से कम रक्त प्रवाह होता है, जिससे शरीर के लिए पोषक तत्वों का दोहन करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए बेहद ज़रूरी है कि सही, संतुलित और सुपाच्य आहार लिया जाए

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ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने के लिए टिप्स

1. हल्का और सुपाच्य भोजन करें और किसी भी प्रकार से चीनी से परहेज करें।

हल्के व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें। चित्र: शटरस्‍टॉक
हल्के व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें। चित्र: शटरस्‍टॉक

2. हल्के व्यायाम को अपनी दिनचर्या में ज़रूर शामिल करें जैसे योगा, इससे शरीर के हॉर्मोन नियंत्रण में रहते हैं।

3. अपने वज़न को नियंत्रण में रखने की कोशिश करें। अधिक वजन होने से आपके शरीर के लिए रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है।

4. फाइबर कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण और रक्त में शर्करा के स्राव को धीमा कर सकता है। इसलिए, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ लें जैसे – ओट्स, नट्स, हरी सब्जियां।

5. डिहाइड्रेशन रक्त शर्करा नियंत्रण को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इसलिए पानी की कमी न होने दें।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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