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हाई कोविड रिस्क रोगियों के लिए एंटीबॉडी ट्रीटमेंट है कारगर: डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को कोविड -19 के लिए सिंथेटिक एंटीबॉडी उपचार (synthetic antibody treatment) की सिफारिश की। लेकिन यह केवल हाई रिस्क कोविड रोगियों के लिए है।
NCD में डायबिटीज और कैंसर शामिल हैं। चित्र शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 25 Sep 2021, 14:00 pm IST
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बीएमजे में प्रकाशित डब्ल्यूएचओ की खोज के अनुसार जो व्यक्ति कोविड-19 से गंभीर रूप से प्रभावित नहीं है, वे एंटीबॉडी कॉम्बो ले सकते हैं। लेकिन गंभीर रूप से बीमार रोगी जिनकी इम्यूनिटी बहुत कम है, को बिना किसी प्रतीक्षा के ये सिंथेटिक एंटीबॉडी उपचार (synthetic antibody treatment) का विकल्प चुनना चाहिए। 

कोविड -19 एंटीबॉडी के बारे में क्या कहता है अध्ययन?

ग्लोबल हेल्थ अथॉरिटी द्वारा यह निश्चय किया गया है कि कोविड के लिए रीजेनरॉन (regeneron) ही तीसरा उपचार विकल्प है। उन्होंने इस उपचार को “लिविंग डब्लूएचओ गाइडलाइंस” में शामिल कर दिया है। 

जुलाई में, डब्लूएचओ (WHO) ने दवाओं के एक वर्ग को मंजूरी दी थी, जो COVID का कारण बनने वाले SARS-CoV-2 वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ाने पर होने वाले रिएक्शन को दबाता है। ये दवाएं कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (corticosteroids) के साथ मिलकर अच्छी तरह से काम करती हैं, जिन्हें पहली बार डब्ल्यूएचओ (WHO) द्वारा सितंबर 2020 में कोविड रोगियों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।

ग्लोबल हेल्थ अथॉरिटी ने कहां कि कोविड के लिए रीजेनरॉन (regeneron) ही तीसरा उपचार विकल्प है। चित्र: शटरस्टॉक

बीएमजे के अनुसार, यह सिंथेटिक एंटीबॉडी ट्रीटमेंट (synthetic antibody treatment) कोविड-19 से पीड़ित बुजुर्ग या इम्यूनोसप्रेस्ड (immunosuppressed) रोगियों के लिए अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को कम करने के लिए कारगर है।

डब्ल्यूएचओ (WHO) द्वारा दूसरी श्रेणी के मरीजों पर की गई स्टडी के अनुसार इन दवाओं को लेने वाले रोगियों में मौतों की संख्या में कमी और वेन्टीलेटर  की आवश्यकता न पड़ने जैसी स्थिति की सूचना मिली है।

“अन्य सभी कोविड -19 रोगियों के लिए, इस एंटीबॉडी उपचार के सार्थक होने की संभावना नहीं है” डब्ल्यूएचओ 

बायोटेक फर्म रेजेनरॉन (Regeneron)  द्वारा डिजाइन किया गया और रोचे (Roche) नामक फार्मास्युटिकल कंपनी ने मिलकर रॉनप्रेव (Ronapreve) नाम से इस उपचार को बनाया है। यह ट्रीटमेंट पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को कोरोनो वायरस होने पर दिया गया था।

जब मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कासिरिविमैब (casirivimab) और इमदेविमाब (imdevimab) को एक साथ इस्तेमाल किया जाता है, तो SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन क अनिर्माण होता है। इससे ये वायरस सेल्स को संक्रमित करने में असमर्थ हो जाते है। 

फिट रहकर कोविड-19 क लिए इम्यूनिटी बनाएं। चित्र: शटरस्‍टॉक

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कोविड -19 के खिलाफ एक और उपचार को जोड़ना चाहता है। मगर उन्हें चिंता है कि इस ट्रीटमेंट की ज्यादा कीमत स्वास्थ्य असमानता को बढ़ावा दे सकती है। 

इस विषय पर कंपनियों से बात की जा रही है कि वे कम कीमत में इस उपचार को पूरे विश्व में उपलब्ध कराने की कोशिश करें। डब्ल्यूएचओ (WHO) यूनिसेफ (UNICEF) के माध्यम से दवा के दान और वितरण के लिए कंपनी के साथ भी चर्चा कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र (UN)  हेल्थ अथॉरिटी ने अन्य कंपनियों से दवा के “बायो-सिमिलर” (biosimilar) वर्ज़न को प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है। 

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कोविड-19 से बचने के लिए मास जरूर लगाएं चित्र: शटरस्टॉक

जुलाई में, जापान हल्के से मध्यम कोविड -19 के रोगियों के लिए रीजेनरॉन (regeneron) के एंटीबॉडी ट्रीटमेंट (antibody treatment)  को पूरी तरह से मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया था।

इस एंटीबॉडी ट्रीटमेंट को यूरोपीय संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, स्विट्जरलैंड और कनाडा सहित कई देशों और क्षेत्रों में आपातकालीन या अस्थायी महामारी के उपयोग के लिए मजूरी मिल गई है।

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टीम हेल्‍थ शॉट्स

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