प्रेगनेंसी को हमेशा मोटापे के साथ जोड़ा जाता है। विशेषज्ञों द्वारा भी इस बात की सलाह दी जाती है कि ज्यादा वजन वाली महिलाओं को प्रेगनेंसी में दिक्कत आती है। एक हद तक यह बात सच भी है। हालांकि यह भी सलाह दी जाती है कि यदि आप कंसीव करने की सोच रही हैं, तो आपको वजन कम करने पर पूरा ध्यान देना चाहिए। लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन में दावा किया गया कि वेट लॉस गर्भ धारण करने की शत-प्रतिशत गारंटी नहीं है।
अध्ययन के बारे में समझने से पहले यह समझना बहुत जरूरी है कि आखिर वजन से गर्भावस्था का क्या संबंध है।
महिलाओं में ज्यादा वजन इनफर्टिलिटी की समस्या उत्पन्न कर सकता है। यह बात तो सभी जानते हैं कि मोटापा दिल की बीमारियों से लेकर मधुमेह जैसी बीमारियों तक के लिए जिम्मेदार है। मोटापे को इनफर्टिलिटी के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जाता है।
दरअसल मोटापा हार्मोनल असंतुलन,ओव्यूलेशन के साथ समस्याएं (अंडाशय से अंडे का निकलना), मासिक धर्म संबंधी विकार के जोखिम का कारण है। ऐसे में मोटापा या ज्यादा वजन पूर्ण रूप से गर्भावस्था को प्रभावित करता है। गर्भावस्था के दौरान मोटापा और अधिक वजन बढ़ना भी गर्भावस्था की कई जटिलताओं से जुड़ा हुआ है। जिसमें :
हालांकि एक शोध इस बात का दावा करता है कि ऐसा जरूरी नहीं है कि वजन कम करने के बाद आपकी फर्टिलिटी इंप्रूव हो जाएगी।
यह अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया स्कूल ऑफ मेडिसिन सेंटर फॉर रिसर्च इन रिप्रोडक्शन के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया। इसमें दावा किया गया कि वजन घटाने से प्रजनन क्षमता को कोई लाभ नहीं है। इस अध्ययन में शामिल प्रमुख शोधकर्ता डैनियल जे कहते हैं कि “हम दशकों से जानते हैं कि मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को अक्सर गर्भवती होने में कठिनाई होती है। इस कारण से, कई चिकित्सक गर्भधारण से पहले वजन घटाने की सलाह देते हैं। हालांकि, कुछ अध्ययन हैं जिन्होंने स्वस्थ जीवनशैली की तुलना में इस मुद्दे को संबोधित किया है।
लेकिन इस अध्ययन में मोटापे और अस्पष्टीकृत बांझपन के साथ 379 महिलाओं की एक रेंडम स्टडी में पाया गया कि गहन जीवनशैली में बदलाव के बिना वजन घटाने से गर्भावस्था और स्वस्थ जन्म की कोई बेहतर संभावना नहीं है।
इस अध्ययन में 9 अकादमिक चिकित्सा केंद्रों के प्रतिभागियों को दो समूहों में विभाजित किया। आधी महिलाओं ने भोजन के प्रतिस्थापन, दवाओं और बढ़ी हुई शारीरिक गतिविधि का उपयोग करके गहन आहार लिया। वहीं दूसरी तरफ आधी ने वजन कम करने की कोशिश किए बिना बस अपनी शारीरिक गतिविधि में वृद्धि की। कार्यक्रमों को पूरा करने के बाद, दोनों समूहों को मानक बांझपन उपचार के तीन दौर मिले।
वजन घटाने के कार्यक्रम में महिलाओं ने अपने शरीर के वजन का औसतन 7 प्रतिशत खो दिया। जबकि केवल व्यायाम समूह में प्रतिभागियों ने अपना वजन बनाए रखा। लेकिन, अंत में, स्वस्थ जन्मों की आवृत्ति के संदर्भ में दोनों समूहों के बीच कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं था। कुल मिलाकर, 16-सप्ताह के गहन वेट लॉस कार्यक्रम को पूरा करने वाली 188 महिलाओं में से 23 ने बच्चे को जन्म दिया।
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