आंख शरीर के महत्वपूर्ण और संवेदनशील अंगों में से एक है। इसके प्रति बरती गई छोटी सी लापरवाही भी आपके लिए बड़ी मुसीबत का कारण बन सकती है। ओवर दी काउंटर (OTC) मेडिसिन हो या मेकअप प्रोडक्ट (makeup products) हो, कोई भी केमिकल वाली चीज आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए जरूरी है कि आंखों पर इस्तेमाल होने वाले किसी भी प्रकार के प्रोडक्ट के बारे में पूरी जानकारी हो। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की ओर से इसी सप्ताह एक रिपोर्ट (CDC report on eye drops risks) प्रकाशित की गई है। उस रिपोर्ट के अनुसार आंखों में आर्टिफीशियल आंसू (Artificial tears eye drops) लाने के लिए इस्तेमाल होने वाले आई ड्राॅप्स भी (eye drops risks) आंखों की नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए जानते हैं इस रिपोर्ट के बारे में विस्तार से।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन द्वारा बुधवार की रात प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार आंखों में आर्टिफिशियल आंसू लाने वाले आई ड्रॉप (Ezricare) के इस्तेमाल के बाद लगभग 12 स्टेट्स से 55 लोगों ने इससे होने वाले नुकसान की शिकायत की। इनमें से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। जबकि इनमें शामिल 3 लोगों ने अपने आंखों की रोशनी हमेशा के लिए खो दी।
कैलिफोर्निया, कोलोराडो, कनेक्टिकट, फ्लोरिडा, न्यू जर्सी, न्यू मैक्सिको, न्यूयॉर्क, नेवादा, टेक्सास, यूटा, वाशिंगटन और विस्कॉन्सिन में इसके मामले दर्ज किए गए हैं। आई ड्राॅप को इस्तेमाल करने के बाद वाशिंगटन में ब्लड इंफेक्शन की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई। आंखों की रोशनी खो देने वाले तीनों व्यक्ति कैलिफोर्निया और न्यूजर्सी से बताए गए हैं।
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प्रभावित 55 लोगों को स्यूडोमोनास एरुजिनोसा से संक्रमित पाया गया। यह एक प्रकार का जीवाणु है जो अधिकांश एंटीबायोटिक दवाओं के लिए प्रतिरोधी के रूप में काम करता है। हालांकि, सभी प्रभावित व्यक्तियों को आंखों में इंफेक्शन नहीं हुआ है। उनमें से लगभग 11 लोग आई इन्फेक्शन से ग्रसित हैं, तो 3 अपनी एक आंख की रोशनी को हमेशा के लिए खो चुके हैं। वहीं किसी में रेस्पिरेट्री इनफेक्शन तो किसी में यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन की समस्या देखने को मिली। इसके साथ ही बैक्टीरिया के ब्लड स्ट्रीम में पहुंचने से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इलाज के दौरान इंफेक्शन से प्रभावित लोगों से पूछताछ की गई। इस दौरान पता लगा कि सभी ने इनफेक्टेड होने के पहले आर्टिफिशियल रूप से आंसू लाने वाले आई ड्रॉप का इस्तेमाल किया था। वहीं इनमें से कई लोग ब्रांड का नाम याद नहीं कर पा रहे थे। लगभग 85% लोगों ने प्रिजर्वेटिव फ्री एक खास ब्रांड के आई ड्रॉप का इस्तेमाल किया था।
यदि आप में से किसी ने हाल ही में आर्टिफिशियल रूप से आंसू लाने वाले आई ड्रॉप या अन्य किसी प्रकार के ओवर दी काउंटर आई ड्राॅप का इस्तेमाल किया है, तो इस तरह के लक्षण नजर आने पर फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।
आंखों से पीले, हरे और अन्य प्रकार के डिस्चार्ज।
इस्तेमाल के बाद आंखों में दर्द और जलन महसूस होना।
आंख और आईलिड का लाल होना।
यदि आंखों में किसी चीज के होने का एहसास हो।
रोशनी में जाते ही आंखों का अधिक सेंसेटिव हो जाना।
विजन का धुंधला होना।
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आमतौर पर आर्टिफिशियल रूप से आंसू लेन वाले आईड्रॉप का इस्तेमाल ड्राई आईज की समस्या में आंखों को लुब्रिकेट करने के लिए किया जाता है। यह आंखों के मॉइस्चर को मेंटेन रखने में मदद करती है और ड्राई आइज की समस्या में कारगर होती है। कई बार आंखों के ऑपरेशन, पर्यावरणीय प्रदूषण और अन्य मेडिकल कंडीशन के कारण भी आंखों में आर्टिफीशियल टीयर्स लाने वाले आई ड्राॅप का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
हालांकि, यह बाजार में बिना प्रिसक्रिप्शन के भी उपलब्ध होते हैं, परंतु हाल में हुए गंभीर मामलों के बाद हम सभी को सचेत रहने की जरूरत है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के आंखों में किसी भी प्रकार के आई ड्रॉप का इस्तेमाल करने से बचें।
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