मिट्टी का घड़ा प्रकृति का सबसे क्यूट और नेचुरल कूलेंट है। बचपन की यादों को ताजा करें तो सभी ने घड़े और पतली गर्दन वाली सुराही का पानी जरूर पिया होगा। यह सुराही आपको न सिर्फ दिन भर ठंडा पानी देती है, बल्कि यह आपकी सेहत को भी ढेर सारे फायदे देती है। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर कैसा रहे अगर आप फिर इस प्राकृतिक ठंडक देने वाले मिट्टी के घड़े की तरफ लौट चलें।
फ्रिज में रखी ढेर सारी प्लास्टिक और कांच की बोतलें भी आपको वह तृप्ति नहीं दे सकतीं, जो घड़े का ठंडा पानी देता है। इसे आप मटका कहें, सुराही या क्ले पॉट, इसकी गुडनेस हमेशा बनी रहेगी।
मिट्टी के घड़े का पानी पीने के स्वास्थ्य लाभ
कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि प्लास्टिक बोतल और कंटेनर में रखा हुआ पानी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। प्लास्टिक में बिस्फेनॉल ए या बीपीए जैसे जहरीले रसायन होते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। लेकिन मिट्टी के बर्तन में रखा पानी किसी भी प्रकार के रसायनों से मुक्ति होता है।
जिससे आपका मेटाबॉलिज्म किसी भी तरह के रसायन के संपर्क में नहीं होता और वह बेहतर तरीके से काम करता है।
मिट्टी के घड़े में पानी रखने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि यह अपनी नेचुरल कूलिंग प्रोपर्टीज से पानी को ठंडा करता है। मूलत: यह वाष्पीकरण के सिद्धांत पर काम करता है। मिट्टी से बने इस घड़े में छोटे-छोटे छेद होते हैं, जो पानी को ठंडा करने के साथ ही उसे वे मिनरल भी देत हैं, जो मिट्टी में प्राकृतिक रूप में मौजूद होते हैं।
मिट्टी के बर्तन का पानी पीने से गर्मियों में सनस्ट्रोक जैसी समस्या से बचा जा सकता है। आपने नोटिस किया होगा कि फ्रिज का या बर्फ का पानी पीने से गला खराब होने और कफ बनने की समस्या हो सकती है। जबकि मिट्टी के घड़े का पानी पीने से ऐसी किसी भी समस्या से बचा जा सकता है।
चूंकि मिट्टी एल्काोलाइन प्रोपर्टीज होती हैं, जो शरीर में पानी के पीएच लेवल को बनाए रखने में मदद करती हैं। जिसका लाभ यह होता है कि आपको पेट में अपच, गैस जैसी समस्या एं नहीं होती।
तो अब आप जान गईं हैं कि मिट्टी का घड़ा कितनी सारी गुडनेस लिए रहता है। यह आपको कूल रखता है और कई बीमारियों से भी बचाता है। आप चाहें तो पानी रखने के साथ-साथ दही रखने या दाल रखने के लिए भी मिट्टी के बर्तनों का इस्तेपमाल कर सकती हैं। यह आपको और भी ज्यायदा लाभ देंगे।