एक्सरसाइज़ करना हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है, यह तो हम सब जानते हैं। व्यायाम करने से न केवल आप फिट रहते हैं बल्कि खुश भी रहते हैं। व्यायाम करने के लिए हरियाली भरे पार्क से बेहतर क्या होगा, है ना!
अगर आप बाहर निकल कर वर्कआउट करना चाहती हैं तो आपको जिम की बजाए पार्क को प्राथमिकता देनी चाहिए। कई शोध यह बात स्पष्ट कर चुके हैं कि जिम अब भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं। यहां संक्रमण के फैलने की संभावना सबसे ज्यादा है। बार-बार इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों को लगातार सेनिटाइज करना संभव नहीं है।
जबकि पार्क में आप खुली हवा में व्यायाम के साथ-साथ ब्रीदिंग प्रैक्टिस भी कर सकती हैं। फिजिकल एक्टिविटी एंड ट्रांज़िट सर्वे के अनुसार लोग पार्क के मुकाबले जिम या अन्य बन्द जगहों पर एक्सरसाइज़ करना ज्यादा पसंद करते हैं जबकि पार्क में व्यायाम करना उनके फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए ज्यादा फायदेमंद है।
इस सर्वे में पाया गया कि पार्क से 5 मिनट वाकिंग डिस्टेंस पर रहने वाले लोग पार्क से 30 मिनट दूरी पर रहने वालों के मुकाबले पार्क जाना ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन इसमें भी ऐज और जेंडर एक बड़ा रोल अदा करते हैं।
13 वर्ष से कम आयु के बच्चे दिन के समय पार्क में सेफ फील करते हैं, वहीं अंधेरा होने के बाद उन्हें पार्क में खेलना ठीक नही लगता। 15 से 30 वर्ष के बीच की 85% महिलाएं पार्क बिल्कुल नहीं जातीं, चाहें पार्क कितने भी पास हो। इन महिलाओं ने जिम क्लासेज को पार्क से ज्यादा सेफ जगह माना।
50 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों ने बताया कि वे सुबह पार्क में टहलना पसन्द करते हैं मगर शाम को उन्हें पार्क सेफ नहीं लगते।
1. पार्क का होना लोगों को एक्सरसाइज करने के लिए प्रेरित करता है। अक्सर लोग पार्क घर के करीब होने के कारण टहलने या जॉगिंग करने आ जाते हैं।
2. प्रकृति के करीब लाता है पार्क और प्रकृति सबसे अच्छी स्ट्रेस बस्टर होती है। यानी कि पार्क में समय बिताने से आपका तनाव कम होता है। साइकोलॉजिकल हेल्थ के लिए पार्क बहुत ज़रूरी है।
3. बच्चों के लिए खेलने की जगह है पार्क, जहां बच्चों का शारीरिक विकास तो होता ही है साथ ही वे जीवन के कई सबक भी सीखते हैं। बच्चों की ग्रोथ में पार्क का एक सकारात्मक योगदान है।
4. पार्क में पेड़-पौधे होते हैं जो अपने आसपास की हवा को स्वच्छ करते हैं। आपके घर के पास पार्क होने से आपके एरिया की हवा ज्यादा साफ होती है।
5. एक सोशल प्लेस है पार्क। लोग पार्क में सिर्फ एक्सरसाइज ही नहीं करते, वहां एक-दूसरे से मिलते- जुलते हैं। पार्क सोशल गैदरिंग के पक्ष से भी बहुत महत्वपूर्ण है।
ग्रॉसमेन स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर स्टेफनी ओर्स्टेड के अनुसार बढ़ता क्राइम रेट के कारण लोगों को अपने लोकल एरिया में भी असुरक्षित महसूस हो रहा है। पार्क्स का मैनेजमेंट सरकार की प्राथमिकता नहीं रहा है, इसका सबसे बड़ा प्रमाण है पार्क्स में लाइट्स और सफ़ाई की कमी। पार्क में पर्याप्त लाइट न होने के कारण बच्चे अंधेरा होने के बाद पार्क में सेफ महसूस नहीं करते।
“पार्क की स्थिति को सुधारने के लिए लोकल गवर्मेन्ट बॉडीज को ही आगे आना होगा,” कहती हैं डॉ स्टेफनी।
लोगों के मन मे अपनी सेफ्टी की इतनी चिंता है कि वे फ्री पार्क छोड़कर हज़ारों की फीस वसूलने वाले जिम को चुन रहें हैं, यह सरकार के लिए शर्मनाक बात है। पार्क में बढ़ते क्राइम को रोकने के लिये सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है।
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